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न्यायालय ने दालबाजार की अवैध तीसरी मंजिल गिराने के दिये निर्देश, हाईकोर्ट बोला-नगरनिगम का अवैध निर्माण है न्यायालय के आदेश का इंतजार करना चिंताजनक

ग्वालियर. हाईकोर्ट की एकलपीठ ग्वालियर बेंच ने मंगलवार को नगरनिगम की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए दालबाजार स्थित एक भवन की तीसरी मंजिल को ध्वस्त करने के आदेश दिये है। न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि बिना स्वीकृति तीसरी मंजिल का निर्माण भवन निर्माण नियमों का स्पष्ट उल्लघंन है। न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की एकल पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा है कि नगरनिगम हर बार अवैध निर्माण पर कार्यवाही के लिये न्यायालय के आदेश का इंतजार करता है। जबकि कानूनन यह उसका स्वयंसिद्धा कर्तव्य है।
न्न्यायालय ने की टिप्पणी नगरनिगम की निष्क्रियता अवैध निर्माणों को बढ़ावा देती है। यह न केवल शहरी सौन्दर्य को बिगाड़ती है बल्कि न्यायिक व्यवस्था की अवमानना भी है। चिंताजनक है नगरनिगम अवैध निर्माण पर कार्यवाही के लिये अदालत के आदेश की प्रतीक्षा करता है। क्या राज्य सरकार ऐसे रवैये को स्वीकार कर सकती है। भविष्य में ऐसे मामलों में देरी या निष्क्रियता बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
यह है  मामला
दाल बाजार की रहने वाली स्नेहलता (उनके वारिस गिरिराज अग्रवाल) पर अवैध निर्माण करने का आरोप है। वर्ष 2023 में मोहनलाल अग्रवाल ने इस निर्माण की शिकायत नगर निगम से की थी। निगम ने नोटिस जारी किए, लेकिन इसके खिलाफ स्नेहलता पक्ष ने जिला न्यायालय में वाद दायर किया। जिला अदालत ने वाद खारिज कर दिया, जिसके बाद हाईकोर्ट में सिविल रिवीजन दायर की गई। सुनवाई के दौरान जब हाईकोर्ट ने पूछा कि निगम ने अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की, तो निगम की ओर से कहा गया कि कोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस पर अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि “ऐसी निष्क्रियता किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं” है।
कोर्ट का आदेश
भवन की तीसरी मंजिल पूरी तरह ध्वस्त की जाए।
भवन के आगे और पीछे का सेटबैक (1.5 वर्गमीटर आगे, 1 वर्गमीटर पीछे) खाली कराया जाए।
भवन के सामने की अवैध दुकान हटाई जाए।
भवन को मूल स्वीकृति के अनुरूप पुनर्स्थापित किया जाए।
सुनिश्चित किया जाए कि भवन का उपयोग केवल आवासीय प्रयोजन के लिए ही हो।

 

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