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पीतांबरा पीठ पर ड्रेस कोड व्यवस्था हुई लागू, भारतीय परिधान में ही मिलेगा प्रवेश

दतिया. प्रसिद्ध शक्तिपीठ पीतांबरा मंदिर में ट्रस्ट ने ड्रेस कोड व्यवस्था लागू कर दी है। जिसकी सूचना मंदिर के प्रमुख द्वार सहित अन्य सभी द्वारों पर लगाई गई है। इस व्यवस्था के बाद मंदिर परिसर में भारतीय परिधान पहनकर ही अब श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। पीतांबरा पीठ मंदिर ट्रस्ट ने बोर्ड की बैठक में इस बात का निर्णय लिया है। मंदिर प्रबंधन ने मंदिर के मुख्य द्वार सहित उत्तर द्वार एवं पश्चिमी द्वार पर इसे लेकर सूचना बोर्ड लगा दिए हैं। जिनमें स्पष्ट रूप से मंदिर परिसर में भारतीय परिधान पहनकर ही प्रवेश करने का उल्लेख है।

अधोवस्त्र पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा
पीतांबरा पीठ ट्रस्ट के व्यवस्थापक बीपी पाराशर ने बताया कि अधोवस्त्र पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिर की मर्यादा के अनुरूप परिधान ही पहनकर आना अनिवार्य किया गया है। इस व्यवस्था को लागू कराने के लिए मंदिर के गार्ड व कर्मचारी आने वाले श्रद्धालुओं पर निगरानी रखेंगे। साथ ही आम श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है कि वह पिकनिक स्पाट की तरह अर्धवस्त्र पहनकर मंदिर में आने से परहेज करें।

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सफाई न होने की शिकायत करने गए युवक को नगरपालिका कर्मचारियों ने पीटा

मुरैना. कैलारस कस्बे में एक युवक के साथ नगर पालिका के कर्मचारियों ने मारपीट कर दी। पीटने के बाद वे लोग उसे घायल अवस्था में कस्बे के पहाड़गढ़ चौराहे पर छोड़ कर चले गए। बाद में स्थानीय लोगों ने उसे घायल अवस्था में ई-रिक्शा में बैठाल कर अस्पताल छोड़ा, जहां चिकित्सकों ने उसका इलाज किया। घटना बुधवार की है। बता दें कि, रामजीलाल सिकरवार, निवासी पचेखा गांव कैलारस कस्बे के नगर पालिका में पहुंचा। वहां उसने नगर पालिका के CMO तथा वहां मौजूद सफाई दारोगा से अपने गांव में सफाई को लेकर कहा। इस बात को लेकर उसका सफाई दरोगा एवं स्वच्छता निरीक्षक के साथ झगड़ा हो गया। उसके बाद उन लोगों ने उसके साथ मारपीट की और उसे घायल अवस्था में पहाड़गढ़ चौराहे पर छोड़कर चले गए।
कांग्रेसी नेता ने बचाई जान
पहाडगढ़ चौराहे से गुजर रहे कांग्रेसी नेता राकेश यादव जब उधर से गुजर रहे थे, उन्होंने अपनी कार रोककर, चौराहे पर मौजूद अन्य लोगों की मदद से उसे ई रिक्शा में लिटाया और शासकीय अस्पताल पहुंचाया। वहां उसका इलाज चल रहा
है।
कहती है पुलिस
कैलारस थाना प्रभारी सोनपाल सिंह तोमर ने बताया है कि रामजीलाल सिकरवार अपने गांव की सफाई व्यवस्था को लेकर नगरपालिका गया था, जहां उसका झगड़ा हो गया था। दोनों पक्षों की तरफ से क्रॉस कायमी कर ली गई है।

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MP भाजपा ने 230 विधायकों की तैयार कर ली है लिस्ट

भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 230 विधायकों की लिस्ट तैयार कर ली है। ये विधायक उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र के हैं, जो अपने क्षेत्र में चुनावी जीत की रणनीति में माहिर माने जाते हैं। हर एक विधायक को मप्र की एक सीट का जिम्मा दिया गया है। ये विधायक हर विधानसभा सीट से दावेदारों का पैनल तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट सौपेंगे। इनकी रिपोर्ट के आधार पर न केवल टिकट तय होगा, बल्कि यह भी तय होगा कि उस विधानसभा क्षेत्र में चुनाव कैसे लड़ना है। पार्टी ने फिलहाल विधायकों की इस वर्किंग को गोपनीय रखा है। इसमें यह भी जिक्र है कि कौन किस विधानसभा क्षेत्र में डेरा डालेगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मप्र में चुनाव की पूरी रणनीति गृहमंत्री अमित शाह की देखरेख में ही बन रही है। उसी के मुताबिक काम हो रहा है। दूसरे राज्यों के विधायकों से इस तरह वर्किंग कराना भी उसी का हिस्सा है। ये विशेषज्ञ विधायक हर विधानसभा में पहुंचकर हार-जीत की संभावना को खंगालकर पार्टी को बताएंगे कि उसे क्या करना है और क्या नहीं।

19 को भोपाल में ट्रेनिंग, 20 को क्षेत्र में जाएंगे
BJP के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि चार राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र के चुनिंदा विधायकों को 19 अगस्त को भोपाल में विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश मौजूद रहेंगे। इस दौरान बता दिया जाएगा कि काम कैसे करना है। 20 अगस्त को सभी अपने-अपने क्षेत्र में रवाना हो जाएंगे। जहां वे एक सप्ताह कैंप कर जानकारी जुटाकर रिपोर्ट तैयार करेंगे। ये जो भी काम करेंगे वह गोपनीय होगा। ये उसमें स्थानीय नेताओं का सहयोग नहीं लेंगे।

मौजूदा विधायकों की जमीनी हकीकत जांचना
MP में 230 में से 127 विधायक BJP के हैं। इसमें से 30 मंत्री हैं। क्षेत्र में इन विधायकों की मौजूदा स्थिति क्या है? विधायकों के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी कितनी है? इसे कैसे दूर किया जा सकता है? अन्य राज्यों के विधायक यह जानकारी जुटाएंगे। वे यहां विधायकों के फीडबैक के लेने के साथ ही अन्य दावेदारों से भी संवाद करेंगे। इसके अलावा पार्टी के पदाधिकारियों जैसे जिला अध्यक्ष, विधानसभा क्षेत्र मे आने वाले मंडलों के अध्यक्षों से मौजूदा विधायक का फीडबैक भी लेंगे।

हारी हुई 103 सीटों के लिए रणनीति का इनपुट
सूत्रों का कहना है कि जिन 103 सीटों पर कांग्रेस व अन्य दलों का कब्जा है, उनके लिए BJP अलग रणनीति पर काम कर रही है। इन सीटों पर भेजे जाने वाले विधायकों को अपनी रिपोर्ट में बताना होगा कि जीत के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए? खासकर मौजूदा विधायक की ताकत व कमजोरियों की जानकारी जुटाई जाएगी। इनकी रिपोर्ट में ये भी शामिल होगा कि कौन से मुद्दों को उठाया जाए, जिससे BJP ये सीट जीत सके।

कांग्रेस से आए विधायकों पर ज्यादा फोकस
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस से आए, खासकर सिंधिया समर्थक मंत्रियों और विधायकों की क्षेत्र में क्या स्थिति है? इस पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। विशेषत: उन 9 सीटों पर जहां उपचुनाव 2020 में विधायक हार गए थे। अन्य राज्यों के विधायक इन सीटों के हर पहलू को अपनी रिपोर्ट में शामिल करेंगे। इसके अलावा जो 19 विधायक चुनाव जीत गए थे, अब उनके क्षेत्र में कितनी नाराजगी है? ये भी पता करेंगे। केंद्रीय नेतृत्व इन सीटों को लेकर ज्यादा गंभीर है। इस कारण से इन सीटों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।

