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राष्ट्रीय साइबर जागरूकता माह” के समापन पर “साइबर जागरूकता रन – 2025” का आयोजन मुख्यमंत्री ने किया फ्लैग-ऑफ, नागरिकों से डिजिटल सुरक्षा अपनाने की अपील

भोपाल, राष्ट्रीय साइबर जागरूकता माह के समापन अवसर पर मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा आज राजधानी भोपाल में “साइबर जागरूकता रन – 2025” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्लेटिनम प्लाज़ा, अटल पथ से रन का फ्लैग-ऑफ किया। रन एपेक्स बैंक तिराहा होते हुए टी.टी. नगर स्टेडियम पर संपन्न हुई।
कार्यक्रम में डीजीपी कैलाश मकवाणा, विधायक भगवानदास सबनानी, विशेष पुलिस महानिदेशक आदर्श कटियार, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक राकेश गुप्‍ता, ए.साईं मनोहर सहित अन्‍य पुलिस अधिकारी, विभिन्न विभागों के अधिकारी, खेल जगत के प्रतिनिधि, मीडिया प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों ने “सुरक्षित रहें – सतर्क रहें – साइबर अपराध से बचें” का संदेश देते हुए साइबर सुरक्षा के प्रति सजगता का संकल्प लिया।पुलिस द्वारा आयोजित “साइबर अवेयरनेस रन – 2025” के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नागरिकों से डिजिटल माध्यमों के उपयोग में सतर्कता और जिम्मेदारी बरतने का आह्वान किया।
डिजिटल भारत — विश्व के लिए एक उदाहरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि आज भारत तकनीक को अपनाने और उसे आमजन के जीवन में उतारने में दुनिया का अग्रणी देश बन चुका है। कई विकसित देश अब भारत की पहल का अनुसरण कर रहे हैं। कोविड काल में भारत के टीकाकरण अभियान और डिजिटल पेमेंट सिस्टम के सफल संचालन ने विश्व के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान व्यवस्था को लेकर भारत आज पूरे विश्व में आदर्श के रूप में देखा जा रहा है।
तकनीकी प्रगति के साथ नई चुनौतियाँ
उन्‍होंने कहा कि नई तकनीक के साथ नई चुनौतियाँ भी सामने आती हैं। प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण हमेशा यह रहा है कि देश नई तकनीक को आत्मसात करे और साथ ही उसकी चुनौतियों के प्रति भी जागरूक रहे। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि साइबर अपराध वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। अपराधियों द्वारा पुलिस अधिकारी, बैंक प्रतिनिधि अथवा सरकारी अधिकारी बनकर आम नागरिकों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। “अब अपराध के तरीके बदल गए हैं, इसलिए सावधानी के तरीके भी बदलने होंगे। उन्‍होंने कहा कि जिस प्रकार पहले के समय में लोग भीड़ में अपनी जेब संभालने की सावधानी रखते थे, आज उसी प्रकार मोबाइल और डिजिटल जानकारी की सुरक्षा का ध्यान रखना आवश्यक है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध लिंक, कॉल या ओटीपी साझा न करें और साइबर सतर्कता को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं।जो आज हर व्यक्ति के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है — डिजिटल सुरक्षा।
श्री मकवाणा ने कहा कि आज की यह दौड़ केवल दौड़ने के लिए नहीं,बल्कि सोचने और जागरूक होने के लिए है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अपने पासवर्ड, ओटीपी और निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें, और डिजिटल सुरक्षा को अपने दैनिक जीवन का आवश्यक हिस्सा बनाएं।उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा विद्यालयों, महाविद्यालयों, पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में लगातार साइबर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि हर नागरिक यह समझ सके कि अब सुरक्षित रहना सिर्फ दरवाज़ा बंद करने से नहीं बल्कि स्क्रीन लॉक करने से भी जुड़ा हुआ है।
डीजीपी ने कहा कि फरवरी 2025 में चलाए गए “सेफ क्लिक साइबर जागरूकता अभियान” के उत्कृष्ट परिणाम सामने आए, जिससे “डिजिटल अरेस्ट ठगी” पर काफी हद तक रोक लगी है। अब तक लगभग डेढ़ करोड़ नागरिकों और छात्रों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा चुका है। अपने संबोधन के अंत में श्री मकवाणा ने कहा —“अगर हम सभी सावधान और सचेत रहेंगे, तो कोई भी अपराधी हमें ठग नहीं पाएगा। इस दौड़ को केवल आयोजन न मानें, बल्कि इसे एक संकल्प बनाएं —मैं जागरूक रहूंगा, दूसरों को जागरूक करूंगा, और साइबर अपराध से अपने समाज की रक्षा करूंगा।”

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