मेडीकल ऑफिसर की भर्ती के खिलाफ खारिज की याचिका, हाईकोर्ट ने दी राहत, इंटरव्यू से चयन माना वैध
ग्वालियर. हाईकोर्ट ग्वालियर की एकल पीठ ने मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग (एमपीपीएसी) की मेडीकल ऑफिसर भर्ती प्रक्रिया में केवल इंटरव्यू के आधार पर चयन को चुनौती देने वाली सभी याचिकायें खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति आशीष श्रोती की पीठ ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान तत्काली चिकित्सकों की जरूरत थी। ऐसे में लिखित परीक्षा करना न तो संभव था और न ही व्यावहारिक। इसलिये, केवल साक्षात्कार के आधार पर की गयी नियुक्तियां पूरी तरह से वैध है। राज्य सरकार ने 14 जून 2021 को स्वास्थ्य विभाग में 576 मेडीकल ऑफिसर पदों के लिये भर्ती विज्ञापन जारी किया था। आयोग ने एमबीबीएस में प्राप्त अंकों के आधार पर उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट कर इंटरव्यू क लिये बुलाया गया।इस प्रक्रिया को 4 चिकित्सकों ने अदालत में चुनौती दी थी। अदालत ने रिकॉर्ड और नियमों की जांच के बाद पाया कि महामारी के समय आयोग को आपात स्थिति में चयन प्रक्रिया मेंबदलाव की अनुमति थी। इसलिये इंटरव्यू के आधार पर भर्ती करना वैधानिक है।
याचिकाकर्त्ताओं ने यह भी आरोप लगाया था कि आयोग ने बाद में कट-ऑफ बढ़ाकर नियमों का उल्लघंन किया है। इस पर अदालत ने स्पष्ट किया हैकि मूल नियम केवल न्यूनतम योग्यता तय करते हैं। इंटरव्यू के लिये कितने उम्मीदवार बुलाये जाये। यह आयोग का अधिकार है। अधिक योग्य उम्मीदवार होने पर चयन की गुणवत्ता बनाये रखने के लिये कट-आफ बढ़ाना पूरी तरह उचित और कानूनी है। यह खेल के नियमबदलना नहीं, बल्कि चयन प्रक्रिया की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का कदम है।

