ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर से कई राज्यों तक पहुंचा जातिगत उपद्रव का तनाव
ग्वालियर. हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ परिसर में संविधान निर्माता डॉ. भीमारव अंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना से शुरू हुआ विवाद 9 महीने बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। मामले में नए संविधान निर्माता बीएन राव की एंट्री से सोशल मीडिया की गलियों से होता हुआ सडकों पर सनातन के अपमान तक पहुंच गया। ग्वालियर से निकले इस विवाद में देश के 10 से ज्यादा राज्यों में जातिगत उपद्रव का तनाव फैल रहा है।

दोनों गुट जल्द आंदोलन के लिए फिर से बैठक कर रहे
ग्वालियर चंबल में नई बहस भी शुरू कर दी है, संविधान निर्माता कौन भीमराव अंबेडकर या फिर बीएन राव है। 15 अक्टूबर के आंदोलन की चेतावनी को जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन ने सूझबूझ से टाल दिया हो लेकिन यह विवाद अभी थमा नहीं है। दोनों गुट जल्द आंदोलन को नए सिरे से खडे करने पर बैठकें कर रहे है। यही कारण है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की 10 फीट ऊंची जिस प्रतिमा पर विवाद था वह प्रतिमाकार प्रभात राय के स्टूडियों में कडी सुरक्षा में रखी गई है।
जिला प्रशासन और पुलिस की तैयारी
इस मामले में कलेक्टर रूचिका चौहान व एसएसपी धर्मवीर सिंह ने अपने स्तर पर पूरी नजर रख रहे हैं। बाहर से आने वाले भीम सेना, आजाद समाज पार्टी या अन्य संगठनों को कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जा रही है। अंबेडकर विरोध करने वाले पक्ष भी लगातार बीएन राव के पक्ष में आंदोलन खड़ा करने का प्रयास करेंगे। इस पर भी जिला प्रशासन और पुलिस की पूरी नजर है।

