क्या भाजपा का मैनिफेस्टो है बिहार चुनाव का जीएसटी कट
नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव की राजनीति की तपिश के बीच मोदी सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की दरों में कटौती का फैसला किया है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया है छठ मईया की पूजा और दीवाली से पहले बिहार ही नहीं बल्कि देश को डब्ल धमाका मिलने जा रहा है। वित्तमंत्री ने बताया कि जीएसटी कट बिहार चुनाव में भाजपा मैनिफेस्टो है? इस पर वित्तमंत्री बोली कि यह बिहार नहीं, देश के 140 करोड़ लोगों का मैनिफिस्टो है। सरकार ने जीएसटी में बदलाव का फैसला बहुत ही सोच समझकर लिया गया है। वित्त मंत्री बोली कि जीएसटी का इतना बड़ा परिवर्तन और हर चीज में दामों में बदलाव करने के लिये इंडस्ट्री और ट्रेडर्स से बात कर रहे हैं कि वह रेट कट को सच मेंजनता तकपहुंचायें। क्योंकि कई सवाल उठ रहे हैं कि कम्पनियां रेट कट को जनता तक नहीं पहुंचाते हैं। कुछ न कुछ बहाने बनाकर पैसा बनाते रहते हैं और लोग को लाभ नहीं मिलता है। उस पर हम काम कर रहे है।
जीएसटी के दो स्लैब खत्म करने का लाभ बिहार में मिलेगा
निर्मला सीतारमण ने बताया है कि जीएसटी में बदलाव बहुत उम्मीद के साथ किया गया है। जो नवरात्रि से ही लोगों को खरीदारी पर दिखने लगेगा। उदाहरण के तौर पर 100 रूपये में पहले जो एक समान मिलता था। उसमें अब डबल समान खरीद सकता है। गुटखा-तम्बाकू के दाम बढ़ने से बिहार जैसे राज्यों को नुकसान होगा। उसकी भरपाई कैसे होगी। इसके जवाब में वित्तमंत्री ने कहा है कि बिहार कंज्यूमर स्टेट है। मैं उम्मीद रख रहीहूं। कि इस नवरात्रि के पहले दिन से ही जनता रेट कटौती के चलते अधिक समान खरीद सकेगी। बिहार जैसे राज्यों को इस कटौती और रीफॉर्म जीएसटी का लाभ मिलेगा। हम मॉनीटरिंग कर रहे है जो दाम किये गये है वह लोगों तक पहुंचे। इसके लिये हम लगातार इंडस्ट्री आदि से बातचीत कर रहे हैं। इस रेट कटौती का लाभ लोगों तक पहुंचे। लेकिन कम्पनियों ने भी हमें आश्वस्त किया है कि लोगों तक रेट कटौती का पूरा लाभ पहुंचेगा।
कांग्रेस पर वित्तमंत्री का निशाना
वित्तमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा हैकि जो लोग कभी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को गब्बर सिंह टैक्स कहकर उसका मजाक उड़ाते थे। वह अब सरकार के जीएसटी 2.0 सुधारों का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। उनका यह बयान कांग्रेस नेताओं द्वारा यह कहने के बाद आया कि सुधारों कंे लिये अचानक यह कदम राहुल गांधी के प्रस्तावों के बाद उठाया गया है। जिन्होंने यह दावा किया है कि सरकार ने 9 साल तक इन प्रस्तावों का नजरअंदाज किया और उनके चुनाव प्रचार में वोट चोरी का आरोप लगाने के बाद ही कोई कदम उठाया। निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और पिछली सरकार पर भारी कर दर्रे लगाने का आरोप लगाया है जिससे व्यवसाईयों और उपभोक्ताओं दोनों का नुकसान हुआ। वित्तमंत्री ने कहा है कि मोदी सरकार का आम आदमी और उनकी आकांक्षाओं पर ध्यान और विपक्ष का दबाव नहीं, कर सुधारों का संभव बनाने का कारण बना है।