MP में BJP के सामने 3 बड़ी चुनौतियां, जिसके कारण केंद्रीय नेतृत्व को संभालना पड़ा मोर्चा
जानकार कहते हैं कि BJP ने इस बार चुनाव में 200 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। जिसे पूरा करने के लिए 3 चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। यही वजह है कि केंद्रीय नेतृत्व मध्यप्रदेश में पूरी ताकत झोंक रहा है, जिनके कारण अमित शाह को MP में मोर्चा संभालना पड़ा है। वे एक महीने में तीन बार मप्र का दौरा कर चुके हैं। जानकारों का मानना है कि 15 महीने की कांग्रेस सरकार को छोड़ दें तो प्रदेश में 18 सालों से BJP की सत्ता है। ऐसे में पार्टी पर एंटी इंकम्बेंसी का खतरा है, केंद्रीय नेतृत्व को इसका आभास है।

सर्वे रिपोर्ट में संकेत ठीक नहीं
BJP के अंदरूनी और कुछ टीवी चैनलों की सर्वे रिपोर्ट में BJP-कांग्रेस में लगभग बराबर का मुकाबला है। 2018 के चुनाव में BJP को जादुई आकंड़े 116 से 7 सीट कम होने के कारण सत्ता से दूर रहना पड़ा था। सर्वे रिपोर्ट में इस बार भी कुछ क्षेत्रों में कांग्रेस को बढ़त मिलती बताई गई है। अब इन इलाकों में पार्टी ज्यादा फोकस कर रही है। चार राज्यों से आने वाले विधायक इन क्षेत्रों में कमजोरियों का पता लगाकर केंद्रीय नेतृत्व को बताएंगे।

पुराने और बड़े नेताओं की नाराजगी
BJP के सामने मूल विचारधारा के पुराने और बड़े नेताओं की नाराजगी भी एक चुनौती है। ये नाराजगी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों के BJP में आने के कारण ज्यादा है। इसका नुकसान नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव में पार्टी पहले ही उठा चुकी है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पहले ही इशारा कर चुके हैं कि यदि हम चुनाव हारेंगे तो अपनों से। केंद्रीय नेतृत्व ने भले ही प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को असंतुष्टों को मनाने की जिम्मेदारी सौंप दी है। इसके बावजूद अन्य राज्यों के विधायक अपनी रिपोर्ट में यह भी बताएंगे कि नाराज नेताओं की क्षेत्र में कितनी वजनदारी है? उनकी नाराजगी से कितना नुकसान हो सकता है।

 टिकट कटने के बाद बढ़ सकती है बगावत
BJP सूत्रों का कहना है कि इस बार उम्मीदवारों का चयन बहुत ही गंभीरता से किया जाएगाा। कुल मिलाकर बात ये है कि जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट मिलेगा। यदि यह फॉर्मूला लागू होता है तो कुछ पुराने विधायकों की टिकट कटने की आशंका है। ऐसे में जिसे टिकट मिलेगा उसके विरोध में बगावत के आसार बन सकते हैं। इन परिस्थितियों से निपटने की तैयारी की जाएगी। ऐसे हालात से पार्टी को कैसे डील करना है, ये रिपोर्ट ये विधायक तैयार करेंगे।

ग्वालियर-चंबल : 2018 में 7 सीटों पर सिमट गई थी BJP
ग्वालियर-चंबल में विधानसभा की 34 सीटें आती हैं। 2018 के चुनाव में BJP 7 सीटों पर सिमट गई थी। सूत्रों का कहना है कि इस चुनाव से पहले कराए गए पार्टी के सर्वे रिपोर्ट में इस इलाके की रिपोर्ट फिलहाल नेगेटिव है। बाद में हुए उपचुनाव में यहां BJP ने 8 और सीटें जीत ली थीं। BJP ने डैमेज कंट्रोल के लिए यहां के कद्दावर नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इसी इलाके से आते हैं।

