वर्ष 2022 की परिषद में 55 नये चेहरे दिखाई देंगे, 35 महिलायें चुनकर आयी परिषद में
ग्वालियर. नगरनिगम चुनाव में परिणाम आने के बाद कई नये समीकरण बन रहे हैं। पहली बार शहर की नगर सरकार के 66 वार्ड में से 55 वार्ड में जीतने वाले प्रत्याशी पहली बार पार्षद बने हैं। जबकि 11 दूसरी बार या तीसरी बार पार्षद बनकर परिषद में पहुंचे हैं। मतलब वर्ष 2022 की परिषद युवा और फ्रेश होगी। लेकिन यहां अनुभव की कमी भी साफ दिखाई देगी। यहां भी बता दें कि इनमें से कुछ की पत्नियां पहले पार्षद रह चुकी है। इस बार 66 वार्ड में 35 महिला प्रत्याशियों ने भी जीत दर्ज कर परिषद में 51 प्रतिशत का आंकड़ा छुआ है।
51 प्रतिशत महिलायें मिलेंगी महिला महापौर को
इस बार महापौर का चुनाव महिला डॉ. शोभा सिकरवार जीती है। महापौर महिला होंगी तो उनकी परिषद में महिलायें दिखनी चाहिये। इस बार परिषद में 66 वार्ड में से 35 वार्ड में महिला प्रत्याशी जीतर कर पार्षद बनी है। मतलब साफ है कि महापौर और यह चुनी गयीमहिला पार्षद नयी परिषद में महिलाओं के लिये सुरक्षा से लेकर विकास की नयी योजनाओं को तैयार कर उसे अमल में लाने का प्रयास करेगी।
साल 2014 में 49 सीट पर जीते थे नए चेहरे
ग्वालियर नई नगर निगम परिषद् में अनुभवी पार्षदों की कमी रहेगी। 66 वार्डों से जीतकर आने वाले पार्षदों में से 55 चेहरे वे हैं, जो इससे पहले कभी पार्षद नहीं बने हैं। पिछली परिषद में नए चेहरे वाले 49 पार्षद परिषद में पहुंचे थे। परिषद में ज्यादा नए चेहरों के पहुंचने का नुकसान भी है। परिषद में अनुभव की कमी साफ नजर आएगी। नए होने के कारण वे न तो निगम विधान को समझते हैं और न ही परिषद की कार्यपद्धति को। ऐसे में अधिकारी उन्हें अपने हिसाब से चला सकते हैं। जब तक वे निगम की प्रक्रिया को पूरी तरह समझ पाएंगे, तब तक आधे से ज्यादा कार्यकाल निकल चुका होगा।
कांग्रेस के 26 में से 24 पहली बार जीते
इस बार नगर निगम परिषद में कांग्रेस के 26 में से 24 पार्षद नए हैं। सिर्फ दो पार्षद विनोद यादव माटू और पूर्व मंत्री की बहू उपासना संजय यादव ही पहले जीतकर परिषद तक आ चुके हैं। इसके अलावा सभी नए चेहरे हैं। सबसे ज्यादा युवा पार्षद दक्षिण विधानसभा से हैं। यहां एक पार्षद की उम्र 50 के लगभग है शेष युवा हैं जिनकी उम्र 22 से 35 वर्ष है।

