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MPL गवर्निंग कमेटी में महानआर्यमन सिंधिया द्वारा लिए गए फैसले को 4 दिन के अंदर खारिज, दो नए सदस्यों की नियुक्ति की थी

ग्वालियर. मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष महानआर्यमन सिंधिया द्वारा लिए गए एक फैसले को चार दिन के अंदर ही खारिज कर दिया गया है। उन्होंने एमपीएल गवर्निंग कमेटी में दो नए सदस्यों की नियुक्ति की थी जिसे अब रद्द कर दिया गया है। महानआर्यमन सिंधिया ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर के बेटे रिपुदमन सिंह और सिंधिया परिवार के करीबी धीरज पाराशर को मध्य प्रदेश प्रीमियर लीग गवर्निंग कमेटी में सदस्य बनाया था। इन नियुक्तियों पर विवाद खडा हो गया था।


ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तुरंत पलटवाने का निर्देश दिया
विवाद बढने के बाद चार दिन के भीतर ही यह फैसला बदल दिया गया। दोनों नए सदस्यों कमेटी से हटाकर उनके स्थान पर नए नाम जोडे गए। सूत्रों के अनुसार जैसे ही यह जानकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया तक पहुंची उन्होंने इस फैसले को तुरंत पलटवाने का निर्देश दिया क्योंकि उन्हें लगा कि इन नियुक्तियों पर सवाल उठना स्वाभाविक है। दोनों को इस पद से हटाते हुए संग्राम सिंह कदम और विजय प्रकाश शर्मा उर्फ बेटू को एमपीएल की गवर्निंग बॉडी में नियुक्त कर दिया गया।


यह था मामला
हाल ही में मध्यप्रदेश प्रीमियर लीग की गवर्निंग बॉडी में दो नियुक्तियां की गईं थीं। इन नियुक्तियों की जानकारी सामने आते ही सवाल उठने लगे थे आखिर इनका क्रिकेट में योगदान क्या है। कहा जाने लगा कि जब यह दोनों जीडीसीए तक के सदस्य नहीं हैं तो फिर एमपीएल की गवर्निंग बॉडी में कहां से आ गए। रिपुदमन, मध्यप्रदेश सरकार में सिंधिया कोटे से ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बेटे हैं तो धीरज पाराशर के बारे में कहा जा रहा है कि यह सिंधिया के स्टाफ मेंबर से जुड़े हुए हैं। 24 अक्टूबर को इनकी नियुक्ति का आदेश जारी किया गया था। जीडीसीए के सचिव संजय आहूजा के दस्तखत से यह आदेश जारी किया गया था। इसके बाद इन दोनों नियुक्ति पर सवाल खड़े हुए थे।

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