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पटना में बड़े व्यापारी की गोली मारकर हत्या, मगध अस्पताल के मालिक की हत्या

पटना. बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान थाना इलाके में व्यापारी गोपाल खेमका की 4 जुलाई की रात 11 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इस हत्याकांड से इलाके में सनसनी फैल गयी। फिलहाल सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भिजवा दिया। वहीं, मामले की जांच शुरू करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
गोपाल खेमका पटना के बड़े बिजनेस मैन थे। वह मगध अस्पताल के मालिक भी थे। गोपाल खेमका के बेटे गुजन खेमका की भी हत्या वैशाली के औद्योगिक थाना इलाके में अपराधियों ने 6 वर्ष पूर्व कर दी थी। जिसके बाद काफी बवाल भी मचा था। वहीं अब एक आर फिर अपराधियों का बोलबाला पटना में देखने को मिला था।

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ब्रिटिश फायटर जेट बी-35 रिपयर करने आयेंगे 40 इंजीनियर, 21 दिन पहले इमरजेंसी लैडिंग हुई थी

तिरूअनंतपुरम. ब्रिटिश फायटर जेट बी-35 को ठीक करने ब्रिटेन से 40 इंजीनियरों की टीम 5 जुलाई को भारत पहुंच सकती है। टीम फायटर जेट में आ रही टेक्नीकल प्रॉब्लम को ठीक करेगी। जिसके बाद यह ब्रिटेन के लिये उड़ान भरेगा। पहले ब्रिटेन की इस टीम को 2 जुलाई को आना था। फायटर जेट 14 जून की रात केरल के तिरूअनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। लैंडिंग के बाद जेट में तकनीकी खराबी आ गयी। जिसकी वजह से यह वापिस नहीं जा सका। जेट 13 दिन से एयरपोर्ट पर ही खड़ा है।
918 करोड रूपये का यह विमान ब्रिटेन की रॉयल नेवी के एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है। इसे दुनियाभर में सबसे एडवांस्ड फायटर जेट में से एक माना जाता है। एचएमएस के एक्सपर्ट ने बताया था कि जेट को ठीक करने में ब्रिटेन की इंजीनियरिंग की टीम मदद लगेगी।
लाइटनिंग के नाम से मशहूर है F-35 जेट
ब्रिटिश सेवा में लाइटनिंग के नाम से जाना जाने वाला F-35 मॉडल फाइटर जेट का शॉर्ट टेक ऑफ/वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) वैरिएंट है जिसे शॉर्ट-फील्ड बेस और एयर कैपेबल जहाजों से ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किया गया है। F-35B पांचवीं पीढ़ी का एकमात्र लड़ाकू जेट है जिसमें छोटी उड़ान और वर्टिकल लैंडिंग की कैपेसिटी है। जो इसे छोटे डेक, साधारण ठिकानों और जहाजों से संचालन के लिए आदर्श बनाती हैं। F-35B को लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने डेवलप किया है। इस प्लेन को 2006 से बनाना शुरू किया गया था। 2015 से यह अमेरिकी वायुसेना में शामिल है। ये पेंटागन के इतिहास का सबसे महंगा विमान है। अमेरिका एक F-35 फाइटर प्लेन पर औसतन 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपए) खर्च करता है।

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मिडिल क्लास को GST से मिलेगी राहत, 12% स्लैब को समाप्त कर 5% में लाने की तैयारी में हैं सरकार

