चिटफंड कम्पनी की 36 करोड़ रूपये की नीलामी की वजह से अटकी देनदारी, EPFO और इनकम टैक्स की शेष राशि बनी रोड
ग्वालियर.केएमजे चिटफंड कम्पनी की 35 संपत्तियों की प्रस्तावित नीलामी एक बार फिर से अटक गयी है। कम्पनी पर इनकम टैक्स डिपार्ठमेंट और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का करीब 36 करोड़ रूपये भुगतान करना शेष है। इस शेष राशि के निपटान को लेकर प्रशासन ने राज्य शासन से मार्गदर्शन मांगा है। जिसके चल45े नीलामी प्रक्रिया बाछित हो गयी है। इन 35 संपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब 55 करोड़ रूपये आंकी गयी है। 36 करो़ रूपये के भारी बकाये के चलते अब आशंका है कि केएमजे के हजारों निवेशकों को अपनी रकम की वापिसी के लये और लम्बा इंतजार करना होगा।
नीलामी चिटफंड कंपनी ठप
चिटफंड कंपनियां की संपत्तियां की नीलामी का यह अकेला मामला नहीं है। सक्षम डेयरी और सन इंयिा कम्पनी की संपत्तियों की नीलामी के लिये 2 बार विज्ञापन जारी किया गया है। लेकिन कोई खरीदार नहीं मिला है। इस संबंध में जिला न्यायालय से मार्गदर्शन मांगा गया है। वहीं परिवार डेयरी की संपत्तियों की नीलामी पर मद्रास हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। इन संपत्तियों की सीबीआई ने भी कुर्क कर रखा और मामला अभी न्यायालय में लंबित है। केएमजे चिटफंड कंपनी प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी चिटफंड कम्पनी थी।जिसका परिवार डेयरी के बाद जिला और अंचल में विस्तृत नेटवर्क था। कम्पनी ने लोगों को धन दोगुना करने का लालच देकर हजारों निवेशकों से करोड़ों रूपये जमा कराये थे।
नीलामी से 70 से 75 करोड़ रुपए मिल सकते
पॉलिसी मैच्योर होने के बाद भी निवेशकों को उनकी राशि वापस नहीं की गई। कंपनी के डायरेक्टर कारोबार बंद कर फरार हो गए, जिसके बाद एफआईआर दर्ज हुई और उनकी गिरफ्तारी हुई। न्यायालय ने कंपनी की संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश दिए थे और जिला न्यायालय नीलामी की अनुमति भी दे चुका है। कंपनी पर निवेशकों की देनदारी बहुत अधिक है और हजारों आवेदन वर्षों से लंबित हैं। निवेशक 2011 से अपनी रकम वापसी का इंतजार कर रहे हैं। प्रशासन का अनुमान है कि संपत्तियों की नीलामी से 70 से 75 करोड़ रुपए प्राप्त हो सकते हैं। हालांकि आयकर और ईपीएफओ के 36 करोड़ रुपए के बकाये के समायोजन के बाद निवेशकों को भुगतान करना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। इस मामले में अपर कलेक्टर सी.बी. प्रसाद का कहना है कि केएमजे की संपत्तियों की नीलामी प्रस्तावित थी, लेकिन एसआईआर के चलते यह प्रक्रिया रुक गई। जनवरी–फरवरी में नीलामी की सूचना दोबारा जारी की जाएगी।

