Newsराष्ट्रीय

खैबर पख्तूनख्वा आत्मघाती हमले में 13 सैनिकों की मौत, 10 सैनिक समेत 29 जख्मी, आत्मघाती ने विस्फोटक से लदी गाडी सैन्य काफिले में घुसाई

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में शनिवार को एक आत्मघाती हमला हुआ है। इसमें 13 सैनिक मारे गये है। 10 सैनिक और 19 नागरिक जख्मी हुए है। न्यूज एजेंसी के अनुसार एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी सैन्य काफिले में घुसा दी थी।
खैबर पख्तूनख्वा में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने एएफपी का बताया कि धमाका इतना जोरदार था कि 2 घरों की छतें गिर गयी है। जिसमें 6 बच्चे घायल हो गये। हालांकि अभी तक किसी ग्रुप ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन यह इलाका तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का लगातार टारगेट रहा है।
क्या है TTP?
साल 2002 में अमेरिकी सेना ने 9/11 आतंकी हमले का बदला लेने अफगानिस्तान में धावा बोलती है। अफगानिस्तान में अमेरिकी कार्रवाई के डर से कई आतंकी पाकिस्तान के कबाइली इलाके में छिप जाते हैं। इसी दौरान पाकिस्तान की सेना इस्लामाबाद की लाल मस्जिद को एक कट्टरपंथी प्रचारक और आतंकियों के कब्जे से मुक्त कराती है। हालांकि कट्टरपंथी प्रचारक को कभी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का करीबी माना जाता था, लेकिन इस घटना के बाद स्वात घाटी में पाकिस्तानी आर्मी की खिलाफत होने लगी। इससे कबाइली इलाकों में कई विद्रोही गुट पनपने लगे।
ऐसे में दिसंबर 2007 को बेयतुल्लाह मेहसूद की अगुवाई में 13 गुटों ने एक तहरीक यानी अभियान में शामिल होने का फैसला किया, लिहाजा संगठन का नाम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान रखा गया। शॉर्ट में इसे TTP या फिर पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है। आतंकवाद की फैक्ट्री कहे जाने वाले पाकिस्तान में अब तक जितने भी आतंकी संगठन अस्तित्व में आए हैं, उनमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को सबसे खतरनाक माना जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *