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ड्रोन से 10 मिनट में ढाई बीघा जमीन पर कीटनाशक का छिड़काव

शिवपुरी. कृषि विज्ञान केन्द्र पर बुधवार को 53 बीघा जमीन में कीटनाशक का छिड़काव पहली बार ड्रोन तकनीक का उपयोग किया गया है। दिल्ली से आयी टीम ने कीटनाशक छिड़काव से पहले भेड़ फॉर्म स्थित 10 बीघा में सीड्स की आसमान में बुवाई की जो बरसात में अंकुरित होकर पौधों के रूप में विकसित हो सकेंगे। ड्रोन तकनीक से खेती किसानों की मेहनत के साथ समय व लागत भी कम कर देगी।
प्रखर सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन के ऑपरेशन हेड शैलेश सिंह राठौर ने बताया कि 18 जुलाई को कृषि विज्ञान केन्द्र में ड्रोन तकनीक का उपयोग किया और उसके इस्तेमाल के तौर तरीकों के बारे में बताया । कलेक्टर अक्षय सिंह की पहल पर अंकुर अभियान के तहत सीड्स तैयार किये गये और 19 जुलाई को भेड़ फार्म पडोरा पर ड्रोन तकनीक के जरिये 10 बीघा में बीज फेंके गये। 20 जुलाई को कृषि विज्ञान केन्द्र पर 53 बीघा में कीटनाशक का छिड़काव किया गया हे। अब श्योपुर जाकर ड्रोन तकनीक का डेमों करेंगे। किसानों को ड्रोन तकनीक के संबंध में जागरूक करना है, आने वाला ड्रोन तकनीक पर रहेगा। जिससे खेती पहले से आसान हो जायेगी।
10 मिनट में ढाई बीघा में कीटनाशक छिड़काव
ड्रोन तकनीक की मदद से ढाई बीघा में 10 लीटर कीटनाशक का छिड़काव महज 10 मिनट में हो जाता है। ड्रोन तकनीक से 90 फीसदी समय की बचत होती है। कंधे पर पंप टांगने पर दर्द की समस्या रहती है। कीटनाशक छिड़काव के समय किसान बीमार भी पड़ सकते हैं। लेकिन ड्रोन तकनीक में किसान सुरक्षित हैं।

कीटनाशक या नैनो यूरिया छिड़काव का प्रति एकड़ 750 रु. ड्राेन सर्विस चार्ज
जिस खेत में छिड़काव होना है, रिमोर्ट की मदद से उस क्षेत्र को सिलेक्ट करते हैं। ऑटोमेटिक तरीके से ड्रोन उसी एरिया में छिड़काव कर देता है। वहीं ड्रोन की मदद से प्रति एकड़ कीटनाशक अथवा नैनो यूरिया का छिड़काव 750 रु. निर्धारित किया है। हालांकि यह राशि कम या ज्यादा भी की जा सकती है। केंद्र सरकार की पहल पर किसानों को अभी ड्रोन तकनीकी के बारे में अवगत कराया जा रहा है। कई उन्नत शील किसान इस ओर रुख भी कर रहे हैं। आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में ड्रोन क्रांति आ जाएगी।

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