Newsराज्यराष्ट्रीय

ऑपरेशन सिंदूर में पाक के 5 F-16 और JF-17 फायटर जेट मार गिराये-एयरचीफ ने किया खुलासा

नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना (आईएएफ) अपने 93वें वायुसेना दिवस पर जोरदार उत्सव की तैयारी कर रही है। इस अवसर पर एयरचीफ एपी सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने 5 पाकिस्तानी एफ-16, जेएफ-17 मार गिराये थे। विंग कमाण्डर जयदीपसिंह, जो वायुसेना के पीआरओ है। प्रेस बीफ्रिंग में इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि 8 अक्टूबर को हिंडन एयरफोर्स बेस पर एक भव्य परेड होगी। 6 अक्टूबर को फुल ड्रेस रिहर्सल होगी। इस समारोह में वायुसेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख और थलसेना प्रमुख भी शामिल होगें। यह दिवस वायुसेना की ताकत, आत्म निर्भरता और देश सेवा को दर्शायेगा।
पाक ऑपरेशन सिंदूर से हुए नुकसान
जमीन पर -4 जगहों पर रडार, 2 जगहों पर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, 2 जगहों पर रनवे, 3 जगहों हैंगर और 4-5 एफ-16 (क्योंकि हैंगर एफ-16 का था) एक एसएएफ सिस्टम नष्ट।
हवा में- एक लम्बी दूरी के स्ट्राइक के सबेत हैं। एडब्ल्यूएसीएस या सिगइंट एयरक्राफ्ट के और 4-5 फायइटर एफ-16 या जे-10 क्लास के। इससे पाकिस्तान को जमीन और हवा में कुल फायटर विमानों का नुकसान लगभग 9-10 हो गया।
वायुसेना परेड और आकर्षण-ध्वज फ्लाइपास्ट और स्टेटिक डिस्प्ले
विंग कमाण्डर सिंह ने बताया कि परेड में कई रोमांचक चीजों का प्रदर्शन होगा। सबसे खास होगा कि ध्वज फ्लाइपास्ट, इसमें एमआई-17 हेलीकाप्टर ऑपरेशन सिंदूर का झण्डा लेकर उड़ेगा। यह ऑपरेषन इस साल का सबसे बड़ा अभियान था। स्टेटिक डिस्प्ले में राफेल, एसयू-30एमकेआई, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और आकाश सरफेस-टू-एयर मिसाइल दिखाये जायेंगे। रडार और हथियार भी प्रदर्शित होंगे। वायुसेना ने कुल 18 नयी इनोवेशन भी पेश की है। यह इनोवेशन वायुसेना की आत्म निर्भरता, समस्या समाधान क्षमता और भविष्य की सोच को दिखाते हैं। विंग कमाण्डर ने कहा है कि यह दिखाते हैं कि हम स्व्यं पर भरोसा करते हैं। नयी चुनौतियों के लिये तैयार है। ब्रीफिंग का मुख्य फोकस था। ऑपरेशन सिंदूर। यह पहलगाम हमले के बाद का सबसे महत्वपूर्ण अभियन था। विंग कमांडर ने बताया है कि सरकार ने सेनाओं को पूरी आजादी दी थी। यह युद्ध इतिहास में दर्ज होगा। क्योंकि यह एक लक्ष्य के साथ शुरू। राष्ट्र ने सीजफायर का फैसला लिया। हमारी एयर डिफेंस सिस्टम ने खेल पलट दिया। लॉंग रेंज एसएएफ मिसाइीलों ने दुश्मन को पीछे धकेल दिया। सबसे लम्बा टारगेट किल 300 किमी से अधिक का था। विंग कमाण्डर ने गर्व से कहा है कि यह इतिहास में दर्ज होगा। हमने सटीक हमले किये। न्यूनतम नुकसान के साथ सिर्फ एक रात में दुश्मन का घुटनों पर ला दिया।
1971 के बाद पहली बार इतना विनाशकारी ऑपरेशन सिंदूर में दिखा। वायुसेना ने साबित किया है कि वह अचूक, अभेद्य और सटीक है। सभी सेनाओं -वायु, स्थल और 9- ने मिलकर योजना बनाई और हमला किया। विंग कमांडर ने कहा है कि गलत सूचनाओं की भरमार थी। लेकिन हमारे मीडिया ने सेनाओं की बहुत मदद की। जनता का मनोबल न गिरे। इसके लिये चैनलों ने योगदान दिया। वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के हमलों का वीडियो भी जारी किया है। जरूरत पड़ने पर कैमरा फीड से और जानकारी ली जा सकती है।
भविष्य की चुनौतियां और आत्मनिर्भरता
विंग कमांडर ने चेतावनी दी कि अगला युद्ध पिछले जैसा नहीं होगा।  हमें वर्तमान और भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहना होगा. दुनिया भर की घटनाओं पर नजर रखनी है।  2047 तक का रोडमैप तैयार है, जिसमें आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) मुख्य है। एलसीए मार्क-1ए के ऑर्डर दिए जा चुके है। एलसीए मार्क-2 और आईएमआरएच भी पाइपलाइन में है। कई रडार और सिस्टम विकसित हो रहे है।  विंग कमांडर ने कहा कि हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे है।  लेकिन जरूरत पड़ी तो रणनीतिक तकनीक ले सकते है। गैप भरने के लिए काम चल रहा है. भविष्य का युद्ध हमेशा एकीकृत होगा – सभी सेनाओं और एजेंसियों के साथ. ऑपरेशन सिंदूर से हमने सबक सीखे. इससे वायु शक्ति की अहमियत फिर साबित हुई।
क्या आएगा Su-57 फाइटर जेट?
एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) और रूसी सुखोई-57 पर पूछा गया. एयर चीफ एपी सिंह ने कहा कि यह एडीए और डीआरडीओ के क्षेत्र में है. मुझे लगता है कि यह दशक में उड़ान भरेगा. तेजस मार्क-1ए जैसा कठिन काम है। सुखोई-57 पर सभी विकल्प तौलेंगे. रक्षा में प्रक्रिया है, जो भी फैसला होगा, सबसे अच्छा होगा. ऑपरेशन सिंदूर में इंडियन एयरफोर्स ने पांच पाकिस्तानी F-16, JF-17 को मार गिराया था।
मानवीय सहायता और अंतरराष्ट्रीय अभ्यास
ऑपरेशन सिंदूर के अलावा, वायुसेना ने कई मानवीय सहायता मिशन चलाए. असम, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और अन्य जगहों पर मदद पहुंचाई. विंग कमांडर ने कहा कि हमने लोगों की जिंदगी बचाई और राहत दी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रियता रही.यूएई, मिस्र, फ्रांस, सिंगापुर जैसे देशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास किए। इन देशों के कमांडरों ने तारीफ की और कहा कि वे अभ्यास जारी रखना चाहते हैं. ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला ने अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया. विंग कमांडर ने कहा कि यह साल अच्छा रहा, लेकिन आगे के समय के बारे में सोचना होगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *