भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने, संसद में जॉर्ज सोरोस को लेकर गर्मायी राजनीति
नई दिल्ली. अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस को लेकर भारत में एक बार फिर से राजनीति शुरू हो गयी है। भाजपा ने 9 दिसम्बर को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भारत को कथित तौर पर अस्थिर करने के लिये जॉर्ज सोरोस जैसी अंर्तराष्ट्रीय ताकतों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है। सोरोस सदैव से कॉन्स्पिरेसी ब्योरीज के केन्द्र में रहे है। इस कारण से वह सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में विवादित शख्सियत भी है।
जॉर्ज सोरोस पर दक्षिणपंथी समूहों की तरफ से अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिये वैश्विक विरोध प्रदर्शन या संकट पैदा करने का आरोप लगाया जाता है। सोरोस एक अत्यंत विवादित शख्सियत हैं। लेकिन वह अपने समर्थकों के लिये लोकतंत्र, मानवाधिकार और खुले समाज को आगे बढ़ाने के लिये प्रतिबद्ध, दूरदर्शी और परोपकारी व्यक्ति है। वहीं उनके आलोचक सोरोस को एक कुटिल और शक्तिशाली अरब पति मानते हैं। जो अपनी संपत्ति का उपयोग अर्थव्यवस्थाओं को अस्थिर करने और संप्रभु राष्ट्रो के राजनीतिक मामलों को प्रभावित करने के लिये करता है।
जॉर्ज सोरोस और उनकी ओपन सोसायटी फाउंडेशन को कई देशों की सरकारों और विरोधी समूहों ने तबाही का एजेंट करार दिया है। उन्हें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का तख्तापलट करने की कथित साजिश का अहम किरदार भी बताया गया है। इसके साथ ही मायग्रेशन की वजह से यूरोपीय में अस्थिरता और अरब स्प्रिंग प्रोटेस्ट की फंडिंग करने का भी आरोप लगा है।