नई दिल्ली. GST  को लेकर सरकार की बड़ी प्लानिंग है । इसके तहत मिडिल क्लास व लोअर इनकम ग्रुप वाले लोगों का राहत मिल सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही GST में बड़ी राहत दी जा सकती है। केन्द्र सरकार जीएसटी रेट्स में कटौती GST रेट कट की जा सकती है। ऐसा बताया जा रहा है कि मोदी सरकार GST स्लैब बदलने पर गंभीरता से विचार कर रही है। 12%  का GST स्लैब अब 5%  में आ सकता है।
12 की जगह 5% के स्लैब की तैयारी
सरकारी की तरफ से GST  पर ऐसे सामनों पर राहत मिल सकती है। जो खासतौर पर मिडिल और लोअर इनकम वाले घरों में आमतौर पर उपयोग किये जाते हैं। 12%  के GST टैक्स स्लैब के अंतर्गत आते हैं। सरकार अब विचार कर रही है। ऐसे अधिकांश सामानों को या तो 5%  के टैक्स स्लैब में ट्रांसफर किया जा सकता है। फिर इन पर लगने वाला 12%  का स्लैब की समाप्त किया जा सकता है। गौरतलब है कि रोजमर्रा में उपयोग होने वाला अधिकतर सामान इसी स्लैब में आते हैं।
सरकार की ओर से पहले से मिल रहे संकेत
जीएसटी (GST) के मोर्चे पर बड़ी राहत के संकेत पहले से ही सरकार की ओर से मिल रहे हैं। बीते मार्च महीने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भी कहा था कि जीएसटी टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाने का प्रोसेस पूरा होने के बाद जीएसटी रेट्स में और भी कमी आएगी. इसके बाद से ही GST Tax Slab Change किए जाने की उम्मीद लगाई जा रही थी और अब सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगली काउंसिल बैठक में ये बड़ा फैसला लिया जा सकता  हैं।
GST के भारत में कितने स्लैब
साल 2017 में देश में जीएसटी लागू किया गया था और बीते कारोबारी दिन 1 जुलाई को ही इसने आठ साल पूरे किए हैं। देश में जीएसटी दरें GST Counsil द्वारा तय की जाती हैं और इनमें बदलाव के किसी भी फैसले में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी शामिल रहते हैं।  बात करें भारत में GST Slabs के बारे में, तो अभी चार जीएसटी स्लैब हैं। 5%, 12%, 18% और 28% हैं।  अनाज, खाद्य तेल, चीनी, स्नैक्स और मिठाई के अलावा सोना-चांदी और अन्य तमाम सामानों को अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से इन्ही टैक्स स्लैब में रखा गया हैं।

 

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रेलवे ने टिकट बुकिंग से टाइमिंग तक बदले 5 बड़े नियम, यात्रियों पर पड़ेगा सीधा असर

