लालटिपारा स्थित गोशाला में 108 टन गोबर से 21 फीट ऊंचे गोवर्धन की होगी पूजा
ग्वालियर. बुधवार की दोपहर में गोवर्धन पूजन किया जायेगा, इसमें ग्वालियर के सबसे बड़े गोवर्धन लालटिपारा स्थित गोशाला में 108 टन गोबर से तैयार किये गये है। गोशाला में 21 फीट ऊंचा और 11 फीट चौड़ा गोवर्धन पर्वत तैयार किया गया है। गोशाला में आसपास के 50 से अधिक गांव के लोग अलग-अलग समय में सामूहिक पूजन करते हैं। गोवर्धन पर्वत बनाने का काम मेरठ से आये साधुओं के दल ने किया है। बुधवार को यहां विशेष पूजा अर्चना की जायेगी। गोवर्धन पूजा के मुख्य अतिथि संघ से जुड़े यशवंत इंदापुरकर होंगे। इसके अलावा पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया व ठाठीपुर के दुल्लपुर में विशाल गोवर्धन भगवान बनाकर सामूहिक पूजन किया जाता है।
छीवाली के अगले दिन को ही पड़वा कहा जाता है। इस दिन भगवान गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना की जाती है। इस वर्ष दीवाली का अगला दिन खाली दिन माना गया है। इस वजह से बुधवार 22 अक्टूबर को ही गोवर्धन की पूजा की जा रही है। हर घर में गोवर्धन की स्थापना की जाती है। लेकिन यह पूजा सामूहिक पूजन के लिये भी जानी जाती है।
253 परिवार के सदस्य एक जगह करते हैं पूजन
ग्वालियर शहर में दूसरे सबसे बड़े गोवर्धन की पूजा दुल्लपुर गांव में होती है, यहां गुर्जर समुदाय के 253 परिवारों के सदस्य एक साथ गोवर्धन की पूजा अर्चना कर सुख शांति समृद्धि की कामना करते हैं। यहां सैकड़ों लोग एक साथ पूजन करते हैं, तो वह दृश्य भी देखने लायक होता है। यहां भी काफी बड़े गोवर्धन बनाए जाते हैं। गोशाला के संरक्षक संत श्री ऋषभ देव आनंद महाराज ने बताया कि लाल टिपारा स्थित गोशाला में हर साल दीपावली की पड़वा पर गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाता है। इसमें सनातन धर्म को मानने वाले और विभिन्न समाज सेवी संगठन के लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। साथ ही आसपास के गांव के लोग पूजा में शामिल होते हैं। इस बार 108 गोबर से 21 फीट ऊंचे गोवर्धन पर्वत का निर्माण कराया गया है।