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फैशन माडल रेश्मी आर नायर ने MP में कराया अर्धनग्न फोटो शूट, जमकर विरोध

सागर. मध्य प्रदेश के सागर शहर में झांसी रोड पर स्थित ऐतिहासिक गढ़पहरा किले के शीशमहल पर केरल की फैशन माडल रेशमी आर नायर के फोटो इंटरनेट मीडिया पर अपलोड होने के बाद प्रसारित हो रहे हैं। फैशन माडल अपने अश्लील फोटोशूट के लिए जानी जाती है। इंटरनेट मीडिया पर उनके इस तरह के कई फोटोशूट अपलोड है। खास बात ये है कि शीशमहल में जहां ये फोटोशूट किया गया है, वह ऐतिहासिक स्थान तो है ही, साथ में यहां पर हनुमान जी का प्राचीन मंदिर और अनगढ़ देवी का मंदिर भी है। इसमें स्थानीय लोगों की अटूट आस्था है। फोटोशूट प्रसारित होने के बाद इसकी आलोचना हो रही है।

शिवसेना ने इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्ति की है। वहीं यह फोटो शूट जुलाई माह का बताया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया पर अपलोड दूसरे फोटो से पता चलता है कि रेशमी आर नायर अपने पति के साथ इंडिया टूर पर निकली थी और उन्होंने देश के कई पर्यटक और धार्मिक स्थानों पर फोटोशूट किया है। इसमें अर्धनग्न और बिकनी फोटोग्राफ्स के अलावा कई अश्लील फोटोग्राफ्स हैं। जुलाई महीने में वे जब नेशनल हाइवे 44 से गुजरी होगी, जो कश्मीर से कन्याकुमारी को जोड़ता है। इसी हाइवे पर सागर का ऐतिहासिक और प्राचीन किला स्थित है। यहीं शीश महल पर उन्होंने फोटो शूट कराया। इस संबंध में शिवसेना के उप राज्य प्रमुख पप्पू तिवारी का कहना है कि माडल रेश्मी आर नायर की यह हकरत बहुत ही निंदनीय है। इस मामले को लेकर शिवसेना सहित अन्य हिंदू संगठनों द्वारा उनके खिलाफ एसपी सागर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। ज्ञापन में फैशल माडल रेश्मी आर नायर पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की जाएगी। इस संबंध में कैंट थाना प्रभारी गौरव तिवारी का कहना है कि उनके यहां अभी तक इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। इंटरनेट मीडिया में इस तरह के फोटो अपलोड होने की सूचना मिली है। इसकी जानकारी ले रहे हैं।

 

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दिग्विजय सिंह बोले- MP में चुनाव जीते तो बजरंग दल पर नहीं लगाएंगे प्रतिबंध

भोपाल. मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर हम मध्य प्रदेश में चुनाव जीतते हैं तो बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगाएंगे। उन्होंने कहा कि बजरंग दल में कुछ अच्छे लोग भी हो सकते हैं। लेकिन हम दंगों या हिंसा में शामिल किसी को भी नहीं बख्शेंगे। इसके पहले कर्नाटक में चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात अपने घोषणा पत्र में की थी। जिसके बाद पूरे देश में बजरंग दल से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन कर विरोध किया था।

सीएम शिवराज ने कहा, इन्हें वोट की फसल की चिंता
उधर पूर्व सीएम कमल नाथ और दिग्विजय सिंह के हिंदुत्व को लेकर आए बयान पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा कि इन्हें वोट की फसल की चिंता है। उन्होंने इन दोनों नेताओं को हिंदुत्व से कोई मतलब नहीं है।

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MP में BJP 230 बाहरी विधायकों की रिपोर्ट से तय करेगी उम्मीदवार, सभी सीटों पर 20 से सर्वे

भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 230 विधायकों की लिस्ट तैयार कर ली है। ये विधायक उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र के हैं, जो अपने क्षेत्र में चुनावी जीत की रणनीति में माहिर माने जाते हैं। हर एक विधायक को मप्र की एक सीट का जिम्मा दिया गया है। ये विधायक हर विधानसभा सीट से दावेदारों का पैनल तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट सौपेंगे। इनकी रिपोर्ट के आधार पर न केवल टिकट तय होगा, बल्कि यह भी तय होगा कि उस विधानसभा क्षेत्र में चुनाव कैसे लड़ना है। पार्टी ने फिलहाल विधायकों की इस वर्किंग को गोपनीय रखा है। इसमें यह भी जिक्र है कि कौन किस विधानसभा क्षेत्र में डेरा डालेगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मप्र में चुनाव की पूरी रणनीति गृहमंत्री अमित शाह की देखरेख में ही बन रही है। उसी के मुताबिक काम हो रहा है। दूसरे राज्यों के विधायकों से इस तरह वर्किंग कराना भी उसी का हिस्सा है। ये विशेषज्ञ विधायक हर विधानसभा में पहुंचकर हार-जीत की संभावना को खंगालकर पार्टी को बताएंगे कि उसे क्या करना है और क्या नहीं।

19 को भोपाल में ट्रेनिंग, 20 को क्षेत्र में जाएंगे
BJP के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि चार राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र के चुनिंदा विधायकों को 19 अगस्त को भोपाल में विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश मौजूद रहेंगे। इस दौरान बता दिया जाएगा कि काम कैसे करना है। 20 अगस्त को सभी अपने-अपने क्षेत्र में रवाना हो जाएंगे। जहां वे एक सप्ताह कैंप कर जानकारी जुटाकर रिपोर्ट तैयार करेंगे। ये जो भी काम करेंगे वह गोपनीय होगा। ये उसमें स्थानीय नेताओं का सहयोग नहीं लेंगे।

मौजूदा विधायकों की जमीनी हकीकत जांचना
MP में 230 में से 127 विधायक BJP के हैं। इसमें से 30 मंत्री हैं। क्षेत्र में इन विधायकों की मौजूदा स्थिति क्या है? विधायकों के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी कितनी है? इसे कैसे दूर किया जा सकता है? अन्य राज्यों के विधायक यह जानकारी जुटाएंगे। वे यहां विधायकों के फीडबैक के लेने के साथ ही अन्य दावेदारों से भी संवाद करेंगे। इसके अलावा पार्टी के पदाधिकारियों जैसे जिला अध्यक्ष, विधानसभा क्षेत्र मे आने वाले मंडलों के अध्यक्षों से मौजूदा विधायक का फीडबैक भी लेंगे।

हारी हुई 103 सीटों के लिए रणनीति का इनपुट
सूत्रों का कहना है कि जिन 103 सीटों पर कांग्रेस व अन्य दलों का कब्जा है, उनके लिए BJP अलग रणनीति पर काम कर रही है। इन सीटों पर भेजे जाने वाले विधायकों को अपनी रिपोर्ट में बताना होगा कि जीत के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए? खासकर मौजूदा विधायक की ताकत व कमजोरियों की जानकारी जुटाई जाएगी। इनकी रिपोर्ट में ये भी शामिल होगा कि कौन से मुद्दों को उठाया जाए, जिससे BJP ये सीट जीत सके।

कांग्रेस से आए विधायकों पर ज्यादा फोकस
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस से आए, खासकर सिंधिया समर्थक मंत्रियों और विधायकों की क्षेत्र में क्या स्थिति है? इस पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। विशेषत: उन 9 सीटों पर जहां उपचुनाव 2020 में विधायक हार गए थे। अन्य राज्यों के विधायक इन सीटों के हर पहलू को अपनी रिपोर्ट में शामिल करेंगे। इसके अलावा जो 19 विधायक चुनाव जीत गए थे, अब उनके क्षेत्र में कितनी नाराजगी है? ये भी पता करेंगे। केंद्रीय नेतृत्व इन सीटों को लेकर ज्यादा गंभीर है। इस कारण से इन सीटों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।