नई दिल्ली. जुलाई माह शुरू होते ही आज से कई नियम बदल रहे हैं जो लोगों के आर्थिक स्थिति को प्रभावित करेंगे। वहीं, भारतीय रेलवे की तरफ से भी 1 जुलाई से कुछ नियमों में बदलाव हुआ है। जो आपको जान लेना चाहिये, क्योंकि अगर आप बिना जाने ट्रेन से यात्रा करते हैं तो आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। रेलवे ने 1 जुलाई से अपनी पैसेंजर बुकिंग सिस्टम में कई अहम बदलाव लागू किया हे। इसमें रिजर्वेशन प्रोटोकॉल, चार्ट टाइमलाइन, टिकटिंग सुरक्षा और किराये में अहम बदलाव शामिल है। वहीं, आधार अथेंटिफिकेशन को लेकर भी बदलाव हुआ है।
वेटिंग सूची की लिमिट बढ़ी
एसी वेटिंग लिस्ट की सीमा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 60प्रतिशत की गयी है। यह फैसला यात्रियों की असुविधा और क्षमता के कम उपयोग की रिपोर्ट के बाद लिया गया है। वहीं नॉन-एसी सूची और सेकेंण्ड क्लास कोच के लिये वेटिंग लिस्ट की सीमा को कुछ बर्थ क्षमता के 30प्रतिशत तक संशोधित किया गया है।
तत्काल बुकिंग के लिये आधार जरूरी
अगर आप तत्काल टिकट बुकिंग करने जा रहे हैं तो अब 1 जुलाई से, सभी तत्काल बुकिंग, चाहें ऑनलाइन हो या पीआरएस काउंटर पर, आधार से जुड़ी यूजर आईडी उपयोग करना जरूरी है। बिना आधार ऑथेंटिफिकेशन के आप तत्काल टिकट बुक नहीं कर पायेंगे से, 15 जुलाई से, बुकिंग पूरी करने के लिये यात्री के आधार से जुड़े मोबाइल नम्बर पर भेजा गया ओटीपी भी अनिवार्य होगा।
किराये में की गयी बढ़ोत्तरी
लम्बी दूरी के रूट पर मामूली किराया बढ़ोत्तरी की गयी है। रेलवे ने मामूली किराया वृद्धि का ऐलान किया है। जो 2020 के बाद पहली बार है। नॉन-एसी मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों के किराये में 0.01 रूपये प्रति किमी की वृद्धि होगी। जबकि एसी कोच के किराये में 0.02 रूपये प्रति किमी की वृद्धि होगी। सेकेंड क्लास में 500 किमी तक टिकट की बुकिंग नहीं होगी। मंथली सीजन पास में भी वृद्धि नहीं की गयी है।
8 घंटे पहले चार्ट होगा तैयार
अब ट्रेन के रवाना होने के 8 घंटे पहले ही रिजर्वेशन चार्ट तैयार करने की तैयारी चल रही है। अब पहला रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन प्रस्‍थान से 8 घंटे पहले जारी किया जाएगा, जबकि पहले यह समय करीब 4 घंटे होता था। यह बदलाव पहले से ही चुनिंदा ट्रेनों में पायलट के तौर पर शुरू किया जा रहा है और अब इसे जल्‍द व्‍यापक तौर पर पेश किया जाएगा।
टाइमिंग में बदलाव
बल्‍क बुकिंग को कम करने और यात्रियों को बेहतर सुविधा के लिए एजेंटों को हर दिन खिड़की खुलने के बाद पहले 30 मिनट तक तत्‍काल टिकट बुक करने से रोक दिया जाएगा। 30 मिनट बाद ही एजेंट तत्‍काल टिकट की बुकिंग कर पाएंगे।

 

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US से भी खतरनाक बंकर-बस्टर्स बना रहा है भारत, मीटर अंदर घुसकर बर्बाद करेगा दुश्मन के ठिकाने

नई दिल्ली. भारत ने भी एडवांस बंकर-बस्टर बम विकसिल करने में अपने प्रयासों में तेजी लायी है। हाल ही में वैश्विक संघर्षो से सबक लते हुए। देश के भविष्य के युद्धों के लिये तैयारी कर रहा है। इसके लिये वह एक नया और पॉवरफुल मिसाइल सिस्टम डवलप कर रहा है । जो जमीन के काफी नीचे बने दुश्मन के परमाणु ठिकानों और अन्य रणनीतिक बुनियादी ढांचे को भेदने में सक्षम होगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अग्नि-5 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का मॉडिफाइड वर्जन डवलप कर रहा है। अग्नि-5 के ओरिजिनल वर्जन का रेंज 5 हजार किमी से ज्यादा है। यह मिसाइल आमतौर पर न्यूक्लिीयर वारहेड कैरी करता है। इसका मॉडिफाइड वर्जन एक पारंपरिक हथियार होगा जो 7500 किलोग्राम के विशाल बंकर -बस्टर वारहेड ले जाने में सक्षम होगा।
जमीन के 100 मीटर नीचे बने दुश्मन के ठिकाने भी होंगे ध्वस्त
कंक्रीट की मजबूत परतों के नीचे बने दुश्मन के सैन्य और रणनीतिक ठिकानों पर हमला करने के लिए डिजाइन की गई यह मिसाइल विस्फोट से पहले 80 से 100 मीटर तक ड्रिल करके जमीन में नीचे घुसेगी।  भारत द्वारा यह मिसाइल विकसित करने के पीछे अमेरिका की क्षमताओं से मेल खाने की उसकी मंशा को दर्शाता है, जिसने हाल ही में ईरान के फोर्डो परमाणु संयंत्र पर हमला करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े पारंपरिक बंकर-बस्टर बम GBU-57/A का इस्तेमाल किया था।   अमेरिका ने ईरानी परमाणु संयंत्र पर कुल 14 GBU-57/A बम गिराए थे. GBU-57 और इसके पूर्ववर्ती GBU-43 (जिसे मदर ऑफ ऑल बम के नाम से जाना जाता है) ने डीप-पेनिट्रेशन वाले हथियारों के क्षेत्र में मानक स्थापित किए हैं।

