राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी खतरा बढ़ने के बाद खोली MP में शाखा
भोपाल. बढ़ती आतंकी गतिविधियों के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मध्य प्रदेश में स्थायी रूप से ठिकाना बना लिया है। गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली राष्ट्रीय एजेंसी का मुख्यालय दिल्ली में है, जबकि 12 राज्यों में शाखाएं है। मध्यप्रदेश में शुरुआत के साथ अब 13 शाखा स्थापित हो गई हैं। वर्तमान में दिल्ली से आया दल इसे संचालित कर रहा है, जबकि प्रदेश के पुलिस विभाग से 50 अधिकारी-कर्मचारियों को एजेंसी में प्रतिनियुक्ति पर जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
खास बात यह है कि राजधानी में 13 मार्च में जमात ए मुजाहिदीन बांग्लादेश के आतंकी पकड़े जाने के कुछ दिन बाद ही आई एजेंसी की टीम उसी माह से प्रदेश में डटी हुई है। इसके बाद ही रतलाम में सूफा के आतंकी भी विस्फोटकों के साथ पकड़े गए। इसके बाद एजेंसी ने प्रदेश में स्थायी कार्यालय बनाकर आतंकी संगठनों और स्लीपर सेल चलाने वालों को सीधा संकेत दिया है कि उन पर नजर और पैनी कर दी गई है। खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में शाखा खुलने और कार्यालय संचालित होने से आतंकियों के नेटवर्क की खोज और वर्तमान में चल रहे मामलों की जांच में सुविधा होगी और तेजी आएगी।
इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर बनी शाखा
सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक अरुण गुर्टू का कहना है कि जब इस तरह की कोई भी राष्ट्रीय एजेंसी कहीं अपना कार्यालय स्थापित करती है तो उसके पीछे निश्चित तौर पर इंटेलीजेंस इनपुट होता है। प्रदेश में आतंकियों के स्लीपर सेल बनने से लेकर भूमिगत संगठनों के विस्तार का इनपुट था। पिछले दो महीनों में कार्रवाईयों से यह उजागर भी हो गया है। खुफिया एजेंसियां दो तरीके से कार्रवाई करती हैं। एक अंडरकवर आपरेशन या भूमिगत होता है, वहीं दूसरा कदम ओवर्ट या सबको दिखने वाला होता है। ऐसे में एजेंसी का कार्यालय खुलना एक खुला कदम है जो ऐसे संगठनों को सीधा संकेत है कि राष्ट्र की सुरक्षा के खिलाफ उनके किसी भी कदम पर एजेंसियों की पैनी नजर है। प्रदेश में सीबीआइ का कार्यालय पहले से है। अब एक और राष्ट्रीय एजेंसी का आना अच्छा संकेत है।

