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नया लेबर कोड में क्या-क्या है? ग्रेच्युटी, सैलरी, शिफ्ट और शिफ्ट से जुड़ा है कोई सवाल

नई दिल्ली. केन्द्र सरकार श्रम कानून में बदलाव को ऐतिहासिक कदम बता रही है जबकि यह मजदूरों और व्यापारियों दोनों के लिये एक नयी शुरूआत है। जो कि समय की मांग थी। इस कदम से कामगारों की सुरक्षा और हक को मजबूत किया गया है। श्रमिक से जुड़े नियमों का आसान और समझने लायक बनाया गया है। ताकि एक श्रमिक को अपना हक आसानी से पा सके। 4 नये लेबर कोड क्या उनका उद्देश्य क्या है और आम आदमी के िलये कैसे बड़ा बदलाव है?
1- कामगारों को अब लिखित नियुक्ति पत्र मिलेगा

जिससे मैं कहां काम कर रहा हूं। मेरा वेतन क्या है। साफ होगा। सभी कामगारों को न्यूनतम वेतन का कानूनी अधिकार मिलेगा। खासकर गिग वर्कर, प्लेटफार्म पर काम करने वाले, प्रवासी मजदूर जिनके लिये पहले नियम बेहतर नहीं थे। अब उन्हें भी कवर मिलेगा।
2- पिछले नियम आजादी के बाद शुरूआती दौर में बने थे। लेकिन अब काम और व्यापार का स्वरूप् बहुत बदल चुका है। पुराने नियम अक्सर कामगारों के हित में पूरी तरह काम नहीं कर पाये। कम्पनियों के लिये भी उनका अनुपालन बोझ बन गया था। इस बदलाव में कामगार-व्यापार दोनों को सहज बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
3-काम की शर्तो में सुधार
रोजमर्रा के काम में समय पर वेतना देना अनिवार्य होगा। काम के घंटे, ओवरटाइम भुगतान, छुट्टियां वगैरह भी नये कानून में समाहित है। काम की जगह पर सुरक्षा-स्वास्थ्य से जुड़े नियम बनाये गये है। खासकर खतरनाक उद्योगों में, बागान मजदूर, खदान मजदूर, बीडी-सिगार सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिये काम के घंटे, ओवर टाइम, सुरक्षा-उपकरण और सुविधायें तय की गयी है।
4-महिला-युवाओं-प्रवासी श्रमिकों के लिये क्या बदलाव
महिला -पुरूष को एक-सा काम, एक-सा वेतन का अधिकार मिलेगा। महिलायें नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी। जहां सुरक्षा-सहमति हो। युवाओं और प्रवासी कामगारों के लिये न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, औपचारिक नियुक्ति जैसे प्रावधान मजबूत किये गये है।
5-सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ा
पहले जिन श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा मिलना मुश्किल था। अब उन्हें भी मिलेगा। जैसे कि प्लेटफार्म व गिग वर्कर, देश में सामजिक -सुरक्षा कवरेज पिछले वर्षो में 19प्रतिशत से बढ़कर अब 64प्रतिशत से ऊपर हो गया है। ऑडियो-बिजुअल, डिजीटल मीडिया में काम करने वालों के लिये भी नियुक्ति पत्र, समय पर वेतन, ओवरटाइम का दोगुना भुगतान जैसे कवरेज बढ़े हैं।
6-कब से प्रभावी माना जायेगा यह कानून
जब भी सरकार नया लेबर कोड या कोई नया श्रम कानून लागू करती है तो उसे तत्काल लागू नहीं किया जाता है। कम्पनियों को आमतौर पर 45 दिनों का समय दिया जाता है। ताकि वह अपने अन्दर सभी जरूरी तैयारी कर सकें। इस 45 दिनों की अवधि में कम्पनियों को कई बड़े बदलाव करने पड़ते है। ऐसे में माना जा रहा है कि ग्रेच्युटी का लेकर नया नियम नये साल से यह लागू हा जायेंगे।
7-कर्मचारियों की सेहत का भी खास ख्याल
