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ताज एक्सप्रेस झांसी की जगह ग्वालियर से संचालित होगी

ग्वालियर. आने वाले दिनों में अगर आप ट्रेन से सफर करने वाले है तो ये खबर आपके काम की है। यात्रियों को जानकारी के लिए बता दें कि वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर वॉशेबल एप्रिन हटाकर गिट्टी रहित पटरी बिछाने का काम 25 नवंबर से शुरू होगा और 8 जनवरी तक चलेगा। इस कारण कुछ ट्रेनों का रूट बदल दिया है।
ट्रेनों के प्लेटफॉर्म बदले
अब ताज एक्सप्रेस झांसी की जगह ग्वालियर से संचालित होगी। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ने वाली है। ताज एक्सप्रेस को दोपहर में लगभग पांच घंटे तक प्लेटफार्म तीन पर खड़ा किया जाएगा। इस कारण प्लेटफार्म तीन से ग्वालियर से भिंड जाने वाली भिंड पैसेंजर का प्लेटफार्म बदलने की प्लानिंग कर ली गई है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार ग्वालियर भिंड पैसेंजर को प्लेटफार्म एक या चार से चलाया जा सकता है। यार्ड में जगह नहीं, इसलिए ताज प्लेटफार्म पर
कुछ समय पहले जब ताज एक्सप्रेस ग्वालियर से दिल्ली के लिए चलती थी, उस समय ट्रेन को यार्ड में ले जाया जाता था। लेकिन अब जब से ताज एक्सप्रेस झांसी से संचालित होने के बाद ग्वालियर से चलने लगी है, तभी से इसे यार्ड में नहीं भेजा जा रहा है। रेलवे अधिकारी अब यार्ड में जगह नहीं होने की कहकर प्लेटफार्म पर ही खड़ी कर रहे हैं। इससे यात्रियों को परेशानी होगी।

 

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DRDO ने Su-30MKI से स्वदेशी ‘गौरव’ ग्लाइड बम का सफल परीक्षण किया,थर-थर कांपेगा पाकिस्तान

नई दिल्ली. भारत अपनी सैन्य क्षमता और टेक्नोलॉजी को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन पर काम कर रहा है। इस रास्ते में उसको बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। डीआरडीओ ने भारतीय वायुसेना के एसयु-30एमकेआई फाइटर जेट से स्वदेशी एयर-लॉन्च्ड लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम गौरव के परीक्षण में सफलता हासिल कर ली है। यह बम दूर से ही दुश्मन के ठिकानों को सटीकता के साथ निशाना बनाकर नष्ट करने में सक्षम हैं, जिससे पायलट और विमान जोखिम से दूर रहते हैं। यह भारत की आधुनिक युद्ध क्षमता को एक नया आयाम देता है।
क्या है गौरव ग्लाइड बम
गौरव ऐसा हथियार है, जिसे हवा से काफी दूरी पर छोड़ा जाता है। यह छोड़ने के बाद लंबी दूरी तक ग्लाइड करता है। लक्ष्य पर सटीक प्रहार करता है। इसकी ताकत और उच्च विनाश क्षमता इसे बंकर, किलेबंद ठिकानों और पहाड़ी पोजिशन पर बेहद प्रभावी बनाती है। दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देते हुए प्रहार करना इसका सबसे बड़ा गुण है।
डीआरडीओ ने इस बम के दो वर्जन किए हैं विकसित
गौरव पीसीबी: बंकर, कंक्रीट संरचनाओं और पहाड़ी ठिकानों को भेदने के लिए डिजाइन किया।
गौरव पीएफ: खुले ठिकानों और बड़े क्षेत्र में नुकसान पहुंचाने वाले ऑपरेशंस के लिए उपयोगी।
दोनों संस्करण आधुनिक लड़ाई के अलग-अलग हालात में फायदेमंद साबित होंगे।
डिफेंस में आत्मनिर्भरता की राह
भारत लंबे समय से फाइटर जेट इंजन और एडवांस हथियारों के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहा है। यही वजह रही कि तेजस एमके2 और एएमसीए जैसे प्रोजेक्ट में देरी हुई।
अब डीआरडीओ और सरकार स्वदेशी इंजनों, मिसाइलों, रडार, एयर-डिफेंस सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर तकनीक के विकास पर तेजी से काम कर रहे हैं। गौरव इसका सशक्त उदाहरण है।

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भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर बॉटम परफार्मर जिले, एसआईआर डिजिटाइजेशन में सीहोर, अशोकनगर जैसे छोटे जिले अव्वल

भोपाल. सुविधाओं के बाद भी मध्य प्रदेश के विकसित और महानगरीय उपलब्धि वाले जिले भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर में एसआईआर की परफार्मेंस 18 दिनों में छोटे जिले की अपेक्षा पुअर है। हैरत की बात यह है कि यह सभी प्रदेश के 55 जिलों में बॉटम 10 जिलों की कैटेगरी में शामिल हैं जहां सबसे कम डिजिटाइजेशन हो सका है। चुनाव आयोग की सख्ती के बाद भी एमपी के वोटर्स की एसआईआर में प्रोग्रेस नहीं आ पा रही है। प्रदेश में 27 अक्टूबर की स्थिति में 5 करोड़ 74 लाख 6 हजार 143 मतदाता हैं जिसमें से 2 करोड़ 76 लाख 19 हजार 799 वोटर्स के एसआईआर डिटेल अभी डिजिटाइज होना बाकी है। 22 नवंबर की सुबह तक चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार डिजिटाइजेशन का प्रतिशत 48.11 है।

फाइल फोटो - Dainik Bhaskar
परफार्मेंस की रिपोर्ट हर दिन बदल रही
संभागीय मुख्यालयों की बात करें तो सागर संभाग बॉटम जिलों से 11 वें स्थान पर हैं जहां 46.65 प्रतिशत डिजिटाइजेशन हुआ है और रीवा टाप परफार्मिंग जिलों की लिस्ट में 51.27 प्रतिशत के साथ 24वें स्थान पर है। हालांकि परफार्मेंस की यह रिपोर्ट हर दिन बदल रही है लेकिन इसके बाद भी छोटे जिलों का काम तेजी से हो रहा है। इसकी वजह इन जिलों के वोटर संख्या बड़े शहर वाले जिलों की अपेक्षा कम होना बताया जा रहा है। एक अन्य वजह एसआईआर फाॅर्म सभी को नहीं मिल पाना और फॉर्म सौंपने के बाद उसका कलेक्शन नहीं करना भी बताई जा रही है।

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ग्वालियर में बारातों से लगा जाम, 2 किमी लंबे जाम में दो घंटे तक फंसे रहे वाहन

ग्वालियर. शनिवार को तगड़ा सहालग (शादियां) का असर शहर की सड़कों पर भी साफ दिखाई दिया है। शहर से लेकर हाइवे तक ट्रैफिक जाम रहा है। सबसे ज्यादा खराब हालात ग्वालियर-झांसी हाइवे पर सिकरौदा पॉइंट व आगरा-मुम्बई नेशनल हाइवे पर निरावली पॉइंट पर रहे हैं। यहां दो किलोमीटर लंबा जाम लगा था और डेढ़ से दो घंटे वाहन ट्रैफिक जाम में फंसे रहे और रेंगते हुए ही निकले हैं। ट्रैफिक जाम की खबर मिलते ही शहर से लेकर हाइवे तक पुलिस ट्रैफिक कंट्रोल करती हुई नजर आई है। रात 11 बजे तक सड़कों से यातायात सामान्य नहीं हो सका था।

हाइवे पर घंटों जाम लगा रहा। - Dainik Bhaskar
सड़कों पर बारातों और नाचते बारातियों के कारण ट्रैफिक जाम रहा
पुलिस जाम खुलवाने में जुटी नजर आई है। एक तरफ तो हाइवे पर जाम के कारण वाहनों की लंबी लाइन लग गई थी। सबसे ज्यादा हालत निरावली और सिकरौदा चौराहे पर हुई और स्थिति को संभालने के लिए डीएसपी यातायात सहित सभी यातायात निरीक्षक व पुलिस बल जाम खुलवाने में जुट गया। शहर की सड़कों पर बारातों और नाचते बारातियों के कारण ट्रैफिक जाम हो रहा था। जिस कारण शहर के थानों का बल ने अपने-अपने क्षेत्र में एक्टिव होकर जाम खुलवाया है।

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MP में बिजली चोरी पकड़ने वालों को मिलेगी इंजीनियर की सैलरी

भोपाल. बिजली चोरी रोकने में वर्षों से असफल रही बिजली कंपनियों ने इस बार एक ऐसा प्रयोग शुरू किया है, जिसने इंजीनियरों विशेष रूप से जेई और एई में भारी नाराजगी पैदा कर दी है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के विवादित आदेश के अनुसार, अब बिजली चोरी पकड़वाने वाले बाहरी लोगों को मिलने वाला इनाम कंपनी के बजट से नहीं, बल्कि संबंधित क्षेत्र के जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर के वेतन से काटकर दिया जाएगा। अगस्त में जारी हुए इस आदेश से कई जिलों के इंजीनियर परेशान हैं और कई पर वेतन कटौती की तलवार लटक गई है।
आश्चर्य की बात यह है कि ऊर्जा विभाग से लेकर शीर्ष अधिकारियों तक, हर स्तर पर उपलब्धियों का श्रेय साझा किया जाता है, लेकिन बिजली चोरी रोकने की जिम्मेदारी तय करते समय केवल मैदानी इंजीनियरों को निशाना बनाया गया है। इसी वजह से यह मामला गरमा गया है और इसे अन्यायपूर्ण बताया जा रहा है। जल्द ही इस आदेश को अब पश्चिम और मध्य क्षेत्र की बिजली कंपनियों में लागू करने की तैयारी है, जिससे विवाद और बढ़ने की संभावना है।

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हवलदार ने 250 के लिए युवक को पीटा, स्कूटर वर्कशॉप के कर्मचारी को गिराकर लातें मारी

भोपाल. प्रधान आरक्षक (हवलदार) राम अवतार धाकड़ ने एक स्कूटर के सर्विस सेंटर के बाहर कर्मचारी के साथ जमकर मारपीट की। उसे जमीन पर गिराकर लातें मारीं। उसके साथ पांच और पुलिसकर्मी मौजूद थे। किसी ने भी युवक को बचाने का प्रयास नहीं किया। घटना शनिवार शाम की है। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है। हवलदार स्कूटर में तत्काल काम कराने की बात पर अड़ा था। महज ढाई सौ रुपए का गाड़ी में काम होना था, लेकिन वह पैसा नहीं देना चाहता था। उसने कर्मचारियों से स्कूटर में इंश्योरेंस से काम कराने की बात कही थी। डीसीपी जोन-2 विवेक सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं हवलदार राम अवतार धाकड़ को सस्पेंड कर दिया गया है।

लोगों ने 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस बुलाई, लेकिन उन्होंने भी युवक की कोई मदद नहीं की। - Dainik Bhaskar
ब्रेक लिवर का पैसा नहीं देना चाहते थे
नारायण नगर में सर्विस सेंटर में सचिन कुमार कुशवाह बतौर सर्विस एडवाइजर काम करते हैं। इसमें आज शाम को करीब सवा चार बजे वर्दी में एक पुलिसकर्मी पहुंचा, जिसने अपना परिचय राम अवतार धाकड़ के रूप में दिया। उसने स्वयं को बैरागढ़ थाने में पदस्थ होना बताया। साथ ही स्कूटर का ब्रेक लिवर तत्काल बदलकर देने की बात कही। सचिन ने उन्हें लिवर के पैसे चुकाने की बात कही, जिसकी कीमत 250 रुपए थी।
पुलिसकर्मी इस बात पर नाराज हो गया, उसने पैसा देने से मना कर दिया। इंश्योरेंस से काम कराने की बात कही। इस पर सचिन ने उसे इंश्योरेंस से काम कराने के लिए हामी भरी, लेकिन गाड़ी छोड़कर जाने और पूरी प्रक्रिया के बाद क्लेम सेटल होने में करीब एक सप्ताह लग जाने की जानकारी दी।

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कश्मीर में 122 पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय, सिर्फ 9 लोकल

जम्मू कश्मीर. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के ताजा आंकड़ों के मुताबिक घाटी और जम्मू क्षेत्र में इस समय करीब 131 आतंकवादी सक्रिय हैं। हैरानी की बात यह है कि इनमें से 122 पाकिस्तानी नागरिक हैं, जबकि सिर्फ 9 स्थानीय युवा ही आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं। यानि आतंकियों की लोकल भर्ती लगभग बंद हो चुकी है। ध्यान रहे कि सुरक्षा बलों ने इस साल अब तक 45 विदेशी और स्थानीय आतंकवादियों को मार गिराया है। इससे पहले 2024 में कुल 61 आतंकवादी मारे गए थे, जिनमें से 21 पाकिस्तानी थे। ज्यादातर एनकाउंटर घाटी के अंदरूनी इलाकों में हुए, जबकि 16 आतंकवादी एलओसी के पास ढेर किए गए।
सफेदपोश आतंकवादी बने खतरा
सबसे बड़ा खतरा अब सफेदपोश आतंकवादी बन कर उभरा है। आतंकी संगठन अब डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और दूसरे पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स को अपने जाल में फंसा रहे हैं। ये लोग खुलेआम हथियार नहीं उठाते, बल्कि गुप्त तरीके से लॉजिस्टिक्स, फंडिंग, भर्ती और खुफिया जानकारी पहुंचाने का काम करते हैं। दिल्ली के लाल किले में 10 नवंबर को हुए बम धमाके में भी ऐसे ही उच्च शिक्षित लोग शामिल पाए गए थे।
लाल किला ब्लास्ट के बाद कश्मीर में ऑपरेशन की रफ्तार और तेज
खुफिया एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तानी हैंडलर अब स्थानीय युवाओं को भर्ती करने में नाकाम साबित हो रहे हैं, इसलिए वे शिक्षित तबके को कट्टरपंथ की राह पर ला रहे हैं। कुछ लोगों को तो आत्मघाती हमलावर बनाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। लाल किला ब्लास्ट के बाद जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन की रफ्तार और तेज हो गई है। जांच में पता चला है कि घाटी में ट्रेनिंग ले चुके कई आतंकवादी अब देश के दूसरे हिस्सों में स्लीपर सेल और व्हाइट-कॉलर टैरर मॉड्यूल चला रहे हैं। सुरक्षा बलों की सबसे बड़ी प्राथमिकता अब इन गुप्त नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना है।

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दिल्ली में ISI कनेक्शन वाला हथियार तस्करी नेटवर्क पकड़ा,पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार मंगाते

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शनिवार को आईएसआई कनेक्शन वाले एक बड़े इंटरनेशनल हथियार तस्करी नेटवर्क का खुलासा किया। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह से जुड़े चार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जो पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हाईटेक हथियार मंगवाकर लॉरेंस, गोगी जैसे गैंगस्टरों को सप्लाई करते थे। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, उन्हें इनपुट मिला था कि कुछ तस्कर दिल्ली में हथियार सप्लाई करने वाले हैं। इसके बाद रोहिणी एरिया में ट्रैप बिछाकर आरोपियों को पकड़ा गया। पुलिस ने मौके से तुर्की और चीन में बने 10 हाई-टेक पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद किए।
पुलिस का कहना है कि बरामद हथियारों की क्वालिटी और नेटवर्क का विस्तार देखकर साफ है कि यह एक संगठित और हाई-फंडेड तस्करी मॉड्यूल था। पुलिस का कहना है कि बरामद किए गए हथियार बहुत आधुनिक हैं और इनके पीछे बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था। इससे लग रहा है कि यह तस्करी का संगठित और हाई-फंडेड मॉड्यूल था।

