ग्वालियर विधानसभा में बिजली चोरी ने बढ़ाया संकट, मंत्री के क्षेत्र में रिकॉर्ड 62% लाइन लॉस
ग्वालियर. प्रदेशभर में बिजली चोरी रोकने व सबसे ज्यादा बिल वसूली का दावा करने वाले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के क्षेत्र में ही बिजली कंपनी को सबसे ज्यादा नुकसान भुगतना पड़ रहा है। ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में चोरी से आधी बिजली जलने से लाइन लास 62.88 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
आम तारों की जगह आर्मड केबिल बिछाई
इसका खामियाजा कहीं न कहीं उन उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है जो ईमानदारी से बिजली जलाकर बिल भरते हैं। जबकि बिजली कंपनियां हर टैरिफ पिटीशन में लाइन लास का हवाला देती है और टैरिफ बढ़ाकर अपना घाटा पूरा करती है। उल्लेखनीय है कि कंपनी ने लाइन लास कम करने दो योजना के तहत उपभोक्ताओं के घर के बाहर मीटर लगाए। साथ ही आम तारों की जगह आर्मड केबिल बिछाई। लेकिन बिजली चोरों ने इस व्यवस्था को भी फेल कर दिया।
मीटरों में सर्किट लगाकर उन्हें धीमा किया जा रहा
ट्रांसफार्मर व पोलों पर केबिलों में कट लगाकर चोरी की जा रही है। वहीं मीटरों में सर्किट लगाकर उन्हें धीमा किया जा रहा है। शहर वृत्त के चार डिवीजन में सबसे ज्यादा लाइन लास उत्तर संभाग में है। इसके बाद पूर्व और दक्षिण संभाग आते हैं।ग्वालियर विधानसभा में सबसे ज्यादा चोरी शहर में सबसे ज्यादा बिजली चोरी वाला क्षेत्र ग्वालियर विधानसभा है। यहां लाइन लास 62.88 प्रतिशत है। सबसे कम लास सेंट्रल संभाग में है।
संभागों के बाहरी क्षेत्रों में चोरी अधिक
नगर संभाग पूर्व व दक्षिण में भी लास काफी है। इन संभागों के बाहरी क्षेत्रों में चोरी अधिक है। यहां अवैध कालोनियां हैं, जहां लाइनें ही नहीं हैं। लोग बांस-बल्लियों पर तार डालकर घरों तक बिजली लाए हैं। मोबाइल टार्च की रोशनी में करना पड़ रहा उपचारऊर्जा मंत्री भले ही बिजली संकट नहीं मान रहे हैं, लेकिन बिजली कटौती के चलते अस्पतालों में मोबाइल टार्च की रोशनी में उपचार तक करना पड़ रहा है।

