आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से हो रहा है अतीत के गौरव का सम्मान – डॉ. मोहन यादव
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
ग्वालियर आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से अतीत के गौरव को सम्मानित कर याद किया जा रहा है। भारत का स्वाधीनता संग्राम विश्व के अब तक के सबसे महान और गौरवशाली संघर्षों में से एक रहा है। इस बार मौका इसलिए भी खास है, क्योंकि आजादी के इस वर्ष को देश अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। इस आशय के विचार प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने अटल सभागार में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित हुए राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में व्यक्त किए।
जीवाजी विश्व विद्यालय के अटल सभागार में आयोजित हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता जीवाजी विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ. अविनाश तिवारी ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में महेन्द्र यादव, नीतेश शर्मा, डॉ. विनोद शर्मा सहित आईटीएम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसएस.भाकर, एमएटी विश्वविद्यालय के ले. जनरल वीके शर्मा, राजा मानसिंह तोमर कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. साहित्य कुमार नाहर, विक्रांत यूनिवर्सिटी के डॉ. वीरनारायण, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरविंद शुक्ला, राज्य नोडल अधिकारी आजादी का अमृत महोत्सव डॉ. विश्वास चौहान, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. धीरेन्द्र शुक्ला, अतिरिक्त संचालक डॉ. कुमार रत्नम सहित जीवाजी विश्वविद्यालय के समस्त कार्यपरिषद सदस्य उपस्थित रहे। मंच संचालन प्रो. कुसुम भदौरिया ने किया।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों, देशभक्तों की स्वाधीनता का ऐसा महोत्सव है, जो हमें देश के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा दे रहा है। आजादी दिलाने में जिन देश भक्तों ने अपनी भूमिका निभाई है उनको आजादी के अमृत महोत्सव के तहत यादि किया जा रहा है। यह पल बडा सुखद पल है, जिसमें हम अल्पकाल में विलोपित बलिदानियों को याद कर रहे हैं।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित प्रतियोगिता में प्रदेश के दस संभागों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसमें सागर संभाग, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर चम्बल, नर्मदापुरम एवं शहडोल के प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं शील्ड देकर सम्मानित किया। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में देशभक्ति, राष्ट्र भक्ति सहित ज्ञात अज्ञात बलिदानियों पर कविता लेखन एवं गायन तथा गीत लेखन एवं गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में देशभक्तों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। क्रर्यक्रम में केआरजी कॉलेज की छात्राओं ने गौड जनजाति नृत्य प्रस्तुत कर सबका मनमोहा।

