ग्वालियर में बच्ची से दुष्कर्म कर हत्या करने वाले मनोज की फांसी सजा को हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास में बदला
ग्वालियर. हाईकोर्ट की युगल पीठ ने दुष्कर्म के आरोपित की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है लेकिन आरोपित को अंतिम सांस तक जेल में रहेगा, न उसे पैरोल मिलेगी न जमानत। दंड के प्रश्न पर सही से नहीं सुने जाने कह वजह से फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि रिश्तों को तार-तार करने वाली घटना को अंजाम दिया है। घटना के बाद सामान्य से व्यवहार कर रहा था इसलिए उसे अंतिम सास तक जेल में रखा जाए।
4 जुलाई 2017 को सुबह 11 बजे नयागांव के शासकीय प्राथमिक विद्यालय के कक्षा तीसरी में पढ़ने के लिए 8 साल की मासूम से निकली थी। वह सुबह स्कूल पहुंची थी लेकिन 4 बजे छुट्टी होने के बाद वह घर नहीं पहुंची। जब मासूम घर नहीं पहुंची तो परिजन ने उसकी तलाश शुरू कर दी। स्कूल में भी कक्षा बी बेंच पर उसका बैग और टिफिन रखा मिला। मासूम घर नहीं लौटी तो स्वजनों ने पनिहार थाने को सूचना दी जिसके बाद बच्ची के इस तरह लापता होने के मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया। बच्ची की तलाश शुरू की और पुलिस को लापता होने के 13 घंटे बाद 5 जुलाई 2017 को सुबह 5 बजे स्कूल के पास रामप्रसाद प्रजापति की खाली पड़ी पाटौर के दरवाजे पर बच्ची का शव पड़ा होने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटना स्थल की जांच की जिसके बाद बच्ची के गले पर गला कसने के निशान साफ दिखने से पहली ही नजर में हत्या होना साफ हो गया था। पोस्टमार्टम व जांच के बाद साफ हुआ कि मासूम के साथ दुष्कर्म कर हत्या की गई है। पुलिस ने मनोज प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया। जांच के बाद विशेष न्यायालय में चालान पेश किया। विशेष सत्र न्यायालय ने 8 मई 2019 को आरोपित को दो धाराओं में अंतिम सांस तक फांसी के फंदे पर टांगने की सजा सुनाई थी। आरोपित ने सजा के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी। 19 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका पर अंतिम बहस हुई। शासन की ओर से उप महाधिवक्ता राजेश शुक्ला ने तर्क दिया कि आरोपित ने गंभीर अपराध को अंजाम दिया है। आरोपित ने उस मासूम के साथ घटना को अंजाम दिया जिसके बाद रिश्ते में चाचा लगता था। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। बुधवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया। फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया और उसे अंतिम सांस तक जेल में रखा जाएगा।