मेला व्यापारियों का उत्पीड़न नहीं रोका तो सामूहिक आत्मदाह करेंगे मेला व्यापारी
मेला व्यापारी संघ ने दी चेतावनी : मेला में नेपाल और लद्दाख जैसा माहौल बनाने के लिए मजबूर न करे मेला प्राधिकरण
ग्वालियर, – मेला दुकानों के किराए में जबरदस्त बढ़ोत्तरी, ईंटेंडर के जरिए दुकानों की नीलामी, ऑनलाईन प्रक्रिया की विसंगतियों एवं मेला की कीमती जमीन को खुर्दबुर्द करने की साजिश जैसे तमाम गंभीर मुद्दों को लेकर ग्वालियर व्यापार मेला के दुकानदारों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। मेला व्यापारियों ने मेला प्राधिकरण, प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अनदेखी भरे रवैए पर गहन नाराजगी जताते हुए आगाह किया कि मेला प्राधिकरण बेरोजगारी और निरंतर उपेक्षा से त्रस्त आ चुके व्यापारियों को ग्वालियर मेला में मजबूरी में नेपाल और लेह लद्दाख जैसे हालात निर्मित करने के लिए विवश न करे।
ग्वालियर व्यापार मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र भदकारिया, सचिव महेश मुदगल, संयोजक उमेश उप्पल, संयुक्त अध्यक्ष एवं प्रवक्ता अनिल पुनियानी, सह संयुक्त अध्यक्ष जगदीश उपाध्याय, कार्यकारी अध्यक्ष अनुज गुर्जर हरिकांत समाधिया ने आज एक वक्तव्य में आग्रह किया कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ग्वालियर व्यापार मेला में चल रहे इस खेल को रोकने के लिए हस्तक्षेप कर मेला व्यापारियों को ताजा पैदा हो रहे संकटों से उबारना चाहिए। उन्होंने कहा कि सब तरफ से नाउम्मीद हो चुके मेला व्यापारियों को अब सिर्फ सिंधिया और सीएम से ही आशा है। ग्वालियर व्यापार मेला व्यापारी संघ के पदाधिकारियों ने उक्त संबंध में केंद्रीय मंत्री सिंधिया, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं मेला प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष प्रदेश के एमएसएमई मंत्री चैतन्य कश्यप को पत्र लिखकर ग्वालियर मेला से संबंधित सभी विषयों को अपने हाथ में लेकर राहतपूर्ण निराकरण का आग्रह किया है।
मेला व्यापारी संघ के अध्यक्ष एवं संयुक्त अध्यक्ष व प्रवक्ता अनिल पुनियानी ने ऐलान किया है कि मेला व्यापारियों की सुनवाई नहीं हुई तो सभी मेला व्यापारी मेला प्राधिकरण के दफ्तर के बाहर सामूहिक आत्मदाह करने के लिए मजबूर होंगे। अब यह मेला प्राधिकरण को तय करना है कि वह अपनी हिटलरशाही को जारी रखते हुए मेला व्यापारियों को आत्मदाह के लिए मजबूर करता है या फिर अपनी रीति नीति को बदलकर मेला व्यापारियों को राहत प्रदान करता है।
मेला पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि ग्वालियर मेला की सोने जैसी कीमती जमीन को खुर्दबुर्द करने की गंभीर साजिश रची जा रही है। भारत मंडपम के नाम पर मेला की 25 एकड़ जमीन को ठिकाने लगाने की तैयारी है, यह पहले ही वर्चुअल बैठक के एजेंडा से जाहिर हो चुका है।
मेला परिसर सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं, एक एक इंच भूमि से व्यापारियों की जुड़ी भावनाएं, इसलिए मेला की जमीन बचाने लगा देंगे जान की बाजी
मेला व्यापारी संघ को पता चला है कि अब जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) को भी मेला की 5 एकड़ भूमि देने की गुपचुप तैयारी चल रही है। सवाल मेला की जमीन को उद्योगपतियों, कारोबारियों या सरकारी प्रतिष्ठानों को लीज पर देने या आवंटन का नहीं है, मेला व्यापारियों को दुःख इसलिए है क्योंकि ग्वालियर मेला सिर्फ एक जमीन का टुकड़ा नहीं है, बल्कि मेला की इंच इंच भूमि से यहां के व्यापारियों और दुकानदारों की दिली आस्थाएं और लगाव जुड़ा हुआ है और मेला की जमीन को धंधेबाजों के हाथों में जाने से रोकने के लिए एक एक मेला व्यापारी अपनी जान की बाजी तक लगा देगा।
यह वक्तव्य जारी करने वालों में मेला के इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के मुकेश अग्रवाल, चरणजीत नागपाल, ललित नागपाल, श्याम गुप्ता, झूला मनोरंजन सेक्टर के महेन्द्र भदकारिया, अचल भदकारिया, राजेंद्र सिंह भदौरिया, होटल हलवाई सेक्टर के अनिल पुनियानी, अनुज गुर्जर, सुरेश हिरयानी, अनिल शर्मा, संजू तोमर, पप्पू शिवहरे, रिजवान, सरस्वती शिवहरे आदि प्रमुख हैं।