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हाईकोर्ट का अहम फैसला-सेवानिवृत्त ड्राइवर से 8.95 लाख की वसूली गैर कानूनी, 6% ब्याज के साथ लौटाये राशि

ग्वालियर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच की एकल पीठ ने पंचायत विभाग से रिटायर ड्राइवर रामनिवास शर्मा से की गयी 8 लाख 95 हजार 778 रूपये की वसूली को गैरकानूनी करार दिया है । हाईकोर्ट ने राज्य शासन को यह पूरी राशि 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज समेत लौटाने के निर्देश दिये है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि वेतन की कथित गलत गणना के आधार पर वर्षो के बाद रिटायर कर्मचारी से की गयी वसूली कानूनन मान्य नहीं है। याचिकाकर्ता रामननिवास शर्मा वर्ष 1983 में ड्राइवर के पद पर नियुक्त हुए थे और 31 जुलाई 2021 को मुरैना से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के बाद उनके पेंशन और अन्य रिटायर लाभ वक्त पर तय नहीं किये गये और बाद में वेतन पुनर्निर्धारण के नाम पर उनके सेवानिवृत्ति लाभों से 8.95 लाख रूपये की कटौती कर ली गयी है।
अतिरिक्त पेंमेंट पर ब्याज वसूली अनुचित
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा गया है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों, विशेषकर तृतीय और चतुर्थ श्रेण्ी के कर्मियों से इस तरह की वसूली कानूनन निषिद्ध है। खासकर तब जब इसमें कर्मचारी की कोई गलती न हो। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि अतिरिक्त भुगतान पर ब्याज की वसूली पूरी तरह अनुचित है। अदालत ने शासन द्वारा की गयी। 8.95 लाख रूपये की वसूली को रद्द करते हुए निर्देश दिया है कि यह राशि 11 अगस्त 2021 से भुगतान की तिथि तक 6प्रतिशत वार्षिक ब्याज समेत याचिकाकर्ता को लौटाई जाये। इस फैसले को सेवानिवृत्त के हकों की रक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया शासन का तर्क
राज्य शासन की ओर से दलील दी गई कि जिला पेंशन अधिकारी द्वारा वेतन निर्धारण में त्रुटि पाई गई थी। इसी त्रुटि के चलते वेतन का पुनः निर्धारण किया गया और अतिरिक्त भुगतान की वसूली आवश्यक हो गई। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया। कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी था और जिस अवधि की त्रुटि बताई जा रही है, वह वर्ष 2006 से संबंधित है, जो वसूली की तिथि से पांच वर्ष से भी अधिक पुरानी है।

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