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S-400 की बची 2 यूनिट्स की डिलेवरी रूस से कब होगी, आया अपडेट

नई दिल्ली. भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) रक्षामंत्रियोें की बैठक के दौरान रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की। यह बैठक क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के साथ-साथ भारत-रूस रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिये महत्वपूर्ण थी।
यह बैठक ऐसे वक्त में हुई जब भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए सैन्य संघर्ष के बाद क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति जटिल हो गयी थी। 22 अप्रैल 2025 का जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई थी। जिसमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इस हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किये थे। भारत को अपनी रक्षा क्षमताओं का मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता थी। रूस क साथ यह बैठक इसी दिशा में एक अहम कदम था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक को “सार्थक और गहन” बताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि किंगदाओ में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव से मिलकर खुशी हुई।  हमने भारत-रूस रक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर गहन चर्चा की।
S-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति
भारत ने 2018 में रूस के साथ 5.43 अरब डॉलर का सौदा किया था, जिसमें पांच S-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणालियों की खरीद शामिल थी. यह प्रणाली कई हवाई खतरों, जैसे मिसाइलों, ड्रोनों और लड़ाकू विमानों को लंबी दूरी पर नष्ट करने में सक्षम है। अब तक तीन S-400 इकाइयां भारत को मिल चुकी हैं।  बाकी 2  इकाइयों की डिलीवरी अगले 24 महीनों में होने की उम्मीद है।  इस बैठक में रूसी रक्षा मंत्री ने इन इकाइयों की समय पर डिलीवरी का आश्वासन दिया. यह प्रणाली भारत की रक्षा क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है, खासकर जब चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से खतरे बढ़ रहे हैं।
Su-30 MKI लड़ाकू विमानों का अपग्रेड
भारतीय वायु सेना के पास करीब 260 Su-30 MKI लड़ाकू विमान हैं, जो उसकी रीढ़ हैं।  ये विमान ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं, जिसमें इन्होंने ब्रह्मोस मिसाइल के हवाई संस्करण का उपयोग करके पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमले किए थे।  इस बैठक में इन विमानों को आधुनिक बनाने पर चर्चा हुई. इसमें नई एवियोनिक्स (उड़ान प्रणालियां), उन्नत रडार और 78% स्वदेशी सामग्री शामिल करने की योजना है. यह अपग्रेड भारत की आत्मनिर्भर भारत पहल का हिस्सा है।

 

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