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ग्वालियर में तानसेन समारोह 2025 में फिर छिड़ेंगे राग, 15 दिसंबर से आगाज

ग्वालियर. राष्ट्रीय तानसेन सम्मान और राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान की घोषणा संस्कृति विभाग ने की। ये सम्मान 15-19 दिसंबर तक ग्वालियर में तानसेन समारोह में दिए जाएंगे। संस्कृति संचालक एनपी नामदेव ने बताया, 2024 के लिए तानसेन सम्मान पं. राजा काले मुंबई, 2025 के लिए पं. तरुण भट्टाचार्य, कोलकाता को दिया जाएगा। तोमर सम्मान 2024 के लिए साधना परमार्थिक संस्थान समिति, खरगोन व 2025 के लिए रागायन, ग्वालियर को दिया जाएगा। सम्मानित कलाकार एवं संस्था को 5 लाख की सम्मान राशि एवं सम्मान पट्टिका भेंट की जाती है।
शांति और अमन का संदेश फैला सकते हैं
शास्त्रीय संगीत की महत्ता पर पं. भट्टाचार्य ने कहा, इसके जरिए हम दुनिया में शांति का संदेश फैला सकते हैं। 10 साल तक शास्त्रीय संगीत सिखाने से बच्चों का मन पूरी तरह से बदल सकता है। संतूर के बारे में कहा, यह वीणा की तरह सततंरी वाद्य है। उल्लेख वेद-पुराणों में भी मिलता है। संतूर में मैंने कई प्रयोग किए हैं। शास्त्रीय संगीत का आकर्षण कायम है। स्कूल-कॉलेज के बच्चों में रुचि बढ़ी है।

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MP में राज्य सेवा के 15 अफसरों को प्रमोशन, बनेंगे IAS-IPS

भोपाल. राज्य पुलिस सेवा के पांच अधिकारियों को आइपीएस बनाने के लिए दिल्ली में दोबारा डीपीसी हुई। इसमें 1997-98 बैच के 15 अफसरों के नाम पर विचार किया गया। वरिष्ठता क्रम से बात करें तो राज्य पुलिस के सेवा के दो अधिकारी सीताराम ससत्या और अमृत मीणा का नाम सबसे ऊपर था। लेकिन दोनों पर विभागीय जांच चलने के कारण पेच फंसा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, इन दोनों में सीताराम को छोड़कर अमृत मीणा को प्रोविजनल आइपीएस बनाया गया है। इसका मतलब है कि उन्हें दो माह बाद होने वाली अगली डीपीसी तक मामले से निवृत्त होना होगा या प्रमोशन खुद निरस्त माना जाएगा।
बता दें, इससे पहले 12 सितंबर को एक बार पहले भी डीपीसी हो चुकी थी। इसके नोटिफिकेशन का कई दिनों तक पैनल में शामिल अधिकारी इंतजार करते रहे। लेकिन बाद में निरस्त कर 21 नवंबर को दोबारा डीपीसी की गई। डीपीसी में राज्य सेवा 1997-98 बैच के अमृत मीणा, विक्रांत मुराब, सुरेंद्र कुमार जैन, आशीष खरे, राजेश रघुवंशी के नाम आइपीएस अवॉर्ड की सूची में हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। डीपीसी में एमपी मुख्य सचिव अनुराग जैन, एसीएस होम शिव शेखर शुक्ला और डीजीपी कैलाश मकवाना शामिल हुए।