ग्वालियर – भारत सरकार द्वारा संचालित बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के 100 दिवसीय कार्यक्रम के तहत ग्वालियर जिले में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस क्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग एवं सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट की जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन टीम के संयुक्त तत्वाधान में शहर में स्थित डीआरपी लाइन स्थित पीएम श्री शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं मुरार स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बाल विवाह विषय पर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
पीएमश्री स्कूल में आयोजित हुए कार्यक्रम के माध्यम से छात्राओं एवं स्कूल स्टाफ को बाल विवाह के दुष्परिणाम, कानूनी प्रावधानों और समाज पर इसके दीर्घकालिक प्रभावों की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की शपथ भी दिलाई गई। पीएमश्री विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती मोहिनी उपाध्याय ने बाल विवाह उन्मूलन के प्रयासों को आवश्यक बताते हुए छात्राओं को इससे जुड़े जोखिमों और रोकथाम के उपायों के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया।
महिला एवं बाल विकास विभाग के संदीप श्रीवास्तव ने परिवार, विद्यालय और समुदाय की साझी भूमिका पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन सफल युवा मंडल के अध्यक्ष अरविंद कुशवाह द्वारा किया गया। उन्होंने बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अंत में जागरूकता रैली निकालकर जन समुदाय को बाल विवाह रोकथाम हेतु सहयोग देने का संदेश दिया गया। गलत प्रथाओं की सूचना देने और 1098 हेल्पलाइन का उपयोग करने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों एवं स्टाफ ने सामूहिक शपथ लेकर बाल विवाह के विरुद्ध जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।
भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व गृहमंत्री की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक आदिवासी की आत्महत्या के मामले में देश के सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी से जांच कराने के आदेश दिए हैं। मामला पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह से जुड़ा है। सागर के बहुचर्चित नीलेश आत्महत्या केस में सर्वोच्च न्यायालय ने डीजीपी को 3 सदस्यीय एसआइटी से जांच कराने के आदेश दिए हैं। मृतक नीलेश की पत्नी रेवा की याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश जारी किया। पीडि़ता का आरोप है कि उनके पति को प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके सहयोगियों ने प्रताडि़त किया था जिससे परेशान होकर ही उन्होंने आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठाया। पत्नी का यह भी कहना है कि रसूखदारों के दबाव में शिकायत के बावजूद पुलिस ने मामले में उनकी नहीं सुनी।
सुप्रीम कोर्ट में महत्त्वपूर्ण सुनवाई हुई
नीलेश खुदकुशी केस में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में महत्त्वपूर्ण सुनवाई हुई। कोर्ट ने मप्र के डीजीपी को दो दिनों के भीतर तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने के आदेश दिए हैं। यह कदम मृतक की पत्नी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों और पुलिस द्वारा कथित रूप से कार्रवाई न किए जाने के मद्देनजर उठाया गया है।
पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से कहा गया कि उनके पति नीलेश को राज्य के पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके सहयोगियों ने प्रताडि़त किया, जिसके चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली। पीड़िता ने इसी साल 27 जुलाई को पूर्व मंत्री और अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआइआर के लिए शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने संज्ञान नहीं लिया।

