मकान के ऊपर निकल रही 33 केवी विद्युत लाइन, याचिकाकर्त्ता को अपने खर्चे से हटवाना होगी विद्युत लाइन
ग्वालियर. हाईकोर्ट ग्वालियर की एकल पीठ ने एक याचिका खारिज कर दी है जिसमें याचिकाकर्त्ता ने अपने मकान के ऊपर से निकल रही 33केवी विद्युत लाइन को हटाने की मांग की थी। न्यायमूर्ति अमित सेठ की एकलपीठ ने कहा है कि याचिकाकर्त्ता ने प्रतिवादियों द्वारा प्रस्तुत तथ्यों का खण्डन नहीं किया है इसलिये इस स्थिति में कोई राहत नहीं दी जा सकती है। हालांकि न्यायालय ने याचिकाकर्त्ता को यह स्वतंत्रता दी है कि मुख्य प्रबंधक के समक्ष नया प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सकता है। प्राधिकरण नियमानुसार इस पर विचार कर उचित निर्णय लेगा। यदि लाइन हटानी होगी तो इस का व्यय याचिकाकर्त्ता को खुद को उठाना होगा।
क्या है मामला
राजकुमार राठौर ने हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने ग्वालियर के मां वैष्णोपुरम, एबी रोड, गदाईपुरा हजीरा स्थित अपने मकान के ऊपर से गुजर रही लगभग 0.4 किलोमीटर लंबी 33 केवी उच्चदाब विद्युत लाइन को एनजेआर-5 मानचित्र के अनुसार स्थानांतरित करने की मांग की थी।
बिजली कंपनी की ओर से तर्क दिया गया कि यह विद्युत लाइन 25 से 30 वर्ष पुरानी है। जिस भूमि पर याचिकाकर्ता ने मकान बनाया है, वह एक अनधिकृत कॉलोनी में आती है, जिसे कृषि भूमि पर विकसित किया गया है। मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के नियम-52 के अनुसार, बिजली लाइन के समीप भवन निर्माण प्रतिबंधित है। कंपनी ने यह भी कहा कि यदि कॉलोनी में विकास के बाद लाइन हटाना आवश्यक हो, तो उसका व्यय कॉलोनाइजर अथवा निवासियों को स्वयं उठाना होता है।

