तीस दिन गायब है बच्चा, दोनों परिवारों को बुलाया मजिस्ट्रेट महादेव मंदिर

ग्वालियर. मोहनपुर गांव से गायब हुआ 3 वर्षीय रितेश पाल का 30 दिन से कोई सुराग नहीं मिल पाया है। एक महीने निकल जाने के बाद भी पुलिस की जांच वहीं की वहीं नजर आ रही है। करीब 500 से ज्यादा जवानों और अधिकारियों की टीम जंगल की खाक छान चुकी है। ड्रोन से भी व्यापक सर्चिंग की गयी है। लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा। अभी तक पुलिस ने एक नया एंगल अपनाते हुए गिरगांव वाले महादेव जिन्हें मजिस्ट्रेट महादेव कहा जाता है। की अदालत का रूख किया है।
सेमवार 24 नवम्बर को पुलिस दोनों परिवारों को महादेव की अदालत लेकर पहुंची थी। पुलिस को आशंका है कि बच्चा दोनों परिवारों में से किसी के पास या उन्हीं के अंदरूनी विवाद में फंसा हो सकता है। इसी संदेह के आधार पर मंदिरन प्रांगण में पंचायत लगाकर वहां केस दर्ज किया गया है। दोनों परिवारों का ‘‘लॉयल्टी टेस्ट’’ शुरू हुआ है।
मंदिर की परंपरा के अनुसार, आरोपी या संदेहास्पद लोगों को महादेव के सामने ‘धरम’ यानी कसम उठानी होती है कि उन्हें बच्चे के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन सोमवार को सपना पाल (मां) और दलबीर (पिता) के परिजनों ने कुछ लोगों की गैरहाजिरी का बहाना बनाकर कसम उठाने से इनकार कर दिया। इसके बाद पंचायत ने दोनों परिवारों को सात दिन का समय दिया था।अब मंगलवार (2 दिसंबर) को दोनों परिवारों को फिर से महादेव की अदालत में पेश होना है, जहां उन्हें ‘धरम’ उठाना पड़ेगी। मान्यता है कि यहां झूठ बोलने वाले को सात दिन के भीतर सजा मिल जाती है।