MP में BJP के सामने क्या हैं 3 बड़ी चुनौतियां, जिसके कारण केंद्रीय नेतृत्व को संभालना पड़ा मोर्चा
जानकार कहते हैं कि BJP ने इस बार चुनाव में 200 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। जिसे पूरा करने के लिए 3 चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। यही वजह है कि केंद्रीय नेतृत्व मध्यप्रदेश में पूरी ताकत झोंक रहा है, जिनके कारण अमित शाह को MP में मोर्चा संभालना पड़ा है। वे एक महीने में तीन बार मप्र का दौरा कर चुके हैं। जानकारों का मानना है कि 15 महीने की कांग्रेस सरकार को छोड़ दें तो प्रदेश में 18 सालों से BJP की सत्ता है। ऐसे में पार्टी पर एंटी इंकम्बेंसी का खतरा है, केंद्रीय नेतृत्व को इसका आभास है।

सर्वे रिपोर्ट में संकेत ठीक नहीं
BJP के अंदरूनी और कुछ टीवी चैनलों की सर्वे रिपोर्ट में BJP-कांग्रेस में लगभग बराबर का मुकाबला है। 2018 के चुनाव में BJP को जादुई आकंड़े 116 से 7 सीट कम होने के कारण सत्ता से दूर रहना पड़ा था। सर्वे रिपोर्ट में इस बार भी कुछ क्षेत्रों में कांग्रेस को बढ़त मिलती बताई गई है। अब इन इलाकों में पार्टी ज्यादा फोकस कर रही है। चार राज्यों से आने वाले विधायक इन क्षेत्रों में कमजोरियों का पता लगाकर केंद्रीय नेतृत्व को बताएंगे।

पुराने और बड़े नेताओं की नाराजगी
BJP के सामने मूल विचारधारा के पुराने और बड़े नेताओं की नाराजगी भी एक चुनौती है। ये नाराजगी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों के BJP में आने के कारण ज्यादा है। इसका नुकसान नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव में पार्टी पहले ही उठा चुकी है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पहले ही इशारा कर चुके हैं कि यदि हम चुनाव हारेंगे तो अपनों से। केंद्रीय नेतृत्व ने भले ही प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को असंतुष्टों को मनाने की जिम्मेदारी सौंप दी है। इसके बावजूद अन्य राज्यों के विधायक अपनी रिपोर्ट में यह भी बताएंगे कि नाराज नेताओं की क्षेत्र में कितनी वजनदारी है। उनकी नाराजगी से कितना नुकसान हो सकता है।

टिकट कटने के बाद बढ़ सकती है बगावत
BJP सूत्रों का कहना है कि इस बार उम्मीदवारों का चयन बहुत ही गंभीरता से किया जाएगाा। कुल मिलाकर बात ये है कि जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट मिलेगा। यदि यह फॉर्मूला लागू होता है तो कुछ पुराने विधायकों की टिकट कटने की आशंका है। ऐसे में जिसे टिकट मिलेगा उसके विरोध में बगावत के आसार बन सकते हैं। इन परिस्थितियों से निपटने की तैयारी की जाएगी। ऐसे हालात से पार्टी को कैसे डील करना है, ये रिपोर्ट ये विधायक तैयार करेंगे।