 

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जल्द ही टिक्ट कैंसिलेशन चार्ज खत्म होगा

नई दिल्ली. रेलवे बोर्ड कैंसिल टिकट पर बड़ी राहत देने की तैयारी कर रहा है। फिलहाल यदि कोई टिकट बुक हुआ है और वह वेटिंग में है तो कैंसिल होने पर पूरा रिफंड नहीं आता है। ऐसे टिकटों पर रेलवे 30 से 60 रूपये तक वसूलता है। इस चार्ज को क्लर्क फीस के नाम पर काटा जाता है। ऐसे यात्रियों को दोहरा झटका लगता है, एक तो टिकट कंफर्म नहीं हुआ और दूसरा रिफंड पूरा नहीं आया। इस मामले को लेकर देशभर में खूब बहस होती है। ऐसे में रेलवे अब फीस को ही खत्म करने पर विचार कर रहा है। ऐसा होने पर वेटिंग लिस्ट वाले टिकटों के कंफर्म नहीं होने पर यात्रियों को फुल रिफंड मिलेगा।
आम लोगों की है शिकायत
लोगों की आम शिकायत है कि एक तो हमारा टिकट कंफर्म नहीं हुआ उलटे रेलवे ने चार्ज क्यों वसूल लिया। अब इस चार्ज को खत्म करने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के सामने पहुंच गया है इस मामले पर विचार शुरू कर दिया गया है।
इतना वसूलता है
रेलवे स्लीपर से लेकर एसी तक के वेटिंग टिकट कंफर्म नहीं होने पर कैंसिलेशन चार्ज के रूप में 30 से 60 रूपये तक वसूलता है। इस पर जीएसटी अलग से वसूलता है। यह फीस तब लगती है जब टिकट की बंुकिंग आईआरटीसीटी पोर्टल से की जाये। टिकट कैंसिलेशन की प्रक्रिया ऑटोमेटेड होती है।
4 साल में 6 करोड़ रूपये वसूले
रेलवे के टिकट कैंसिलेशन पर एक कमाई का स्त्रोत है एक आरटीआई के जवाब में रेलवे ने जवाब दिया था वेटिंग टिकट के कैंसिलेशन से साल 2020 से लेकर 2023 के दौरान 4 सालों में कैंसिलेशन से ही 6 हजार करोड़ रूपये का राजस्व हासिल किया था।

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स्यूडो सैटेलाइट्स, निगरानी उपग्रह, ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदल रहा भारत का एयरस्पेस, आसमान में 24 7 मंडरायेंगे 52 उपग्रह

भारत 52  निगरानी उपग्रहों की लॉन्चिंग में तेजी लाएगा. (फोटो-Getty image)

नई दिल्ली. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, सिग्नल जैमिंग और रडार टेक्नॉलाजी की क्या भूमिका थी। यह पूरी दुनिया ने देखा है। भारत ने 22 मिनट तक पाकिस्तान के रक्षा प्रतिष्ठानों का पूरा सिग्नल जाम कर दिया था। इसी 22 मिनट में भारत की वायुसेना ने पाकिस्तान पर कहन बरपाया। इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की यह लड़ाई अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे भारत के सैन्य उपग्रहों की वजह से संभव हुई है।
यह सैटेलाइट्स की पाकिस्तान और पीओके में स्थित जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों की सटीक स्थिति का पता बता रहे थें इसी इंटेलीजेंस इनपुट की मदद से भारत पाकिस्तान और पीओके स्थित बहावलपुर, मुजफ्फराबाद, कोटली औैर सियालकोट जैसे आतंकी शिविरों पर सटीक हमला कर पाया। अब भारत मॉर्डन वॉरफेयर के इस प्रमुख हिस्से को मजबूत करने जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत प्रतिकूल इलाकों की निरंतर निगरानी बढ़ाने के लिये 52 निगरानी उपग्रहजों की लॉचिंग में तेजी लाने जा रहा है। इससे भारत को दक्षिण एरिशया सहित पूरी दुनिया की सैटेलाइट तस्वीरें मिल सकेंगी। जरूरत पड़ने पर भारत इनका उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिये कर सकेगा। भारत ने अंतरिक्ष आधारित निगरानीबए़ाने के लिये पिछले साल अक्टूबर में 26968 करोड़ रूपये का भारी भरकम बजट पास किया है। इन सैटेलाइट नेटवर्को की तैनाती इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत इसरो 21 उपग्रहों को लांच करेगा। जबकि 3 निजी कंपनियां शेष 31 उपग्रहों का निर्माण करेगी और इसकी लांचिंगभी करेंगी। इसकी लॉचिंग के लिये टाइमलाइन को और भी टाइट कर दिया गया है।