ग्वालियर. 12 दिसम्बर को एसएसपी धर्मवीर सिंह के निर्देश पर विदिता डागर ने शहर के स्पा सेंटर में चल रहे अनैतिक गतिविधियों के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु ग्वालियर पुलिस की एक टीम तैयार की गई।
उक्त टीम में DSP शिखा सोनी महिला सुरक्षा शाखा, थाना प्रभारी अजाक अनीता गुर्जर, महिला थाना प्रभारी रश्मि भदौरिया, उप निरीक्षक स्वीटी राजावत, SI उन्नति उपाध्याय, ASI लोकेंद्र शर्मा, आरक्षक प्रिया तोमर, रजनी भदौरिया, जीतू, आरक्षक राजदीप को सम्मिलित किया गया है।
पुलिस टीम द्वारा नीलिमा स्पा सेंटर फूलबाग, कशिश स्पा सेंटर, इंदरगंज एवं कंचन स्पा सेंटर, यूनिवर्सिटी पर दबिश दी जाकर चेकिंग की गई। स्पा सेंटरो के संचालकों को रजिस्टरों को ठीक प्रकार से संधारित करने, व्यवस्थित रखने, सीसीटीवी कैमरे होने तथा किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधियों को संचालित न करने के संबंध में चेतावनी एवं समझाइए दी गई। भविष्य में भी उक्त टीम द्वारा सभी स्पा सेंटर, मसाज पार्लर, होटल आदि की चेकिंग जारी रहेगी तथा अनैतिक गतिविधियों के पाए जाने पर पुलिस कार्यवाही की जाएगी।
ग्वालियर. विश्वविख्यात अखिल भारतीय तानसेन समारोह की शुरुआत 15 दिसंबर से तानसेन समाधि स्थल पर होने जा रही है। इस दौरान चार दिन तक सजीव चित्रांकन भी रहेगा, जिसकी शुरुआत समारोह की शुरुआत के साथ 15 दिसंबर से ही होगी। इसमें देशभर से 114 कलाकार भाग लेंगे। वे समारोह के दौरान अपने कल्पना के रंगों को कैनवास पर उकेरते नजर आएंगे। इनमें राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिलब्ध 10 कलाकार भी लाइव चित्रांकन करेंगे। ललित कला संस्थान इंदौर, ललित कला संस्थान धार, ललित कला संस्थान खंडवा और ललित कला संस्थान जबलपुर के छात्र-छात्राएं भी चित्र बनाते नजर जाएंगे।

इंटक मैदान में पूर्व रंग गमक कार्यक्रम होगा
संस्कृति विभाग ने सजीव चित्रांकन के लिए कलाकारों की सूची जारी कर दी है। उल्लेखनीय है कि सजीव चित्रांकन का लुत्फ संगीतप्रेमी 18 दिसंबर तक समाधि स्थल पर सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक उठा सकेंगे। 19 दिसंबर को सुबह की सभा बेहट और शाम की सभा गूजरी महल में होगी। इसके पूर्व 14 दिसंबर को इंटक मैदान में पूर्व रंग गमक कार्यक्रम होगा, जिसमें सूफी गायिका जसपिंदर नरूला प्रस्तुति देंगी।
पुणे से नवनाथ, मुंबई से सुमित्रा, कोल्हापुर से अरुण बनाएंगे पेंटिंग
सजीव चित्रांकन में शहर के 30 कलाकारों को मौका दिया जा रहा है। साथ ही राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय एवं ललित कला संस्थान ग्वालियर के 50 छात्र-छात्राएं, प्रदेश के ललित कला संस्था इंदौर, धार, खंडवा, जबलपुर से 24 कलाकार शामिल होंगे।
ग्वालियर. नाका चन्द्रबदनी चौराहे से विक्की फैक्ट्री चौराहा तक प्रस्तावित सड़क 20 मीटर चौड़ीकरण कार्य के लिए नगर निगम ने पूरे मार्ग पर मौजूद अस्थायी और स्थायी अतिक्रमण की पहचान के लिए सर्वे दल का गठन किया है। संयुक्त निरीक्षण में कई स्थानों पर सड़क पर अतिक्रमण पाए गए, जिनके कारण चौड़ीकरण कार्य प्रभावित होना संभावित है। सड़क निर्माण के लिए पर्याप्त स्थान नहीं मिल पा रहा है। नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय के निर्देश पर गठित सर्वे दल को पूरे मार्ग का संयुक्त निरीक्षण कर तीन दिवस में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का दायित्व सौपा गया है।
16 करोड़ की लागत से बननी है सड़क
एजी ऑफिस पुल से विक्की फैक्ट्री चौराहा की दूरी 4.5 किलोमीटर है। इस सड़क की हालत सुधारने के लिए 16 करोड़ रुपए स्वीकृत हो गए और कार्यादेश 29 जुलाई 2025 को जारी हो गया है, लेकिन सड़क निर्माण रफ्तार नहीं पकड़ सका है। 6 महीने में सड़क निर्माण में 10 फीसदी प्रगति रही है। इस सड़क के साथ अलापुर की सड़क स्वीकृत हुई थी, उसका 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। सड़क सीमेंट की बनाना है। नगर निगम को पानी लाइन भी शिफ्ट करनी है। पानी की लाइन व अतिक्रमण हटाने तक पीडब्ल्यूडी विक्की फैक्ट्री से सड़क का निर्माण शुरू करेगा। एजी ऑफिस पुल से नाका चंद्रबंदनी तक भी सड़क का निर्माण शुरू किया जा सकता है। नाका चंद्रबंदनी से तपोवन तक अतिक्रण है। इसी बीच सड़क ज्यादा खराब है।

