अमेरिका की समंदर में दम निकालने की तैयारी में है चीन, टाइप-4 विमानवाहक पोत कर रहा है तैयार
नई दिल्ली. 29 सितम्बर 2025 को चीनी सैन्य विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि चीन अपना चौथा विमानवाहक पोत टाइप-4 बनाना शुरू कर दिया है। यह न्यूक्लियर पॉवर से चलने वाला जहाज अमेरिकी नौसेना के फोर्ड-क्लास का सीधा मुकाबला करने के लिये बनाया जा रह है। इससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शक्ति संतुलन बदल सकता है। यह जहान चीन की नौसेनाए को मजबूत बनायेगा।
टाइप-4 की खासियतें
टाइप-4 का वजन 1,10,000 से 1,20, 000 टन होगा। यह एक सुपरकैरियरा है। निर्माण दलाई शिपयार्ड में शुरू हो चुका है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि जहाज का ढांचा और कैटापल्ट लांच सिस्टम बन रहा है। लम्बाई 330-340 मीटर होगी। यह फ्यूजन टाइप 3 से थोड़ा लम्बा है। इसमें इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक कैटापल्ट सिस्टम है। जो विमानों को तेजी से उड़ान भरने में मदद करेगा। हेलीपैड फ्लैट होगा। यह काटोबार सिस्टम पर चलेगा। जो विमानों कैटापल्ट से लांच करेगा। इससे अधिक विमान ले जा सकेगा।
90 से अधिक विमान ले जाने की ताकत
टाइप 004 पर 90 से ज्यादा विमान रखे जा सकेंगे। इनमें जे-15टी हेवी स्ट्राइक फायटर (24-30), जे-35 स्टील्थ जेट (20 से अधिक), केजे-600 एयरबोर्न वॉर्निंग प्लेटफार्म और ड्रोन शामिल होंगे। अमेरिकी फोर्ड क्लास पर 75 विमान होते हैं। जैसे एफ-35 स्टील्थ फायटर, ई-2डी हॉकआई और ईए-18जी ग्रोलर होंगे।
अनलिमिटेड रेंज न्यूक्लियर पॉवर
यह चीन का पहला न्यूक्ल्यिर विमान वाहक पोत होगा। इसमें 2 प्रेशराइज्ड वॉटर रिएक्टर लगेंगे, जाकि 450-500 मेगावाट बिजली जनरेट करेगा। इससे जहाज को रीफ्यूलिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। लम्बी दूरी तक चल सकेगा। अमेरिकी फोर्ड क्लास में 2 ए1बी रिएक्टर है। जो 700 मेगावाट से अधिक देते हैं। यह पॉवर कैटापल्ट रडार और भविष्य के हाई-एनर्जी हथियारों के लिये उपयोग होंगे। चीन की नौसेना जब पैसिफिक, इंडियन ओशन तक पहुंच सकेगी।
पुराने चीनी कैरियर्स से तुलना, चीन के पहले तीन विमानवाहक पोत…
लियाओनिंग (Type 001): सोवियत Kuznetsov का रिफिटेड वर्जन. स्की-जंप लॉन्च, स्टीम पावर. 36-44 विमान, ट्रेनिंग के लिए।
शांडोंग (Type 002): घरेलू बनाया, लेकिन STOBAR सिस्टम. 305 मीटर लंबा, सीमित क्षमता।
फुजियान (Type 003): इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट, फ्लैट डेक. 60-70 विमान, लेकिन कन्वेंशनल पावर. 316 मीटर लंबा।
Type 004 इनसे बड़ा कदम है. न्यूक्लियर पावर और कैटापल्ट से यह वेस्टर्न कैरियर्स जैसा बनेगा. लंबाई, हैंगर स्पेस और लॉजिस्टिक्स बेहतर होंगे.