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45 वर्षो के बाद सेवानिवृत्त शिक्षक को हाईकोर्ट से मिली राहत, बकाया वेतन देने का आदेश

ग्वालियर. हाईकोर्ट ग्वालियर की सिंगल बेंच ने सेवानिवृत्त शिक्षक राकेश शर्मा को 1975 से नियमित वेतनमान का लाभ देने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने शिक्षा विभाग के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें 45 वर्षो के बाद शिक्षक की नियुक्ति की पात्रता पर सवाल उठाये थे। राकेश शर्मा की वर्ष 1975 में सहायक शिक्षक के प्रशिक्षण के लिये भेजा गया था। उन्हें 1979 में नियमित वेतनमान के साथ नियुक्त किया गया और वर्ष 2019 में मुरैना के जिला शिक्षा अधिकारी ने 21 जुलाई 1975 से उन्हें नियमित वेतनमान का लाभ देने का आदेश जारी किया था। 2 वर्षो के बाद 2021 में इस आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया गया कि नियुक्ति के वक्त शर्मा की आयु 18 वर्ष से कम थी।
45 साल सेवा के बाद उम्र पर आया सवाल अनुचित
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी की कि विभाग ने राकेश शर्मा को बिना किसी आपत्ति के पूरे 45 वर्षो तक सेवा करने दी और ऐसे में, अभी तक उनकी नियुक्ति की पात्रता पर उम्र संबंधी सवाल उठाना उचित नहीं है। न्यायालय ने यह भी कहा है कि जब अन्य समान शिक्षकों को यह लाभ दिया गया। केवल शर्मा को इससे वंचित नहीं किया जा सकता है।

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