40 साल से ऊपर की उम्र के कामगारों को मुफ्त सालाना स्वास्थ्य जांच का प्रावधान है। ठेका-कर्मचारियों को भी स्वास्थ्य लाभ और सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जायेगा। खतरनाक क्षेत्र (खनन, केमीकल, कंस्ट्रक्शन) के कामगारों को 100प्रतिशत हेल्थ सिक्युरिटी की गारंटी मिलेगी। अब 40 करोड़ से अधिक कामगारों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज मिलेगी। यानी पेंशन, बीमा अन्य सुरक्षा लाभ।
8- इसका रोजमर्रा पर क्या होगा असर
आप कोई काम करते हैं चाहे फैक्ट्री हो। प्लांट हो, रेस्तरां हो, प्लेटफार्म वर्क हो, अब आप कह पायेंगे। मुझे मेरा नियुक्ति पत्र मिला है। न्यूनतम वेतन मिलना चाहिये। ओवरटाइम पर अधिक पैसा मिलेगा। अगर प्लेटफार्म पर काम कर रहा हूं तो भी सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। नियोक्ता के लिये नियम अधिक स्पष्ट होंगे। बोझ कम होगा। काम करने का माहौल बेहतर होगा। राज्यों-सेक्टरों तक यह बदलाव पहुंचायेगा कि कामगारों को सम्मान मिलेगा।
9-भविष्य -तैयारी और आत्मनिर्भर भारत
यह बदलाव सिर्फ आज के कामगारों के लिये नहीं। आने वाले समय में काम की दुनिया बदलने की चुनौती के लिये हैं। भारतीय उद्योग व्यवसाय को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाना है। इससे रोजगार बढ़ेगा। काम में सुरक्षा बढ़ेगी। औद्योगिक प्रतिस्पर्धा सुधरेगी। अब अलग-अलग कानून, लायसेंस रजिस्ट्री का बोझ कम होगा। नये नियम में सिंगल रजिस्ट्री का बोझ कम होगा। नये नियम में सिंगल रजिस्ट्रेशन, सिंगल लायसेंस, सिंगल रिटर्न वाला प्रावधान है। कामगार नियोक्ता दोनों को नियम-पालन में सहजता मिलेगी।
10- महज एक साल में ग्रेच्युटी
जो कर्मचारी निश्चित अवधि (फिक्स टर्म) पर काम करते हैं। उन्हें 1 साल के बाद ग्रेच्युटी का हक मिलेगा। यह पहले की तुलना में आसान और बेहतर है। पहले 5 साल की नौकरी केबाद ग्रेच्युटी मिलती थी।
आम आदमी के लिए इसका क्या मतलब?
अगर आप रोजमर्रा की नौकरी करते हैं।  चाहे वो फैक्ट्री में हो, दुकान-कारखाना हो, या प्लेटफार्म-वर्क हो, ये नए कोड आपके लिए बहुत मायने रखते हैं। आपका मजदूरी का अधिकार पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा। अगर आपको कोई नौकरी-पत्र नहीं मिलता था, अब आपको लिखित नियुक्ति पत्र मिलेगा, इससे नौकरी की शर्तें और वेतन आपके लिए पारदर्शी होंगे। ज्यादा काम करने पर ओवरटाइम पेमेंट आपके लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि वह दोगुना हो सकता है। आप सामाजिक सुरक्षा के दायरे में अब शामिल हो सकते हैं। बीमा, पेंशन जैसी बातों पर आपको राहत मिलेगी। आपकी सेहत की सुरक्षा बढ़ेगी और अगर आप खतरनाक काम करते हैं, तो नियमों के कारण आपके लिए सुरक्षा आसान होगी। कंपनियों के लिए नियम आसान होने से वे बेहतर प्रबंधन कर सकेंगी, जिससे नौकरियाँ और काम का माहौल बेहतर हो सकता है।

दरअसल, 21 नवंबर 2025 से नीचे दिए ये 4 नए लेबर कोड देश में लागू कर दिए गए हैं. यह कदम 29 पुराने श्रम कानूनों की जगह ले रहा है.
1. वेतन संहिता, 2019
2. औद्योगिक संबंध संहिता, 2020
3. सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020
4. व्यवसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्त संहिता, 2020

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