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स्पेस स्टेशन से आयी शुभांशु की नयी तस्वीर, शुभांशु ने किये कैंसर पर एक्सपेरिमेंट

खाने से पैखाने तक का अनोखा सिस्टम; टमाटर-बैंगन और समुद्री भालू क्यों ले गए|मंडे मेगा स्टोरी,Monday Mega Story - Dainik Bhaskarनई दिल्ली. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की स्पेस से नयी तस्वीर सामने आयी है। स्पेस स्टेशन से ली गयी इस सेल्फी में वह अपने साथी एस्ट्रोनॉट और मिशन स्पेशलिस्ट टिबोर कपु के साथ आईएसएस के कपोला मॉडयूल के भीतर मुस्कुराते हुए दिखाई दे रहे है। शुभांशु की स्पेस मिशन का यह तीसरा दिन है और सभी 4 यात्रियों को एक्सिओम-4 (एएक्स-4) मिशन के तहत 14 दिन के लिये इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा गया है।
शुभांशु की स्पेस से सेल्फी
स्पेस स्टेशन पर ली गयी यइस सेल्फी में शुभांशु के साथ नजर आये रहे हंगरी के एस्ट्रोनॉट टिबोर कपु को होनोर कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष में भेजा गया है। यह संोवियत संघ के विघटन के बाद हंगरी के पहले अंतरिक्ष यात्री है। जो स्पेस स्टेशन पर गये हैं। वह मिशन स्पेशलिस्ट की भूमिका में वहां मौजूद हैं। जिनका काम सांइंटिफिक रिसर्च और टेक्नीकल चीजों में टीम की मदद करना है। टिबोर का स्पेस में जाना हंगरी के लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है।
कैंसर को लेकर रिसर्च
स्पेस स्टेशन पर पेगी व्हिटसन ने लो अर्थ ऑर्बिट यानी लियो में कैंसर की जांच पर काम करना जारी रखा और इमेजिंग नमूने लिये, जिससे माइक्रोग्रैविटी के तहत कैंसर के बर्ताव के बारे में नयी जानकारी मिल सकती है। सैनफोर्ड स्टेम सेल इंस्टीट्यूट की मदद से की गयी है। यह रिसर्च धरती पर कैंसर के इलाज की राह आसान कर सकती है। खासतौर पर एग्रेसिव और मेटा स्टेटिक कैंसर के लिये यह जांच काफी अहम है। इस बीच उन्होंने क्रिएटिविटी पर भी फोकस किया सऊदी अंतरिक्ष एजेंसी की माइक्रोग्रैविटी चैलेंज के लिये स्टूडेंड हार्डवेयर, साइंस एक्सपेरिमेंट और आर्टवर्क की तस्वीरें खींची। अरब क्षेत्र के यंस माइंड्स से 80 हजार से अधिक प्रस्तुतियों के साथ, इस प्रतियोगिता ने कला, कृषि और इंजीनियरिंग में इनोवेशन को बढ़ावा दिया और अंतरिक्ष विज्ञान के लिये जुनून को जागने के मकसद के साथ इसे शुरू किया गया है।
शुभांशु ने एक्सपेरिमेंट किये
इस मिशन पर गये भारत के शुभांशु शुक्ला ने स्पेस माइक्रोएल्गी एक्सपेरिमेंट पर फोकस किया। सैम्पल बैग तैनात किये और एल्गी स्ट्रेन की तस्वीरें ली। यह छोटे जीव स्पेस रिसर्च के भविष्य में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। जो लंबी अवधि के मिशनों के लिये एक टिकाऊ, पोषक तत्वों से भरपूर फूड सोर्स बन सकते हैं।
ग्लोबल आउटरीच में भागीदारी
ग्लोबल आउटरीच के तहत टिबोर को हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन से बातचीत का खास मौका मिला. पैगी व्हिटसन और स्लावोश ने अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस रेडिएशन से बचाने के लिए चल रहे प्रयासों के बारे में एक्सिओम स्पेस की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. लूसी लो के साथ बातचीत की. कंपनी ने बताया कि अभी और भी बहुत कुछ होने वाला है, टिबोर स्पेस स्टेशन पर अपने अनुभवों को साझा करने के लिए हंगरी के पत्रकारों से लाइव बात करेंगे.
इसके अलावा पैगी और टिबोर मिलकर पहले मिशन अपडेट को रिकॉर्ड करेंगे कि स्पेस स्टेशन पर क्रू मेंबर्स ने किस तरह जीवन को अपनाया है और अभी क्या कोशिशें चल रहे हैं. इस दौरान शुक्रवार को शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खास बातचीत की थी और बातचीत में पीएम मोदी ने शुभांशु से उनके अनुभवों के बारे में पूछा और स्पेस को लेकर देश की महत्वाकांक्षाओं के बारे में उन्हें जानकारी दी.

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खैबर पख्तूनख्वा आत्मघाती हमले में 13 सैनिकों की मौत, 10 सैनिक समेत 29 जख्मी, आत्मघाती ने विस्फोटक से लदी गाडी सैन्य काफिले में घुसाई

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में शनिवार को एक आत्मघाती हमला हुआ है। इसमें 13 सैनिक मारे गये है। 10 सैनिक और 19 नागरिक जख्मी हुए है। न्यूज एजेंसी के अनुसार एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी सैन्य काफिले में घुसा दी थी।
खैबर पख्तूनख्वा में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने एएफपी का बताया कि धमाका इतना जोरदार था कि 2 घरों की छतें गिर गयी है। जिसमें 6 बच्चे घायल हो गये। हालांकि अभी तक किसी ग्रुप ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन यह इलाका तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का लगातार टारगेट रहा है।
क्या है TTP?
साल 2002 में अमेरिकी सेना ने 9/11 आतंकी हमले का बदला लेने अफगानिस्तान में धावा बोलती है। अफगानिस्तान में अमेरिकी कार्रवाई के डर से कई आतंकी पाकिस्तान के कबाइली इलाके में छिप जाते हैं। इसी दौरान पाकिस्तान की सेना इस्लामाबाद की लाल मस्जिद को एक कट्टरपंथी प्रचारक और आतंकियों के कब्जे से मुक्त कराती है। हालांकि कट्टरपंथी प्रचारक को कभी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का करीबी माना जाता था, लेकिन इस घटना के बाद स्वात घाटी में पाकिस्तानी आर्मी की खिलाफत होने लगी। इससे कबाइली इलाकों में कई विद्रोही गुट पनपने लगे।
ऐसे में दिसंबर 2007 को बेयतुल्लाह मेहसूद की अगुवाई में 13 गुटों ने एक तहरीक यानी अभियान में शामिल होने का फैसला किया, लिहाजा संगठन का नाम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान रखा गया। शॉर्ट में इसे TTP या फिर पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है। आतंकवाद की फैक्ट्री कहे जाने वाले पाकिस्तान में अब तक जितने भी आतंकी संगठन अस्तित्व में आए हैं, उनमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को सबसे खतरनाक माना जाता है।

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कांटा लगा फेम शेफाली जरीवाला का मुंबई में निधन