ग्वालियर-चंबल : 2018 में 7 सीटों पर सिमट गई थी BJP
ग्वालियर-चंबल में विधानसभा की 34 सीटें आती हैं। 2018 के चुनाव में BJP 7 सीटों पर सिमट गई थी। सूत्रों का कहना है कि इस चुनाव से पहले कराए गए पार्टी के सर्वे रिपोर्ट में इस इलाके की रिपोर्ट फिलहाल नेगेटिव है। बाद में हुए उपचुनाव में यहां BJP ने 8 और सीटें जीत ली थीं। BJP ने डैमेज कंट्रोल के लिए यहां के कद्दावर नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इसी इलाके से आते हैं।

विंध्य : सीधी पेशाब कांड के बाद बदल गए समीकरण
2018 के चुनाव में प्रदेश में BJP को सबसे ज्यादा फायदा विंध्य इलाके से हुआ था। यहां कुल सीटें 30 हैं। इनमें से BJP ने 24 सीटें जीती थीं। इसके बावजूद यहां की सर्वे रिपोर्ट में BJP को नुकसान बताया जा रहा है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रीवा- शहडोल में सभा हुई। केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी सतना में रैली कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि सीधी पेशाब कांड के बाद से BJP के प्रति लोगों की नाराजगी भी एक वजह है।

मालवा-निमाड़ : आदिवासी सीटों पर हुआ था नुकसान
मालवा-निमाड़ BJP का गढ़ है, लेकिन 2018 के चुनाव में यहां पार्टी को नुकसान हुआ था। इस इलाके में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 22 सीटों में से BJP के पास 6 सीटें हैं और 16 सीटें कांग्रेस के खाते में हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदिवासी बाहुल्य सीटों पर ज्यादा दौरे हो रहे हैं। राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय भी यहां सक्रिय हैं। पूरे इलाके की बात करें तो कुल 66 में से BJP के खाते में 34 सीटें हैं। पिछले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस को 29 सीटें मिली थीं।

