दुग्ध उत्पाद की फैक्ट्रियों ने दूध दाम घटाये, महाराष्ट्र की तरह यहां मूल्य तय न होने से मनमानी
मुरैना. गर्मियों में दूध की किल्लत होने पर दाम बढ़ जाते हैं। लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि पिछले 20 दिनों में दुग्ध पदार्थ निर्माता कंपनियों ने दूध के दाम प्रति लीटर 11.50 रूपये तक कम कर दिये गये हैं। दूध व्यापारियों का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार को भी दूध का समर्थन मूल्य तय करना चाहिये। इधर, किसानों के सामने दूध के अच्छे दाम के लिये सांची भी विकल्प है लेकिन यहां पर भुगतान में देरी शिकायत होने के कारण यहां दूध बेचने से कतराते हैं।
क्या है पूरा मामला
मालनपुरए धौलपुर व अलीगढ़ समेत फर्रुखाबाद की दुग्ध पदार्थ निर्माता कंपनी इस समय 35 रुपए लीटर के हिसाब से चिलर सेंटरों से दूध खरीद रही हैं। कुछ दिन पहले तक दूध के अधिकतम रेट 47 रुपए लीटर चल रहे थे। लेकिन दुग्ध पदार्थ निर्माता कंपनियों ने दूध के रेट में 1 रुपए लीटर की कटौती से शुरूआत की और अब सीधे 11ण्50 रुपए लीटर तक की कमी कर दी। दूध के रेट 35 रुपए लीटर रह जाने से चिलर सेंटर दूध सप्लायरों से 33 रुपए लीटर के रेट से दूध क्रय कर रहे हैं। सप्लायर भी दूध देने वाले पशु पालकों से अब 30 से 31 रुपए लीटर के भाव से दूध खरीदकर ला रहे हैं।
लॉकडाउन में फंसा दूध का स्टॉक
मालनपुर की नोवा कंपनी के मिल्क प्रोक्योरमेंट महेन्द कुमार थापक ने बताया है कि गर्मी में दूध पदार्थो की मांग कम हो जाती है। इसलिये कंपनी में दूध का इस्तेमाल भी कम हो जाता है इसलिये कंपनी ने दूध के रेट 47 रूपये से घटाकर 37 कर दिये हैं। लॉकडाउन भी दूध के रेट कम करने का एक कारण है। चूकिं लॉकडाउन से पूर्व कंपनियों से अधिक रेट का दूध खरीदकर मिल्क प्रॉडक्ट का स्टॉक कर लिया लेकिन बिक्री कम हो जाने के कारण बिजनेस में घाटे की स्थिति बन रही है।