बालाकोर्ट एक वर्ष पूर्ण-असली जंग जैसे हालात में हर रोज युद्धाभ्यास करते हैं वायुसेना के फायटर प्लेन के पायलट-बीएस धनोआ, तत्कालीन वायुसेनाअध्यक्ष
नई दिल्ली. आज से ठीक एक वर्ष पूर्व 26 फरवरी की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान से पुलवामा हमले का बदला बालाकोट एयर स्ट्राइक से लिया था। 14 फवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था। हमारे 40 जवान शहीद हो गये थे। देश में गुस्सा था। आम चुनाव भी नजदीक थे। जांच में पाकिस्तान का हाथ सामने आया। भारत सरकार ने दुश्मन को करारा जवाब देने का संकल्प लिया। 26 फरवरी यानी पुलवामा हमले के नजदीक दो हफ्ते बाद भारतीय वायुसेना नेे आधी रात को पाकिस्तान के बालाकोट से हवाई हमला किया। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग सेंटर को नेस्तनाबूद कर दिया गया।
बालाकोट एयर स्ट्राइक का 26 फरवरी को एक वर्ष पूरा हो रहा है। मेरा मानन है-जंग जरूरत के समय वर्दीधारी योद्धाओं के सामूहिक साहस और प्रयासों के दम पर लड़ी जाती है। बालाकोट एयरस्ट्राइक सीमा पर से चलाये जा रहे आतंकवाद के खिलाफ भारत की सामरिक कार्यवाही में महत्वपूर्ण बदलाव दिखाता है। इस कार्यवाही ने पारंपरिक जंग से अलग हालात में एयरपावर के उपयोग की रणनीति बदल दी है। हमने दुश्मन को स्पष्ट संदेश दिया कि कोई भी नापाक हरकत करने पर वायुसेना घर में घुसकर मार सकती है। हम हर तरह की जंग के लिये तैयार हैं। हम विभिन्न क्षेत्रों एक साथ कारगर कार्यवाही करने और जंग से लेकर आतंकवाद जैसी कम स्तर की लड़ाईयों से निपटने के लिये भी पूरी तरह सक्षम है। अगले दो दशकों में हमारी वायुसेना ऐसे अत्याधुनिक संसाधनों से सुसज्जित हो जायेगी। जिससे हमारी दुनिया में अलग पहचान बनेगी। इसमें लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट-एलसीए एमके-2, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट एम्का, एडवांस सेंसर टेक्नोलॉजी, स्मार्ट विंगमैन कॉन्सेप्ट, बहुउद्देश्यीय ड्रोन, हाइपर सोनिक यानों और डायरेक्टेड एनर्जी वेपंस शामिल है। डिफेंस मैनुफैक्चरिंग और प्रॉडक्शन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के मिशन के लियेे भी वायुसेना पूरी तरह से तैयार हैं।

