कृषि विद्यार्थी तकनीक व नवाचारों के जरिए राष्ट्र निर्माण के ध्वजवाहक बनें – ज्योतिरादित्य सिंधिया

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय का 11वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित
कृषि विद्यार्थियों को 543 उपाधियां व 4 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए
ग्वालियर – राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय का 11वाँ दीक्षांत समारोह केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ। विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में आयोजित हुए दीक्षांत समारोह में उपाधियाँ प्राप्त करने आए कृषि विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज से आप सबका जिंदगी का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। विश्वविद्यालय में अर्जित ज्ञान, आत्मविश्वास एवं गुरुजनों द्वारा दिया गया मार्गदर्शन आप सबके सुखद भविष्य का निर्माण करेगा। उन्होंने विद्यार्थियों को सफल जीवन के 3 सूत्र बताए। कृषि विद्यार्थियों के लिये नवाचार, साझेदारी और किसानों के प्रति संवेदनशीलता सफलता के प्रमुख आधार हैं। केन्द्रीय मंत्री ने उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि आप सब तकनीक व नवाचारों के जरिए राष्ट्र निर्माण के ध्वजवाहक बनकर उभरें।
दीक्षांत समारोह में स्नातक के 257, स्नातकोत्तर के 256 एवं पीएचडी के 30 विद्यार्थियों सहित कुल 543 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। साथ ही विश्वविद्यालय की 4 छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इनमें स्नातक की दो, स्नातकोत्तर की एक व पीएचडी की एक छात्रा शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत का संकल्प तभी पूरा होगा, जब कृषि को डिजिटल, तकनीक और एआई की शक्ति मिलेगी। उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थी इस दिशा में आगे आएं। उन्होंने कहा कि नौजवानों के लिये वर्तमान में सबसे बनुकूल समय है। भारत अंतरिक्ष से लेकर तकनीक के क्षेत्र में इतिहास रच रहा है। इस सुअवसर का विद्यार्थी फायदा उठायें। विद्यार्थी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) व ड्रोन तकनीक को कृषि के क्षेत्र में प्रमुखता से अपनाएं।
इस अवसर पर श्री सिंधिया ने अपनी दादी राजमाता स्वर्गीय विजयाराजे सिंधिया को याद किया। उन्होंने कहा कि राजमाता ने राष्ट्र प्रथम के संकल्प के साथ अपना संपूर्ण जीवन समाज के कमजोर वर्गों और ग्रामीण उत्थान के लिए समर्पित किया। उन्होंने सिंधिया रियासतकाल में सिंचाई व कृषि के क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी कार्यों का उल्लेख भी किया। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा उन्नत कृषि के क्षेत्र में किए गए क्रांतिकारी अनुसंधानों व नवाचारों की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. अरविंद कुमार शुक्ला द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयासों की खुलकर प्रशंसा की।
सफल जीवन के लिये बताए तीन सूत्र
तीन सूत्रों विजन (दृष्टि), कोलाबोरेशन (सहयोग) व कॉम्पेशन (संवेदनशीलता) के माध्यम से विद्यार्थियों को सफलता के गुर बताए। उन्होंने कहा कि अच्छे विजन से विद्यार्थी कृषि के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ सकते हैं। इसी तरह सफलता के लिये कोलाबोरेशन अर्थात टीम के साथ सामूहिक सहयोग जरूरी होता है। इसलिये अच्छी टीम गठित कर कार्य को बेहतर ढंग से पूरा किया जा सकता है। इन सबके लिये कॉम्पेशन अर्थात करुणा व संवेदनशीलता भी जरूरी है।
विश्वविद्यालय जैनेटिक ग्रेन को प्रोत्साहित करें – डॉ. संजय कुमार
कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने दीक्षांत भाषण दिया। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सोयाबीन उत्पादन व जल संरक्षण सहित कृषि के अन्य क्षेत्रों में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की सराहना की। साथ ही कहा कि घटता हुआ कृषि रकबा एवं बढ़ती आबादी हम सबके लिये चुनौती है। इसलिये विश्वविद्यालय द्वारा जैनेटिक ग्रेन को बढ़ावा देने की जरूरत है। कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. अरविंद कुमार शुक्ला ने स्वागत उदबोधन दिया एवं प्रतिवेदन के माध्यम से विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने दीक्षोपदेश भी दिया। आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह का शुभारंभ किया। समारोह का प्रारंभ व समापन राष्ट्रगान के गायन के साथ हुआ। संचालन विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अजय कौशल द्वारा किया गया।
एरोपॉनिक इकाई का उदघाटन किया और पौधा भी रोपा
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने आए विश्वविद्यालय में अत्याधुनिक कृषि तकनीक से स्थापित की गई एरोपॉनिक इकाई का उदघाटन किया। साथ ही जैविक तालाब एवं एकीकृत कृषि प्रणाली (आईएफएस) मॉड्यूल का अवलोकन भी किया। इस अवसर विश्वविद्यालय परिसर में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत पौधा भी रोपा। उन्होंने मंत्रिगणों के साथ विश्वविद्यालय परिसर में लगाई गई कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

