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कुर्बानी के त्योहार पर मजहबी तकरार, यूपी, एमपी और महाराष्ट्र में सियासत हाई, दिल्ली में एडवायजरी जारी

नई दिल्ली. बकरीद के त्योहार से पूर्व कुर्बानी पर सियासी तनातनी छिड़ गयी है। कई धर्मगुरूओं और भाजपा नेताओं ने बकरीद पर कुर्बानी का विरोध किया है। कई नेताओं ने कुर्बानी के खिलाफ धमकी भरे लहजे में बयान दिये है। इन्हीं बयानों ने बकरीद से पूर्व सियासी ताप बढ़ा दिया है। कई राज्यों में बकरीद से पहले तीखे बयानों का दौर चल पड़ा है। इस दौरान दिल्ली सरकार एडवायजरी जारी कर गाय, बछडे, ऊंट और अन्य प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी और सार्वजनिक जगहों पर कुर्बानी पर रोक लगा दी है। कुर्बानी के त्यौहार पर मजहबी तकरार तो पिछले कुछ दिनों से लगातार जारी है। लेकिन बकरीद से पहले यूपी में बयानों का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ है। जिसने विवाद को और ज्यादा गरमा दिया।
दरअसल, बकरीद से पहले उत्तरप्रदेश में बड़े पशुओं की कुर्बानी को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है। भाजपा के एक और नेता संगीत सोम ने कहा है कि देश में एक कानून होना चाहिये। कुर्बानी गैरकानूनी है तो नहीं होनी चाहिये। हिन्दुओं की बलि प्रथा पर रोक क्यों है। बलि प्रथा पर रोक है तो कुर्बानी क्यों होगी। कुर्बानी जैसी व्यवस्था बिल्कुल बन्द होनी चाहिये।

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