एक चीता अभी भी ग्वालियर की सीमा घाटीगांव में घूम रहा है-वनविभाग
ग्वालियर. कूनों नेशनल पार्क से भटक कर ग्वालियर की सीमा में पहुंच गये चीतों में से एक चीता अभी भी तिघरा और घाटीगांव के जंगलों में सक्रिय है। यह चीता पिछले कुछ समय से इस इलाके में घूम रहा है। जिसकी निगरानी वन विभाग की टीमें कर रही है। पहले इस क्षेत्र में 3 चीते देखे गये थे। इनमें से एक नर चीते केजीपी-4 की रविवार की सुबह घाटीगांव थाना इलाके के सिमरिया मोड हाईवे पर एक अज्ञात गाड़ी की टक्कर से मौत हो चुकी है। जबकि सोमवार को दूसरे चीते केपीजी-3 को कूनो वन विभाग की टीम सुरक्षित पकउ़कर वापिस कूनों नेशनल पार्क ले गयी है। अब तीसरा अन्य चीता केपीजी-4 पिछले 6 दिनों से लगातार अपनी गतिविधि बनाये हुए है।
चिंता पूर्ण तरीके सुरक्षित-वनविभाग के अधिकारी
इस मामले में ग्वालियर वन विभाग के अधिकारी डीएफओ अंकित पांडे ने बताया है कि पिछले दिनों से 3 चीज कूनों नेशनल पार्क से भागकर घाटीगांव की सीमा में आ गये थे। जहां पर रविवार की सुबह एक चीते की सड़क पर ट्रक की टक्कर से मोत हो गयी थी। वहीं दूसरे चीते को कूनों नेशनल पार्क के कर्मचारी पकड़कर वापिस कूनो ले गये थे। अभी एक अन्य तीसरे चीते की मूवमेंट लगातार इलाके में बनी हुई है। वह अभी सुरक्षित है। कूनों नेशनल वन विभाग की एक टीम उसका लगातार सैटेलाइट कॉलर आईडी डिवाइस से उसर पर नजर रखे हुए थे।
ग्रामीणों को खेत में घूमता दिखा KGP-1 चिता
वन विभाग के अनुसार, यह चीता शिवपुरी मार्ग, हरसी पाटिल और सिमरैया क्षेत्र में घूम रहा है। कूनो और ग्वालियर वन क्षेत्र की विशेष टीमें 24 घंटे इसकी निगरानी कर रही हैं। चीते की गतिविधि को जीपीएस ट्रैकर और सैटेलाइट कॉलर आईडी डिवाइस के माध्यम से लगातार मॉनिटर किया जा रहा है। बता दें कि टीमों का मुख्य उद्देश्य चीते को आबादी वाले इलाकों में प्रवेश करने से रोकना और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। चीते की हर गतिविधि पर नजर रखते हुए, टीमें उसी रूट पर अपनी तैनाती बढ़ा रही हैं। रात के समय चीता शिकार की तलाश में अधिक दूरी तय करता है, जिसके कारण रात की पेट्रोलिंग और फील्ड विजिट काफी बढ़ा दी गई हैं ताकि उसकी गतिविधियों पर प्रभावी ढंग से नजर रखी जा सके।

