MP की सबसे बड़ी चोरी, 10 ताले काटकर चुराए 5.5 करोड़ के जेवर
जबलपुर. 15 अगस्त को जबलपुर में प्रदेश की सबसे बड़ी चोरी को अंजाम दिया गया। सुपर मार्केट स्थित पायल गोल्ड शोरूम में 10 ताले तोड़कर 5.5 करोड़ से ज्यादा के सोने के जेवरात चोरी हो गए। करीब 10 दिन तक आरोपी पुलिस को गुमराह करते रहे। आरोपी शहर में ही घूमते रहे, जबकि पुलिस बाहरी गैंग मानकर रीवा, डिंडौरी में तलाशती रही। पुलिस ने आरोपी गोपी उर्फ गुलाम, आरिफ और बैजू उर्फ बैजुद्दीन को गिरफ्तार किया है। खुलासे के लिए 300 किमी के हजारों CCTV खंगाले गए।
क्या है पूरा मामला
जबलपुर का रहने वाला गोपी उर्फ गुलाम। 8 साल पहले नगर सुरक्षा समिति का सदस्य रहा है। पुलिस का मुखबिर भी था। इलेक्ट्रिक सिगड़ी बनाता था। कोविड में काम बंद हो गया, तो सेकंड हैंड बाइक खरीदने-बेचने का काम शुरू किया। निजी बैंक से 5 लाख रुपए में कार फायनेंस कराई। इसके दो लाख रुपए दे चुका था। बैंक के एजेंट को 3 लाख रुपए देना था। एजेंट लगातार पैसों के लिए दबाव बना रहा था। फिर चोरी की साजिश रची। उसने दोस्त आरिफ को बताया। आरिफ शातिर जेबकतरा है। उसके खिलाफ 10 केस भी दर्ज हैं। उसने चोरी में शामिल होने से मना कर दिया। फिर बैजू उर्फ बैजुद्दीन को साजिश में शामिल कर लिया। दोनों का पुलिस रिकॉर्ड नहीं है। 14 अगस्त को भी एजेंट ने घर आकर धमकाया था। उसी दिन ठान लिया कि 15 अगस्त को ही वारदात को अंजाम देना है। गुलाम ने वारदात के लिए एक महीने पहले से रैकी शुरू कर दी थी। वह पायल ज्वेलर्स के पास ही स्थित दुकान पर रोजाना सिगरेट पीता था। इसी दौरान चोरी की प्लानिंग भी कर ली थी। 15 अगस्त की रात पायल गोल्ड शोरूम पहुंचकर कटर से 10 ताले काटे। यहां से 10 किलो से ज्यादा सोने के जेवर लेकर फरार हो गए। यहां से सीसीटीवी और डीवीआर भी निकाल ले गए। चोरी हुए सामान की कीमत करीब 5.43 करोड़ रुपए बताई गई।
स्पीकर बॉक्स में छिपाया चोरी का माल
बैजू के ससुराल में साउंड सिस्टम का काम होता है। वहां जाकर उसने डबल स्पीकर का बॉक्स मांगा। इसमें उसने दो हिस्सों में चोरी का माल छिपा दिया। पहचान के लिए एक हिस्से में ‘जी’ और दूसरे में ‘वी’ लिख दिया। दोनों अजमेर चले गए। इसके बारे में ससुराल वालों काे भी नहीं बताया। इधर, पुलिस बाहरी गैंग मानकर आरोपियों को तलाश रही थी। इसके लिए 10 टीमें बनाई गई थीं। पुलिस ने आरोपियों पर 30 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया। सराफा व्यापारियों ने ढाई लाख का इनाम घोषित किया।
ऐसे मिला सुराग
इससे पहले कटनी में हुई 3 करोड़ की चोरी में नेपाल की गैंग सामने आई थी। इसमें भी पुलिस बाहरी गैंग मानकर जांच कर रही थी। पुलिस ने आसपास के CCTV फुटेज देखे। इसमें एक सफेद रंग की कार दिखी। उसकी नंबर प्लेट ढंकी थी। पुलिस को लगा कि कार बाहर चली गई होगी। पुलिस ने शक के आधार पर इसी कार को फॉलो करना शुरू किया। चारों नाकों के सीसीटीवी खंगाले। यहां ऐसी कार गुजरते नहीं दिखी। फिर रीवा, डिंडौरी तक पुलिस ने सीसीटीवी देखे, लेकिन आरोपियों का सुराग नहीं लगा।
गुलाम को अजमेर से लौटते समय दमोह में पकड़ा
CSP गोहलपुर अखिलेश गौर ने रूट को रिवर्स देखना शुरू किया। छोटा फुहारा पर आरोपियों की पहली लोकेशन मिली। यहां से चार रास्ते जुड़ते हैं, यहां के कैमरे में ये कार नहीं दिखी। इससे स्पष्ट हुआ कि आरोपी बाहरी नहीं, बल्कि आसपास के ही हैं। चूंकि घटना वाले दिन बारिश हो रही थी, सड़कों पर पानी भरा था, लेकिन सीसीटीवी में दिख रही कार साफ-सुथरी थी। इससे शक यकीन में बदल गया। सीएसपी ने कार में बैठे लोगों के हुलिए को क्राइम ब्रांच के कांस्टेबल गुड्डू को दिखाया। जानकारी जुटाकर उसने गुलाम का नाम बताया। उसका मोबाइल नंबर भी लिया। अब पुलिस ने गुलाम के मोबाइल लोकेशन की जांच कराई। पता चला कि घटना वाले दिन यह मोबाइल घटनास्थल के आसपास एक्टिव मिला। जहां-जहां से गाड़ी गुजरी, वहां भी उसकी लोकेशन मिली। फिर कॉल डिटेल निकाली। इसमें बैजू का नंबर भी मिला। उसका नंबर भी गुलाम के साथ एक्टिव था। पुलिस ने गुलाम को अजमेर से लौटते समय दमोह में पकड़ लिया। पूछताछ में उसने वारदात कबूल कर ली। उसकी निशानदेही पर तीनों आरोपियों को दबोच लिया। पुलिस ने वारदात में शामिल कार, कटर और अन्य सामान भी बरामद कर लिया है।