नई दिल्ली. केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में 2027 की जनगणना के लिये 11,718 करोड़ रूपये मे बजट को मंजूरी दे दी गयी है। पहली बार देशभर में डिजीटल जनगणना होगीं इसके लिये 30 लाख कर्मचारियों को काम पर लगाया जायेगा। केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि आज पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट में 3 बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिये गये हैं। सबसे पहले जनगणना 2027 को लेकर है।
जनगणना जो देश की बहुत बड़ी प्रक्रिया है। उसके लिये 11,718 करोड़ रूपये का बजट मंजूर किया गया है। दूसरा देश के कोयला सेक्टर मे बड़ा रिफॉर्म किया गया है। कोयल सेतू के माध्यम से। तीसरा किसानों के कल्याण के लिये बड़ा कदम उठाया गया है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा हैकि 2027 से देश में जनगणना होगी। यह जनगणना 2 चरणों में हो्रगी। पहले चरनण में हाउस लिस्टिंग और हाऊसिंग जनगणना होगी। जो अप्रैल से सितम्बर 2026 तक होगी। जबकि दूसरे चरण के तहत जनसंख्या गणना होगी। जो फरवरी 2027 से होगी।
अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि भारत कोयले के उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। 2024-25 में भारत ने ऐतिहासिक रूप से एक अरब टन से अधिक कोयले का उत्पादन किया है। पहले कोयल के इंपोर्ट पर हमारी जो निर्भरता थी। अब वह करीब बहुत कम हो गयी है। कोयल के इंपोर्ट पर निर्भरता कम होने से हमने 60,000 करोड़ रूपये बचाये हैं।
भारत की जनगणना देश की आबादी, जनसांख्यिकी, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और संसाधनों के वितरण का एक व्यापक सर्वेक्षण है। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस कमिश्नर द्वारा संचालित की जाती है।
ग्वालियर -संगीत की नगरी ग्वालियर में 15 से 19 दिसम्बर तक शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” का आयोजन होगा। संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने समारोह में अधिक से अधिक संगीत रसिकों की भागीदारी के उद्देश्य से सोमवार 15 दिसम्बर को अतिरिक्त स्थानीय अवकाश घोषित किया है। यह अवकाश बैंक एवं कोषालयों के लिये लागू नहीं रहेगा।

ग्वालियर. इस बार वर्षा के मौसम में 100 वर्षो के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो गये। शहर में औसत वर्षा का कोटा 30 इंच है। जबकि पानी 61 इंच वर्षा। जिले के सभी बांध लबालब है फिर भी पानी की किल्लत है। जल संसाधान विभाग के अधिकारी बांधों का पानी बचाने सर्दियों में एक दिन छोड़कर पीने का पानी सप्लाई करने की तैयारी कर रहे हैं।
हालांकि फिलहाल जिला प्रशासन ने रोक दिया है। शहर के नजदीक 7 बांधों समेत आसपास के 12 बांध है। पानी का प्रबंधन ठीक नहीं है। इनमें 2 बांध आजादी के बाद बने हैं। शेष सभी एक सदी से अधिक पुराने हैं। पिछले 50 वर्षो में हमइन बांधों की क्षमता नहीं बढ़ा पाये है।
अधिकारियों और दबंगों का गठजोड़, बांधों के पानी से कर रहे हैं खेती
ग्वालियर सिटी के नजदीक इन बांधों में वर्षा का पानी भर भी जाये तो क्षेत्र के दबंग लोग पानी निकाल देते हैं। इसके बाद बांधों की जमीन पर ही खेती कर रहे हैं। बदले में जल संसाधन विभाग के अधिकारी अपने हाथ बचाने के लियूे इनसे बतौर जुर्माना नाम मात्र की रकम वसूल कर लेता है। अहम बात यह है कि गर्मियों में पानी की किल्लत के बाद इतना ही पानी ऊपरी बांधों से पानी लाने के लिये 10 करोड़ रूपये तक की राशि खर्च की जाती है।
पिछले डेढ़ दशक से शहर के लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। इस अवधि में हर साल बारिश कम होने की बात कहकर एक दिन छोड़कर सप्लाई शुरू कर दी जाती है। वर्ष 2008 और वर्ष 2017-18 में ककेटो और पेहसारी बांधों से पानी लाने के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च भी किए गए। इस वर्ष औसत कोटे से दो गुना बारिश हुई तो अफसर बारिश के पानी को सहेज नहीं पाए, क्योंकि अब तक ऐसी कोई प्लानिंग ही नहीं की गई।