MP में सेना के दो हेलिकाप्टर व एक कंपनी मदद के लिए तैयार, बांध की मिट्टी धंसने के बाद 18 गांव कराए खाली
भोपाल. धार के धरमपुरी में कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध में रिसाव और मिट्टी धसने से उत्पन्न् खतरे को देखते हुए सेना के दो हेलिकाप्टर और एक कंपनी मदद के लिए तैयार रखी गई है। धार के 12 और खरगोन के छह गांवों को खाली कराकर रहवासियों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। बांध को सुरक्षित रखे जाने के लिए जल संसाधन विभाग काम कर रहा है। उधर, अपर मुख्य सचिव गृह डा.राजेश राजौरा और जल संसाधन एसएन मिश्रा ने मंत्रालय स्थित कंट्रोल रूम से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की और अधिकारियों को दिशानिर्देश दिए।
कारम नदी पर कोठीदा-भारुडपुरा गांव के पास 590 मीटर लंबे और 52 मीटर ऊंचे मिट्टी के बांध का निर्माण जल संसाधन विभाग ने दिल्ली की एएमएस कंस्ट्रक्शन कंपनी से कराया है। 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अब तब 174 करोड़ रुपये व्यय हो चुके हैं। इसमें गुरुवार दोपहर को रिसाव शुरू हुआ। इससे बांध को नुकसान की आशंका को देखते हुए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने रिसाव को बंद कराने का काम किया लेकिन शुक्रवार को मिट्टी धस गई। इसके बांध के टूटने का खतरा पैदा हो गया। इस स्थिति को देखते हुए गृह विभाग ने सेना के दो हेलिकाप्टर और एक कंपनी को मदद के लिए तैयार रखने की व्यवस्था बनाई।
इंदौर और धार से राज्य आपदा राहत दल को भेजा। पुलिस बल, होमगार्ड और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को बचाव कार्य में लगाया। डा. राजौरा ने बताया कि जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जब तक बांध की सुरक्षा को लेकर सभी कदम नहीं उठा लिए जाते हैं, तब तक ग्रामीणों को राहत शिविरों में ही रखा जाए। हाइवे के दोनों ओर पुलिस तैनात रखें। एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था रखें। ड्रोन से निगरानी की जाए। वरिष्ठ अधिकारी सतर्क रहें और मैदानी अमले के संपर्क में रहें।