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ब्‍यावरा पुलिस ने 2200 किमी का पीछा कर 4 अंतर्राज्यीय एटीएम ठग गिरफ्तार

118 फर्जी एटीएम कार्ड तथा ठगी की संपूर्ण राशि बरामद
भोपाल, – ब्‍यावरा पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता अर्जित की है। पुलिस अधीक्षक अमित तोलानी ने ब्‍यावरा पुलिस टीम ने लगातार 72 घंटे की मेहनत के बाद 2200 किलोमीटर की यात्रा कर उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा से 4 अंतर्राज्यीय एटीएम ठगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस टीम ने 13 अक्‍टूबर को फरियादी नारायण मोंगिया, निवासी ब्‍यावरा ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि जब वे एसबीआई एटीएम से पैसे निकाल रहे थे, तभी 2 अज्ञात व्यक्ति आए और एटीएम कार्ड बदलकर ₹56,000 की राशि निकाल ली। इस प्रकरण में 200 से अधिक CCTV फुटेज का विश्लेषण किया और साइबर सेल की तकनीकी सहायता से संदिग्धों की गतिविधियों को ट्रेस किया। लगातार तकनीकी निगरानी, लोकेशन एनालिसिस व फील्ड इंटेलिजेंस के माध्यम से पुलिस टीम यूपी के शामली, गाजियाबाद और हरियाणा के फरीदाबाद तक पहुंची और वहां से गिरोह के 4 सदस्य सारिक पिता उमरदीन (30 वर्ष), निवासी खेडा कुर्तान, थाना कांदला, उत्तरप्रदेश, नईम अल्वी पिता मेहरवान (28 वर्ष) निवासी संगम विहार, थाना लोनी जिला गाजियाबाद उत्तरप्रदेश, नियाज पिता इजहार मोहम्मद (27 वर्ष) निवासी गंगैरू थाना कांदला जिला शामली उत्तरप्रदेश तथा गौरव सरोवा पिता त्रिलोकचंद सरोवा (33 वर्ष), निवासी डवुआ कॉलोनी, जिला फरीदाबाद (हरियाणा) को गिरफ्तार किया।आरोपियों से पुलिस टीम ने 118 फर्जी एटीएम कार्ड, स्विफ्ट डिज़ायर कार, ठगी की संपूर्ण राशि ₹56,000/- शत-प्रतिशत बरामद की है।
मालदा से आपराधिक विश्वासघात के आरोपी को किया गिरफ्तार
नरसिंहगढ़ पुलिस ने 3500 किलोमीटर की यात्रा कर पश्चिम बंगाल के मालदा से आपराधिक विश्वासघात के आरोपी को गिरफ्तार किया और लगभग ₹10 लाख मूल्य का संपूर्ण मशरूका तथा मन्दसौर जिले की भानपुरा पुलिस ने अमानत में खयानत और धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड आरोपी को गिरफ्तार कर 21 चार पहिया वाहन (करीब ₹1 करोड़ मूल्य), दस्तावेज़ एवं मोबाइल फोन जब्त किए है, शामिल हैं।

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MP ई-अटेडेंस को लेकर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, शिक्षकों ने पेश किया एफिडेविट, सरकार ने नकारा नेटवर्क ईश्यू, 7 नवंबर को पुनः होगी सुनवाई

जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य बेंच जबलपुर में गुरूवार को ई-अटेंडेंस को लेकर दायर की गयी याचिका की सुनवाई की गयी है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और शिक्षकों की ओर से हलफनामे (शपथपत्र) दाखिल कियेगये। जहां शिक्षकों ने ‘‘हमारे शिक्षक’’ एप में तकनीकी खामियां, नेटवर्क और सर्वर की परेशानी बताई। वहीं राज्य सरकार ने अपने जवाब में नेटवर्क से जुड़ी सभी शिकायतों को सिरे से खारिज कर दिया है। न्यायालय ने दोनों पक्षों के जवाब रिकॉर्ड में लेते हुए अगली सुनवाई 7 नवम्बर को तय की है। जबलपुर के शिक्षक मुकेश सिंह बरकड़े समेत राज्य के विभिन्न जिलों के 27 क्षिकों ने ई-अटेंडेंस प्रणाली के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्त्ताओं का कहना है कि ‘‘हमारे शिक्षक’’ एप से हर रोज उपस्थिति दर्ज कराने में गंभीर तकनीकी और व्यावहारिक परेशानियां आ रही है।
शिक्षकों ने कहा कि –
कई शिक्षकों के पास आधुनिक स्मार्टफोन नहीं हैं।
हर महीने डेटा पैक का खर्च उठाना मुश्किल हो रहा है।
ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क कनेक्टिविटी कमजोर है।
ऐप का सर्वर धीमा चलता है और चेहरा मिलान (फेस मैचिंग) में दिक्कत आती है।
शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया कि ऐप से उपस्थिति दर्ज न कर पाने पर विभागीय अधिकारी शिक्षकों को परेशान कर रहे हैं। कुछ मामलों में वेतन रोकने और अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी भी दी गई है।
नेटवर्क और तकनीकी समस्या नहीं – सरकार
राज्य सरकार की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि ‘हमारे शिक्षक’ ऐप सुचारू रूप से काम कर रहा है और प्रदेश के करीब 73% शिक्षक नियमित रूप से इसका उपयोग कर रहे हैं। सरकार ने नेटवर्क समस्या और तकनीकी खामियों को नकारते हुए कहा कि शेष शिक्षक भी ऐप के प्रयोग के लिए प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।

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मुंबई के आरए स्टूडियों 15-20 बच्चों को बंधक बनाया, चारों ओर से पुलिस ने घेरा

मुंबई. गुरूवार को एन सनसनीखेज घटना सामने आयी है। जहां दिनदहाड़े बच्चों का अपहरण करने की एफआईआर दर्ज की गयी है। यह घटना आरए स्टूडियों में हुई। जहां पहली मंजिल पर एक्टिंग क्लासेस चलती है। ऐसा बताया जा रहा है कि सुबह लगभग 100 बच्चे यहां ऑडिशन के लिये पहुंचे थे। इसी बची स्टूडि़यों में काम करने वाले यूट्यूब चैनल चलाने वाले रोहित ने 15-20 बच्चों को बंधक बना लिया था।
जानकारी के अनुसार पिछले 4-5 दिनों से यह ऑडिशन करवा रहा था। आज उसने करीब 80 बच्चों को वापिस भेज दिया। लेकिन बाकी बच्चों को कमरे में बन्द कर लिया। बच्चे खिड़कियों से बाहर झांकते नजर आये। जिसके बाद आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गयी।
स्टूडियो में 15-20 बच्चों को बंधक बनाया
बंधक बनाने की खबर मिलते ही पुलिस की भारी फोर्स घटनास्थल पर पहुंच गयी। पुलिस स्टूडियो को चारों ओर से घेरकर बैठे आरोपी की पहचान और मंशा जानने की कोशिश कर रही है। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आरोपी की मांग क्या है।
पुलिस ने चारों ओर से घेरा स्टूडियों
स्टूडियों के बाहर हाईअलर्ट का माहौल है। अधिकारी लगातार बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने की रणनीति बना रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिये पुलिस और रेस्क्यू टीम हर संभव प्रयास में जुटी हुई है।

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रेलवे ब्रिज के निर्माण के दौरान पलटकर गिरी क्रेन से 2 की मौत

धार. मध्यप्रदेश के धार औद्योगिक इलाके पीथमपुर के सागौर में रेलवे ब्रिेज के निर्माण कार्य के दौरान एक बड़ा हादसे 2 लोगों की मौत हो गयी। जिसमें 2 लोगों की मौत हो गयी। दरअसल यहां रेलवे ब्रिजका निर्माण कार्य चल रहा है। इसी बीच ब्रिज निर्माण में लगी क्रेन पलटी खा गयी और एक पिक अप वाहन पर जा गिरी। जिससे पिक अप में सवार 2 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी।
एसपी मयंक अवस्थी ने बताया है कि जानकारी के अनुसार रेलवे निर्माण में लगी क्रेन अचानक पलटने से रास्ते से निकलने वाले पिक अप वाहन पर गिरी जिसमें दबकर 2 लोगों की मौत हो गयी। क्रेन के नीचे अन्य लोगों के भी दबे होने की आशंका जताई जा रही है। घटना की खबर मिलते ही जिला प्रशासन व बड़ी संख्या में पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंची और पिक अप में फंसे दोनों शवों का बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
आपको बता दें कि कंस्ट्रक्शन साइट्स पर अक्सर मशीनों के चलते ऐसे बड़े हादसे हो जाते हैं। भारी भरकम मशीनों की जरा सी गलत हैंड लिंग का नतीजा हो जाता है। कोई बड़ा हादसा जिसमें जनहानि भी हो जाती है।

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आज से आपके घर आएंगे BLO, 2003 की वोटर लिस्ट से तय होगा SIR

भोपाल. मध्य प्रदेश में शुरू हुई स्पेशल इंसेन्टिव रिवीजन यानी एसआईआ की प्रक्रिया को 2003 की वोटर लिस्ट के आधार पर तय किया जाएगा। 2003 से 2025 के बीच जिले की मतदाता सूची में कुल 9.26 लाख से अधिक मतादाता बढ चुके है। एसआईआर प्रक्रिया से जुडे प्रशासनिक अफसरों के अनुसार बढे हुए मतदाताओं में से 60 प्रतिशत यानी करीब साढे पांच लाख मतदाता ऐसे है जो अन्य शहरों, राज्यों से भोपाल पहुंचे। इन्हें ही अब एसआईआर में अपने मूल निवास, पहचान, जन्म से जुडे दस्तावेज दिखाने होंगे।
आज से लगेगी ड्यूटी
बीएलओ के साथ सहायक भी दिया जाएगा। गुरूवार से इसके लिए ड्यूटी शुरू हो जाएगी। एसआईआर के लिए प्रशिक्षण का एक भाग पहले ही तय हो चुका है। एसडीएम के माध्यम से बीएलओ ने 2003 की सूची से मौजूदा सूची का मिलान की प्रक्रिया अपने स्तर पर पूरी कर ली है। आगामी काम के लिए विधानसभा स्तर पर प्रशिक्षण होगा। एक विधानसभा में 12 से अधिक स्थान इसके लिए तय किए जा रहे है।
तय समय में पूरे होंगे काम- कलेक्टर
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि, एसआईआर के लिए टीम ट्रेनिंग शुरू की जा रही है। तय समय में मतदाता सूची से जुड़े काम पूरे कर लिए जाएंगे।

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1 नवंबर से नए तरीके से लगानी होगी अटेंडेंस, आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगी छूट

