8वां वेतनमान लागू हुआ तो शून्य से शुरू होगा महंगाई भत्ता
भोपाल. भारत सरकार की तैयारी जनवरी 2026 से कर्मचारियों को आठवां वेतनमान देने की है। इसके लिए आयोग गठित करने का निर्णय लिया जा चुका है। इधर प्रदेश के वित विभाग ने बजर्ट की तैयारी शुरू कर दी है। सभी विभागों से महंगाई भत्ता बढाकर स्थापना व्यय प्रस्तावित करने के लिए कहा है लेकिन नया वेतनमान स्वीकार करने पर यह शून्य हो जाएगा।
दरअसल नए वेतनमान का निर्धारण महंगाई भत्ते को जोडकर किया जाता है इसलिए यह शून्य से प्रारंभ होता है। सातवें वेतनमान में महंगाई भत्ता दर 55 प्रतिशत है। इसे 3 प्रतिशत बढाकर केंद्रीय कर्मचारियों की तरह 58 प्रतिशत इसी माह किया जा सकता है। वित विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 50 प्रतिशत से अधिक महंगाई भत्ता होने पर इसे मूल वेतन में समाहित कर दिया जाता है। सातवां वेतनमान मूल वेतन में 2.75 का गुण करके निर्धारित हुआ था। तब लगभग 7 से 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन में वृद्धि हुई थी। पहले भारत सरकार आठवें वेतनमान को स्वीकार करेगी इसके बाद राज्यों से अनुशंसा की जाएगी।
राज्य अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए निर्णय लेंगे। पिछली बार भी दो साल बाद आयोग की अनुशंसाएं लागू की गई थीं। अभी वित्तीय वर्ष 2026-27 के बजट की जो तैयारी की रही है, उसमें महंगाई भत्ता और राहत 74 प्रतिशत तक हो सकता है। इसके हिसाब से ही सभी विभागों को स्थापना व्यय प्रस्तावित करने के लिए कहा है। 2025-26 के बजट में 64 प्रतिशत की दर से प्रविधान है, जबकि भुगतान 55 प्रतिशत के हिसाब से ही करना पड़ रहा है।