मुंबई. अभिनेत्री और मॉडल शेफाली जरीवाला का शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात अचानक निधन हो गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार शेफाली को कार्डियक अरेस्ट आया। जिसके बाद उन्हें उनके पति पराग त्यागी ने तत्काल अस्पताल पहुंचाया। हालांकि अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी निधन की खबर से मनोरंजन इंडस्ट्री और फैंस क बीच शोक की लहर छा गयी है।
उनका शव रात करीब 12.30 बजे अंधेरी स्थित कपूर अस्पताल लाया गया। जहां पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है। कूपर अस्पताल की असिस्टेंट मेडीकल ऑफिसर (एएमओ) के अनुसार शव किसी दूसरे अस्पताल से लाया गया है। इसलिये मौत की वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल पायेगा।
इस दौरान, मुंबई पुलिस देर रात शेफाली के अंधेरी स्थित घर पर जांच के लिये पहुंची, फॉरेंसिक टीम भी मौके पर मौजूद रहीं और ध्ज्ञर की गहन तलाशी ली गयी। हालांकि अभी तक शेफाली की मौत को लेकर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन जिस तरह पुलिस और फॉरेंसिक टीम जांच कर है। उसमें मामला संदेहास्पद माना जा रहा है।
कांटा लगा से मिली थी पहचान
शेफाली जरीवाला ने अपने शानदार अभियन और अपनी खूबसूरती से दर्शकों का दिल जीत लिया था। 2002 में आई आइकॉनिक म्यूजिक वीडियो ‘कांटा लगा’ में उनके डांस ने उन्हें रातों-रात फेमस बना दिया। शेफाली का ग्लैमर्स लूक, कई जगह टैंटू, कमर में बेली बटन, पियर्सिंग और मॉर्डन आउटफिट ने उन्हें कांटा लगा गर्ल के नाम से मशहूर बना दिया। इस म्यूजिक वीडियो के फेमस हो जाने के बाद देश में रीमिक्स म्यूजिक के नये युग की शुरूआत हुई।
शेफाली का ग्वालियर से नाता
कांटा लगा के नाम फेसम शेफाली जरीवाला का ग्वालियर के कारोबारी गुलजार सिंह के बड़े बेटे मीत से शादी हुई तो वर्षो ग्वालियर में रहीं है। इसके बाद मीत और शेफाली के बीच तलाक हो गया। इसके बाद वह दुबई चली गयी थी।
इसके अलावा उन्होंने कई टीवी सीरियल और प्रोजेक्टस में काम किया था, जिसके लिए उनकी खूब तारीफ हुई.बिग बॉस के सीजन 13 में शेफाली कंटेस्टेंट के तौर पर शामिल हुई थीं। वाइल्ड कार्ड एंट्री के जरिए शो में हिस्सा लिया था।  उनके व्यवहार और दूसरों के प्रति प्रेम ने दर्शकों के बीच उन्हें पसंदीदा बना दिया था।  बिग बॉस शो को सुपरस्टार सलमान खान होस्ट करते हैं. इसके अलावा, डांस रियलिटी शो नच बलिए सीजन 5 में भाग लिया था।
भारतीय पॉप कल्चर में शेफाली एक जाना-माना नाम रही हैं।  ‘कांटा लगा’ गाने रिलीज होते ही पूरे देश में सुपरिहट बन गया था और इसके जरिए ग्लैमरस स्टारडम हासिल किया।  2002 में रिलीज़ हुआ ‘कांटा लगा’ गाने, जिसमें शेफाली ज़रीवाला नज़र आई थीं, असल में 1964 में आई फिल्म ‘समझौता’ के मशहूर गाने ‘कांटा लगा’ का रीक्रिएटेड वर्ज़न था।  इस गाने को लता मंगेशकर ने गाया था और संगीत कल्याणजी-आनंदजी ने दी थी. 2002 में रिलीज किया गया रीक्रिएटेड वर्ज़न DJ Doll ने किया था और गीत टी-सीरीज ने रिलीज की थी।