Newsमप्र छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति पर पुनर्विचार का दिया निर्देश, विभागीय देरी की वजह से दावा खारिज, अन्य पद पर भी विचार करें

ग्वालियर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच एकलपीठ ने एक अहम फैसले में संविदा शाला शिक्षक ग्रेड-3 के कर्मचारी की पत्नी को अनुकम्पा नियुक्ति के मामले में अधिकारियों को पुर्नविचार का निर्देश दिया है। न्यायालय ने कहा है कि केवल शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की योग्यता न होने के आधार पर नियुक्ति से मना करना उचित नहीं है। क्योंकि नीति में अन्य उपर्युक्त पदों पर नियुक्ति का विकल्प मौजूद है। याचिकाकर्ता रश्मि शर्मा के पति संविदा शाला शिक्ष्क ग्रेड-3 थे। जिनका वर्ष 2012 में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद, रश्मि शर्मा ने 26 दिसम्बर 2012 को अनुकंपा नियुक्ति के लिये आवेदन किया था।
विभाग ने उनके आवेदन को 2017 में इस आधार पर खारिज कर दिया था कि उनके पास टीईटी की योग्यता नहीं थी और बाद में, न्यायालय के निर्देश पर 2019 में उनके आवेदन पर दोबारा विचार किया गया। लेकिन एक बार फिर उसी वजह का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया गया। न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि इस मामले में हुई देरी विभागीय प्रक्रियाओं और न्यायिक कार्यवाही की वजह से हुई है न कि याचिकाकर्ता की तरफ से। इसलिये इस आधार पर अनुकंपा नियुक्ति के दावे को निरस्त नहीं किया जा सकता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *