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केन्द्र ने बनाई नयी ड्रोन पॉलिसी, सिक्योरिटी क्लीयरेंस जरूरत नहीं

नई दिल्ली. केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरूवार को नई ड्रोन पॉलिसी का ऐलान किया है। इसके तहत सरकार ने ड्रोन के उपयोग के नियमों में ढील दी हे। अब ड्रोन ऑपरेट के लिये किसी भी रजिस्ट्रेशन या लायसेंस जारी करने से पहले सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। ड्रोन उड़ाने के लिये फीस भी कम कर दी गयी है। ज्योतिरादित्य ने कहा है कि आज केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नई ड्रोन पॉलिसी की घोषणा कर रही है। यह पॉलिसी एक इतिहास रचेगी। हमारी सोच है एक इकोसिस्टम भारत में बने, जिसके आधार पर एक क्रांति भारत में आये।
उन्होंने बताया कि इस क्रांति के 3 भाग हैं। पहला-व्यापार करने में आसानी हो, दूसरा-सारे गैर जरूरी मंजूरियों को ख्त्म करना और तीसरा कारोबार में एंट्री की रूकावटों को हटाना। देश की सुरक्षा के मद्देनजर हमने 6 नियम बनाये हैं। इसमें ड्रोन का साइज जो भी हो उसके रजिस्टर करना जरूरी है। सभी ड्रोन मालिकों को आधार और पासपोर्ट डिटेल देनी होगी और हमार सुरक्षा एजेंसियों को डिजिटल स्काई प्लेटफार्म का डायरेक्ट एक्सेस दिया जायेगा। डीजीसीए की संस्था किसी भी ड्रोन का निरीक्षण कर सकती है। अगर किसी राज्य को लगे कि सीमित समय के लिये किसी क्षेत्र को रेड जोन में बदलना है, जहां बिना इजाजत फ्लाइंग पर रोक है तो राज्य उस क्षेत्र को 48 घंटे के लिये रेड जोन में बदल सकता हैं।

पायलट लाइसेंस के बिना उड़ा सकेंगे हल्के ड्रोन

नॉन कमर्शियल यूज वाले नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन के लिए पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। 250 ग्राम या कम वजन के ड्रोन नैनो होते हैं और 2 किलो तक के माइक्रो की गिनती में आते हैं।

ट्रांसफर और डीरजिस्ट्रेशन प्रोसेस हुआ आसान

सभी ड्रोन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर होगा। ड्रोन के ट्रांसफर और डीरजिस्ट्रेशन का प्रोसेस आसान हुआ।

मेंटेनेंस सर्टिफिकेट, ऑपरेटर परमिट जरूरी नहीं

पहले ड्रोन के लिए कई तरह के अप्रूवल लेने पड़ते थे, वे अब जरूरी नहीं होंगे। जैसे कि- यूनीक ऑथराइजेशन नंबर, मेंटेनेंस सर्टिफिकेट, ऑपरेटर परमिट, स्टूडेंट रिमोट पायलट लाइसेंस, उसके कंपोनेंट के इंपोर्ट की इजाजत।

लाइसेंस फीस 3000 रुपए के बजाय 100 रुपए

रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस लेने के लिए सिक्योरिटी क्लीयरेंस लेने की जरूरत नहीं होगी। रिमोट पायलट लाइसेंस 10 साल तक वैलिड रहेगा और फीस 3000 रुपए के बजाय 100 रुपए होगी। जरूरी फॉर्म्स की संख्या 25 से घटाकर 5 कर दी गई है। 72 तरह की फीस अब सिर्फ 4 तक सिमट गई है। फीस मामूली होगी और वह ड्रोन के साइज से जुड़ी नहीं होगी।

ग्रीन, येलो, रेड जोन का इंटरैक्टिव एयरस्पेस मैप

डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर ग्रीन, येलो और रेड जोन का इंटरैक्टिव एयरस्पेस मैप होगा। येलो जोन यानी एयरपोर्ट के करीब 12 किलोमीटर के दायरे के बाहर ड्रोन उड़ाया जा सकेगा। पहले यह दायरा 45 किलोमीटर था।

रूल्स टूटने पर अधिकतम जुर्माना एक लाख का

ग्रीन जोन और एयरपोर्ट से 8-12 के दायरे में 200 फुट ऊपर तक ड्रोन उड़ाने के लिए किसी इजाजत की जरूरत नहीं होगी। ड्रोन रूल्स टूटने पर अधिकतम जुर्माना एक लाख रुपए तक होगा, लेकिन दूसरे रूल्स अपनी जगह होंगे।

वेट लिमिट बढ़ाकर 500 किलो कर दी गई है

ड्रोन रूल्स में वेट लिमिट को 300 किलो से बढ़ाकर 500 किलो कर दिया गया है। इससे हेवी पेलोड उठाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सी भी इसके दायरे में आ जाएंगी। कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर बनाया जाएगा।

ट्रेनिंग और परीक्षा के लिए ऑथराइज्ड ड्रोन स्कूल

ड्रोन से जुड़ी ट्रेनिंग देने और परीक्षा लेने का काम ऑथराइज्ड ड्रोन स्कूल करेंगे। ट्रेनिंग किस तरह की होगी, यह DGCA बताएगा। वह ड्रोन स्कूल की निगरानी और पायलट लाइसेंस ऑनलाइन देने का काम करेगा।

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