ग्वालियर. नगर निगम के सभी दफ्तरों में 1 नवंबर से फेस अटेंडेंस यानी चेहरा दिखाकर ही उपस्थिति लगेगी। प्रदेश स्तर से इसे अनिवार्य किया गया है। निगम के सभी जोनल कार्यालयों और मुख्यालय के दफ्तरों में इसकी मशीनें लगाई जा चुकी है और कुछ दिन से ट्रायल चल रहा है। दो दिन पहले निगम मुख्यालय पर जोनल कार्यालयों के ऑफिस अधीक्षकों और तकनीकी स्टाफ को इसकी ट्रेनिंग भी दी गई। फेस अटेंडेंस से आउटसोर्स कर्मचारियों को छूट दी गई है। इससे साफ है कि नेताओं के समर्थकों को अब भी बिना काम किए वेतन मिलता रहेगा।
उपस्थिति की प्रक्रिया बदली
मालूम हो, नगर निगम की कार्यप्रणाली में आम बात है कि दफ्तरों में उपस्थिति दिखाने के बाद अधिकारी-कर्मचारी गायब हो जाते हैं। काम के लिए भटकते लोगों को हमेशा एक ही जवाब मिलता है कि साहब अभी दफ्तर में नहीं हैं। प्रदेश स्तर पर नगर निगम में उपस्थिति की प्रक्रिया बदली गई है और अब कर्मचारियों और अधिकारियों की उपस्थिति चेहरा दिखाने पर ही लगेगी। उनके आने और जाने के समय इस प्रक्रिया का पालन करना होगा। आने-जाने का समय भी तय किया गया है। ताकि सिर्फ एक बार उपस्थिति दर्ज कराने के बाद अधिकारी-कर्मचारी दफ्तर छोड़कर न जा सकें। यदि कोई समय से पहले जाने के लिए अटेंडेंस लगाना चाहेगा तो मशीन काम नहीं करेगी।
दफ्तरों में लग रहीं मशीनें
निगम में जो मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं, वे सिर्फ उसी स्थान पर चलेंगी, जहां की लोकेशन उसमें डाली गई है। ट्रायल के दौरान तकनीकी खामियां दूर की जा रही हैं। आधारबेस नामक एप से इस अटेंडेंस प्रक्रिया को लिंक किया गया है। हर दफ्तर में डाटामिनी नामक मशीन लगाई गई है। प्रक्रिया से लिंक होने के बाद ये मशीन काम करना शुरू कर देगी। उधर, आउटसोर्स कर्मचारियों को फेस अटेंडेंस से छूट का विरोध शुरू हो गया है।

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एयर प्यूरीफायर के बिना भी घर की हवा साफ होगी-डायसन एक्सपर्ट

नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई शहरों में वायु प्रदूषण चर्चा का विषय है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) की मदद से आप अपने इलाके या शहर के पॉल्यूशन के संबंध में जान जा सकते है। घर के अंदर हवा क्लीनक रने के लिये बहुत से लोग एयर प्यूरीफायर का उपयोग करते हैं। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप बिना एयर प्यूरीफायर के भी घर के अन्दर की हवा को कैसे क्लीनक र सकते है। डायसन इंजीनियर स्टुअर्ट थॉम्पसन ने बताया है कि जब एयर पॉल्यूशन का ग्राफ बढ़ता है तो अक्सर लोग बाहर की हवा पर तो ध्यान देते हैं। इस बीच वह यह भूल जाते हैं कि घर के अंदर भी इनविजिबल पॉल्यूषन होता है। घर के भीतर डेली एक्विटिविटी की वजह से जैसे घर में खाना बनाना और सफाई करना आदि। ऐसे में जब भी घर के बाहर मौजूद पॉल्युशन से बचाव के लिये घर की खिड़की और दरवाजों को बन्द कर देते हैं। तो यह खतरनाक मॉलिक्यूल अन्दर ही फंस जाते हैं। इस कारण से घर अन्दर हवा यानी इंडोर एयर ज्यादा प्रदूषित हो जाती है।
घर के दरवाजे पर रोके पॉल्यूशन
घर के अन्दर की हवा को क्लीन रखने के लिये आवश्यक है कि घर के अंदर जूते आदि पहनकर ना घूमें। लीविंग स्पेस को शू-फ्री जोन बनाये। इसके लिये आप घर में माइक्रोफायबर डोरमेंट का यूज कर सकता है। बहुत से लोग घर के अन्दर कारपेट आदि का उपयोग करते हैं। ऐसे में कारपेट के अंदर धूल और पालतू जानवरों के बाल आदि फंस जाते हैं ऐसे में कारपेट को रेगूलर क्लीन करना चाहिये। ऐसे में कारपेट को HEPA फिल्टर वाले वैक्यूम से साफ करना चाहिये।
घर को साफ सुधरा रखें और व्यवस्थित रखें
घर को हमेशा क्लीन और व्यवस्थित रखना चाहिए. अव्यवस्थित घरों में ज्यादा धूल और एलर्जी पैदा करने वाले एलीमेंट इकट्ठा हो जाते हैं, ये एलर्जी बढ़ा सकते हैं। अगर आपके घर के अंदर एयर प्यूरिफायर मौजूद है तो उसके फिल्टर्स को रेगुलर क्लीन करना चाहिए। फिल्टर्स गंद होने पर जाम हो सकते हैं, जिसकी वजह से आपको नुकसान हो सकता है। पॉल्यूशन का हाई लेवल होने के समय खिड़कियों को बंद रखना चाहिए. इससे जानलेवा हवा आपके घर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएगी. घर में आप एग्जॉस्ट फैन का भी यूज कर सकते हैं. घर की खिड़कियां उस दौरान खोलें जब बाहर का AQI कम हो।

