हाईकोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने दबोचा आरोपी, वारंट पर फर्जी हस्ताक्षर करने वाला एएसआई सस्पेंड
ग्वालियर. गिरफ्तारी वारंट तामिल न करने और अदालत को गलत रिपोर्ट भेजने पर हाईकोर्ट ने पुलिस पर कड़ी नाराजगी जताई है। न्यायालय की फटकार के बाद पुलिस ने आरोपी देवीसिंह कुशवाह को उसके घर से महज 15 मिनट के अन्दर गिरफ्तार कर लिया है। वहीं वारंट लौटाने वाले एएसआई गोवर्धन सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। एएसआई पर आरोप है कि उन्होंने वारंट पर टीआई के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर न्यायालय में रिपोर्ट पेश की थी। डबरा थाने के टीआई धमेन्द्र सिंह ने न्यायालय को बताया कि वारंट लौटाने वाली रिपोर्ट पर उनके हस्ताक्षर नहीं है। उन्होंने यह भी बताया है कि पत्र पर एएसआई गोवर्धन सिंह ने स्वयं को एसएचओ लिखकर हस्ताक्षर किये थे।
न्यायालय ने इस कृत्य को जानबूझकर की गयी गलत बयानी और आरोपी के साथ मिलीभगत का संकेत माना है। आरोपी देवी सिंह ने न्यायालय की रोक के बावजूद संपत्ति का विक्रय कर दिया था। न्यायालय ने 10 अक्टूबर को स्पष्ट आदेश दिया था कि वारंट किसी भी सूरत में वापिस न लौटे। न्यायालय ने एएसआई के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करने और एक अलग से अवमानना मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। नोटिस 18 नवम्बर तक एसपी ग्वालियर के माध्यम से मामिल कराने के निर्देश दिये गये हैं। यह मामला भगवानदास बनाम देवाराम देवीसिंह से संबंधित है।
आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया
इसके बावजूद, 11 नवंबर को पुलिस ने रिपोर्ट भेज दी कि आरोपी घर पर नहीं मिला। इस पर बुधवार को अदालत ने राज्य सरकार के वकील से जवाब तलब किया, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद देवी सिंह ने रिहाई के लिए आवेदन दिया, जिस पर अदालत ने 50 हजार रुपए के व्यक्तिगत मुचलके पर रिहाई की अनुमति दी। हालांकि, कोर्ट ने सख्त शर्त रखी है कि वह हर तारीख पर व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहेगा और वकील के जरिए पेशी स्वीकार नहीं की जाएगी।

