ग्वालियर में निजीकरण के विरोध में सरकारी बैंकों में लटके रहे ताले, 1000 कर्मियों ने फूलबाग शाखा पर प्रदर्शन किया
ग्वालियर. बैंकों के निजीकरण के विरोध में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुक्रवार को हुई दो दिवसीय हड़ताल के चलते किसी प्रकार का कामकाज नहीं किया गया। इन बैंकों में पूरे दिन ताले लटके रहे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के आव्हान पर की गई अखिल भारतीय बैंक हड़ताल के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों की करीब 230 शाखाओं के 1000 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी नो वर्क-नो पे के आधार पर हड़ताल में शामिल रहे। बैंकिंग सेक्टर से जुड़े लोगों के मुताबिक पहले दिन की इस हड़ताल की वजह से करीब 150 करोड़ के लेन-देन प्रभावित हुए हैं। हालांकि शहर के निजी बैंक खुले रहे।
बैंक ऑफ इंडिया फूलबाग शाखा पर प्रदर्शन किया
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन से जुड़े बैंकों के अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल के दूसरे दिन सुबह 11 बजे बैंक ऑफ इंडिया फूलबाग शाखा पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान बैंककर्मियों ने संघर्षों से पाया वो अधिकार हमारा है, हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते जैस नारे भी लगाए। सभा को संबोधित करते हुए यूएफबीयू के संयोजक वीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, अधिकारी संघ के उपमहासचिव अवधेश अग्रवाल और अवार्ड यूनियन के उपमहासचिव रहीम खान ने कहा कि शासन को बैंकों को निजीकरण की ओर ढक़ेलना जन एवं श्रम विरोधी है। हम शासन की निजीकरण की इस प्रतिगामी एवं जन विरोधी नीति का पुरजोर विरोध करते हैं। इसमें गोवर्धन शर्मा, एससी शर्मा, विनोद रत्नाकर, सुमित तिवारी, प्रमोद गर्ग, अनूप राणा आदि सहित करीब 500 बैंककर्मी शामिल हुए।
बैंक पहुंचकर परेशान हुए ग्राहक
बैंक हड़ताल से ग्राहक पूरी तरह से बेखबर थे यही कारण है कि जब ग्राहक बैंक पहुंचे तो यहां लटके ताले और हड़ताल की तख्तियों को देखकर हैरान रह गए। शहर की बैंकों ने ग्राहकों को हड़ताल के संबंध में एसएमएस या अन्य किसी तरह की सूचना नहीं दी थी। शुक्रवार को हड़ताल के बाद शनिवार को एक दिन बैंक खुलने के बाद रविवार की फिर से छुट्टी है।