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मेडीकल ऑफिसर की भर्ती के खिलाफ खारिज की याचिका, हाईकोर्ट ने दी राहत, इंटरव्यू से चयन माना वैध

ग्वालियर. हाईकोर्ट ग्वालियर की एकल पीठ ने मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग (एमपीपीएसी) की मेडीकल ऑफिसर भर्ती प्रक्रिया में केवल इंटरव्यू के आधार पर चयन को चुनौती देने वाली सभी याचिकायें खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति आशीष श्रोती की पीठ ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान तत्काली चिकित्सकों की जरूरत थी। ऐसे में लिखित परीक्षा करना न तो संभव था और न ही व्यावहारिक। इसलिये, केवल साक्षात्कार के आधार पर की गयी नियुक्तियां पूरी तरह से वैध है। राज्य सरकार ने 14 जून 2021 को स्वास्थ्य विभाग में 576 मेडीकल ऑफिसर पदों के लिये भर्ती विज्ञापन जारी किया था। आयोग ने एमबीबीएस में प्राप्त अंकों के आधार पर उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट कर इंटरव्यू क लिये बुलाया गया।इस प्रक्रिया को 4 चिकित्सकों ने अदालत में चुनौती दी थी। अदालत ने रिकॉर्ड और नियमों की जांच के बाद पाया कि महामारी के समय आयोग को आपात स्थिति में चयन प्रक्रिया मेंबदलाव की अनुमति थी। इसलिये इंटरव्यू के आधार पर भर्ती करना वैधानिक है।
याचिकाकर्त्ताओं ने यह भी आरोप लगाया था कि आयोग ने बाद में कट-ऑफ बढ़ाकर नियमों का उल्लघंन किया है। इस पर अदालत ने स्पष्ट किया हैकि मूल नियम केवल न्यूनतम योग्यता तय करते हैं। इंटरव्यू के लिये कितने उम्मीदवार बुलाये जाये। यह आयोग का अधिकार है। अधिक योग्य उम्मीदवार होने पर चयन की गुणवत्ता बनाये रखने के लिये कट-आफ बढ़ाना पूरी तरह उचित और कानूनी है। यह खेल के नियमबदलना नहीं, बल्कि चयन प्रक्रिया की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का कदम है।

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बिजली बिल ज्यादा आने से विरोध तेज, स्मार्ट मीटर लगाने पर उपभोक्ताओं का हंगामा

भोपाल. मध्य प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता 31 मार्च 2028 तक बढ़ा दी है। इसके बावजूद बिजली कंपनियां प्रदेश में तत्काल स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए दबाव बना रही हैं। इसको लेकर उपभोक्ताओं में विरोध तेज हो गया है। गौरतलब है कि स्मार्ट मीटर के लगातार विरोध के बीच मध्य प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने स्मार्ट मीटर को अनिवार्यता का नियम तीन साल आगे बढ़ाकर 31 मार्च 2028 तक के लिए बढ़ा दिया है। जहां स्मार्ट मीटर लगे हैं, वहां बिजली बिल अधिक आने के कारण लोग विरोध कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि स्मार्ट मीटर नहीं लगाना चाहिए। भोपाल के अहमद अली औकाफ़ कॉलोनी में भी बुधवार को स्मार्ट मीटर लगाने के दौरान जमकर हंगामा हुआ। कॉलोनी के आठ सौ घरों में बिजली कंपनी के अधिकारी स्मार्ट मीटर लगाने के लिए पहुंचे थे।
उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ भी आएगा
एक दो घरों में स्मार्ट मीटर लगा भी दिया गया था लेकिन लोगों ने बढ़े हुए बिजली बिल को लेकर जब जवाब सवाल किया तो हंगामे की स्थिति बन गई। उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली में भी जबरिया स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। पाली के डॉ. प्रेमनारायण सोनी ने कहा नियामक आयोग को स्पष्ट करना चाहिए कि उसके आदेश की मंशा क्या है। जबरिया स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ भी आएगा।
पहले 300 रुपए आता था अब 3000 का बिल हा रहा है
इधर, भोपाल में कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला ने बिजली कंपनी के अधिकारियों से उपभोक्ताओं के सहमति पत्र दिखाने के लिए कहा तो गोविंदपुरा बिजली कंपनी के असिस्टेंट इंजीनियर संजय बारामासे ने कहा कि उन्हें सरकार का निर्देश है, इसलिए वह मौके पर स्मार्ट मीटर लगाने के लिए आए हैं। शुक्ला ने आरोप लगाया कि जिन घरों के बिजली बिल पहले 300 रुपये आते थे, स्मार्ट मीटर लगने के बाद वहां 3000 का बिल आ रहा है।

 

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ग्वालियर में अधिकारियों की लापरवाही, सचिन तेंदुलकर रोड, फालका बाजार की सड़क जर्जर

ग्वालियर. शहर की सडकों की दुर्दशा भरी तस्वीर नहीं बदल सकी। 11 सितंबर से 3 अक्टूबर तक केंद्रीय मंत्री, सांसद और प्रभारी मंत्री की बार-बार बैठकें होने के बाद भी स्थिति यह है कि शहर की मुख्य सडकें भी गड्ढो मे ही समाई हुई है। पिछले दो दिन में हुई बारिश के दौरान इन गड्ढों में पानी भरने के साथ ये सडकें दलदली हो गई है जिस कारण इनसे आवागमन खतरनाक हो चुका है।
नाका चंद्रवदनी से झांसी थाने तक की रोड खराब
नका चंद्रवदनी-तपोवन और सचिन तेंदुलकर रोड की स्थिति ज्यादा खराब है। फालका बाजार सडक भी जर्जर हो चुकी है। वहीं नाका चंद्रवदनी से झांसी थाने तक की रोड की दुर्दशा बताती फोटो वायरल होने के बाद लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने इसे फिर मोटरेबल कराया। बीते महीने भी इसे मोटरेबल कराया गया था
भाजपा पार्षद की चेतावनी
पेंच रिपेयरिंग न हुई तो 15 दिन बाद निगम मुख्यालय के बाहर बहा दूंगी खून
बसंत विहार से चेतकपुरी तक की सड़क की जर्जर हालत को लेकर भाजपा पार्षद अपर्णा पाटिल ने नगर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बुधवार को इस सड़क के गड्डे में खड़े होकर वीडियो जारी कर कहा- यहां रहने वाले लोग 100 प्रतिशत टैक्स चुकाते हैं। लेकिन इनको सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा। बसंत विहार से चेतकपुरी तक की सड़क लंबे समय से जर्जर है। दो बार इसे बनाने के लिए अलग-अलग फाइलें चलीं, लेकिन काम एक भी बार नहीं हुआ। फिर पेंच रिपेयरिंग के लिए 40 लाख रुपए की फाइल तैयार हुई और टेंडर 80 लाख रुपए का लगा। उसके बाद भी अब तक काम नहीं हुआ और जनता अपना खून इस सड़क पर बहा रही है। अब यदि अगले 15 दिनों में इस सड़क का पेंच रिपेयर नहीं किया गया। तो मैं नगर निगम मुख्यालय के बाहर अपना खून बहा दूंगी।