कश्मीर में 122 पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय, सिर्फ 9 लोकल
जम्मू कश्मीर. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के ताजा आंकड़ों के मुताबिक घाटी और जम्मू क्षेत्र में इस समय करीब 131 आतंकवादी सक्रिय हैं। हैरानी की बात यह है कि इनमें से 122 पाकिस्तानी नागरिक हैं, जबकि सिर्फ 9 स्थानीय युवा ही आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं। यानि आतंकियों की लोकल भर्ती लगभग बंद हो चुकी है। ध्यान रहे कि सुरक्षा बलों ने इस साल अब तक 45 विदेशी और स्थानीय आतंकवादियों को मार गिराया है। इससे पहले 2024 में कुल 61 आतंकवादी मारे गए थे, जिनमें से 21 पाकिस्तानी थे। ज्यादातर एनकाउंटर घाटी के अंदरूनी इलाकों में हुए, जबकि 16 आतंकवादी एलओसी के पास ढेर किए गए।
सफेदपोश आतंकवादी बने खतरा
सबसे बड़ा खतरा अब सफेदपोश आतंकवादी बन कर उभरा है। आतंकी संगठन अब डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और दूसरे पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स को अपने जाल में फंसा रहे हैं। ये लोग खुलेआम हथियार नहीं उठाते, बल्कि गुप्त तरीके से लॉजिस्टिक्स, फंडिंग, भर्ती और खुफिया जानकारी पहुंचाने का काम करते हैं। दिल्ली के लाल किले में 10 नवंबर को हुए बम धमाके में भी ऐसे ही उच्च शिक्षित लोग शामिल पाए गए थे।
लाल किला ब्लास्ट के बाद कश्मीर में ऑपरेशन की रफ्तार और तेज
खुफिया एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तानी हैंडलर अब स्थानीय युवाओं को भर्ती करने में नाकाम साबित हो रहे हैं, इसलिए वे शिक्षित तबके को कट्टरपंथ की राह पर ला रहे हैं। कुछ लोगों को तो आत्मघाती हमलावर बनाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। लाल किला ब्लास्ट के बाद जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन की रफ्तार और तेज हो गई है। जांच में पता चला है कि घाटी में ट्रेनिंग ले चुके कई आतंकवादी अब देश के दूसरे हिस्सों में स्लीपर सेल और व्हाइट-कॉलर टैरर मॉड्यूल चला रहे हैं। सुरक्षा बलों की सबसे बड़ी प्राथमिकता अब इन गुप्त नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना है।

