धन्य है गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा जिनकी वजह से मैं अपने भाई को राखी बांध पाई, पिछले 3 वर्षो से वापिस लौट रही थी-मीरा नरवरिया
ग्वालियर. सेंट्रल जेल में बन्द कैदियों और बंदियों की कलाई इस रक्षाबंधन पर सूनी नहीं रहेंगी। क्योंकि देर शाम जेल मुख्यालय से बहन-भाई के त्यौहार पर विशेष मुलाकात करने के लिये आदेश जारी किये गये हैं। इस आदेश की जानकारी भाजपा के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने ट््विटर अकाउंट पर डाली है। जहां बहनें सेंट्रल जेल के अंदर पहुंचकर खुले आसमान के नीचे जेल में कैद अपने भाईयों की सूनी कलाई पर राखी बांधी। मतलब अब हर बार की तरह बहने सेंट्रल के बाहर खड़ा होकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
अब बहनें सिर्फ कांच की दीवार के आरपार ही नहीं बल्कि बहन-भाई एक दूसरे आमने-सामने बैठकर अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकेगी। इस बार बहनों को ऑनलाइन मुलाकत का भी इंतजाम भी नहीं करना होगा। पिछली बार कम्प्यूटर स्क्रीन लगाकर वीडियो कॉलिंग की वजह से बहने अपने भाईयों से मिलकर उनके स्वास्थ्य का हाल-चाल जान पायेंगी।
नरोत्तम मिश्रा के आदेश से केन्द्रीय जेल ने की नयी पहल
ग्वालियर की सेंट्रल जेल में बंदियों की रक्षाबंधन पर अपनी बहनों से मिलने की अनुमति जेल मुख्यालय द्वारा देर शाम को दे दी गयी है। इस बात की जानकारी देते हुए भाजपा के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट डाली है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि मप्र में जिन बहनों के भाई जेलों में बंद है वह सभी बहनें आज और कल जेल पहुंचकर बिना किसी परेशानी के अपने भाईयों को राखी बांध सकती है। जिसके लिये संबंधित अधिकारियों को इस बारे में निर्देश जारी कर दिये हैं। इस आदेश के जारी होते ही जेल में बंद भाईयों की बहनों की खुशी देखने लायक थी। आपको बता दें कि जेल प्रबंधक ने इसके लिये खासा इंतजाम किये थे। जहां लम्बी-लम्बी कतारें में लगकर अपने भाईयों से मिलने पहुंची है। इस रक्षाबंधन पर खास बात यह है कि पूरे कोरोनाकाल के चलते पिछले 3 वर्षो से जेल में बंद भाईयों से उनकी बहनें नहीं मिल पायी थी क्योंकि अब कोरोना संक्रमण पूरी तरह से समाप्त हो गया है इसलिये जिला प्रशासन ने यह आदेश जारी किये है।
क्या है मामला
वहीं जेल में अपनी बेटी के साथ आई मां मीरा नरवरिया ने बताया कि धन्य गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा जिनकी वजह से मैं अपने भाई को राखी बांध पायी हूं। मैं पिछले 3 सालों से जेल की दीवार देखकर वापिस लौट जाती थी। उन्हें इस बार अपने भाई की सूनी कलाई पर राखी बांधने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई है। वह 10 से 15 मिनट तक वह अपने भाई से मिलकर आई है। जेल अधीक्षक विदित सरवइया ने बताया कि कल शाम को जेल मुख्यालय के आदेश आया था कि पिछली बार की तरह जेल में बंद बंदियों की बहन है राखियां बांधती थी लेकिन देर से आप आए आदेश के चलते कल बहनें अपने भाइयों को राखी नहीं बन पाई थी इसलिए आज सुबह 8:00 से हमने अच्छी शुरुआत की है जहां बड़ी संख्या में बहने जेल पहुंचकर अपने भाइयों से मिलकर उनके कलाइयों पर राखी बांध रही हैं क्योंकि कोरोना काल के चलते इस तरह की मिलाई पर प्रतिबंध लगा दिया था। मगर अब कोरोना काल पूर्ण तरीके से खत्म हो गया है। इसलिए फिर से इसकी शुरुआत की गई है। अभी करीब 3 से 4 हजार महिलाएं अपने भाइयों से मिलने पहुंची हैं। शाम तक 12 से 13 हजार महिलाएं जेल पहुंचने की उम्मीद है।