सड़क पर ठिठुरते आईआईटीयन, ग्वालियर के मिसहिल स्कूल में पढ़े हैं सुरेन्द्र वशिष्ठ
ग्वालियर. शिन्दे की छावनी स्थित बस स्टैण्ड के फुटपाथ पर ठण्ड से ठिठुरते 80 वर्षीय बुजुर्ग, फर्राटेदार अंग्रेजी में बोलते हैं, जो भी देखता है उससे देखकर ठिठक जाता है और ऐसे ही किसी व्यक्ति ने उनके इस हाल में होने की सूचना स्वर्ग सदन आश्रम की टीम को दी।
आश्रम के विकास गोस्वामी अपनी टीम के साथ शिन्दे की छावनी पहुंचे। उन्होंने बुजुर्ग से चर्चा की तो पता चला कि उनका नाम सरेन्द्र वशिष्ठ है। उन्होंने आईआईटी कानपुर से 1969 में मैकेनिकल इंजीहिनयरिंग और 1972 में लखनऊ के डीएवी कॉलेज से एलएलएम किया है।
ग्वालियर में जन्म और स्कूलिंग हुई
बुजुर्ग ने बताया मुझे ज्यादा तो याद नहीं, लेकिन मेरा जन्म ग्वालियर में और आरंभिक पढ़ाई मिसहिल स्कूल में हुई। पिता जेसी मिल में नौकरी करते थे। मेरा एक भतीजा भी ग्वालियर में रहता है। परिवार के बारे में इससे ज्यादा जानकारी वे नहीं दे सके। नहीं मिल सकी है। स्वर्ग सदन आश्रम की टीम अब उनके परिवार का पता लगा रही है।
एक बार यूएस भी जा चुका हूं
बुजुर्ग के मुताबिक वे एक बार यूएसए भी जा चुके हैं। थोड़ा सोचने के बाद कहते हैं मेरी जो जमा पूंजी थी वह समाजसेवा में खर्च कर दी। इसके बाद मैं अभी भी खादी भंडार के लिए काम करता हूं। उससे जो पैसा मिलता है उससे अपना खर्च चलाता हूं।