इस टेबल से जानिए कौन से विधायक बनाएंगे MP के MLA की रिपोर्ट

क्रमांक विधानसभा इनको जिम्मेदारी यहां से विधायक
1 श्योपुर जयद्रथ यूपी
2 विजयपुर मीनाक्षी सिंह यूपी
3 सबलगढ़ ओमकुमार यूपी
4 जौरा सभाकुंवर कुशवाहा यूपी
5 सुमावली कृष्णा पासवान यूपी
6 मुरैना दीनानाथ भास्कर यूपी
7 दिमनी अभिजीत सिंह सांगा यूपी
8 अंबाह (एससी) अमित सिंह चौहान यूपी
9 अटेर नागेंद्र सिंह राठौर यूपी
10 भिंड अविनाश सिंह चौहान यूपी
11 लहार रमेश चंद्र मिश्रा यूपी
12 मेहगांव दीपक कुमार मिश्रा यूपी
13 गोहद (एससी) सुरेंद्र मैथानी यूपी
14 ग्वालियर ग्रामीण आकाश सक्सेना यूपी
15 ग्वालियर मान्वेंद्र सिंह यूपी
16 ग्वालियर पूर्व विनोद सिंह यूपी
17 ग्वालियर पश्चिम रामराटन कुशवाहा यूपी
18 भितरवार रामपाल वर्मा यूपी
19 डबरा (एससी) रामदुलार गोंड यूपी
20 सेवढ़ा विनय प्रकाश गोंड यूपी
21 भांडेर (एससी) श्रीराम चौहान यूपी
22 दतिया सरिता भदौरिया यूपी
23 करैरा (एससी) कैलाश खरवाड़ यूपी
24 पोहरी पीयूष रंजन निशाद यूपी
25 शिवपुरी रमेश जायसवाल यूपी
26 पिछोर जवाहर लाल राजपूत यूपी
27 कोलारस राजीव सिंह यूपी
28 बमोरी डॉ. अनिल कुमार मौर्य यूपी
29 गुना (एससी) डॉ. राघवेंद्र शर्मा यूपी
30 चाचौड़ा मनीषा अनुरागी यूपी
31 राघौगढ़ ओममणि वर्मा यूपी
32 अशोक नगर (एससी) गौरी शंकर वर्मा यूपी
33 चंदेरी राज मणि यूपी
34 मुंगावली आशीष यादव यूपी
35 बीना (एससी) पंकज गुप्ता यूपी
36 खुरई मोहित सोनकर यूपी
37 सुरखी चेतराम यूपी
38 देवरी संजीव कुमार दिवाकर यूपी
39 रेहली चितराम वर्मा यूपी
40 नरियावली (एससी) सुनील कुमार शर्मा यूपी
41 सागर बम्बा लाल दिवाकर यूपी
42 बंडा देवेंद्र सिंह लोधी यूपी
43 टीकमगढ़ जयपराश निशाद यूपी
44 जतारा (एससी) ज्ञानेंद्र सिंह यूपी
45 पृथ्वीपुर गुरु प्रसाद मौर्य यूपी
46 निवाड़ी महेंद्र सिंह खड़गवंशी यूपी
47 खरगापुर कैलाश राजपूत यूपी
48 महाराजपुर प्रेम पाल सिंह धंगर यूपी
49 चांदला (एससी) राम शंकर सिंह यूपी
50 राजनगर नीलिमा कटियार यूपी
51 छतरपुर कैलाश नाथ यूपी
52 बिजावर बृजेश कुमार रावत यूपी
53 मलहरा वीरेंद्र सिंह लोधी यूपी
54 पथरिया सकेंद्र प्रताप वर्मा यूपी
55 दमोह अनुराग सिंह यूपी
56 जबेरा विपिन कुमार डेविड यूपी
57 हटा (एससी) डॉ. एम पी आर्य यूपी
58 पवई श्याम बिहारी लाल यूपी
59 गुन्नौर (एससी) सुशील सिंह यूपी
60 पन्ना पल्टूराम यूपी
61 चित्रकूट डॉ. नीलकांत तिवारी यूपी
62 रैगांव (एससी) राम फेरन पांडे यूपी
63 सतना रवि शर्मा यूपी
64 नागौद महेश त्रिवेदी यूपी
65 मैहर श्रीकांत कटियार यूपी
66 अमरपाटन प्रेमसागर पटेल यूपी
67 रामपुर बघेलान प्रभात कुमार वर्मा यूपी
68 सिरमौर भूपेश चौबे यूपी
69 सेमरिया राकेश कुमार गोस्वामी यूपी
70 त्योंथर प्रेम नारायण पांडे यूपी
71 मऊगंज मनीष अजीसा यूपी
72 देवतालाब आशीष कुमार सिंह यूपी
73 मनगवां (एससी) हर्षवर्धन बाजपेयी यूपी
74 रीवा रत्नाकर मिश्रा यूपी
75 गुढ़ प्रकाश द्विवेदी यूपी
76 चुरहट अरुण पाठक यूपी
77 सीधी बाबूलाल तिवारी यूपी
78 सिंहावल योगेश वर्मा यूपी
79 चितरंगी (एससी) प्रवीण पटेल यूपी
80 सिंगरौली जयमंगल कानौजिया यूपी
81 देवसर (एससी) राजेश कुमार गौतम यूपी
82 धौहनी (एसटी) सौरभ श्रीवास्तव यूपी
83 बडवारा (एसटी) मूलचंद्र सिंह निरंजन यूपी
84 विजयराघवगढ़ राजीव कुमार तारारा यूपी
85 मुडवारा विकास गुप्ता यूपी
86 बहोरीबंद हरि प्रकाश वर्मा यूपी
87 विदिशा राज प्रसाद उपाध्याय यूपी
88 बासौदा डॉ. मनोज कुमार प्रजापति यूपी
89 कुरवाई (एससी) राम बिलास चौहान यूपी
90 सिरोंज ब्रज भूषण राजपूत यूपी
91 बुधनी चंद्रपाल सिंह लोधी यूपी
92 आष्टा (एससी) डॉ. डीसी वर्मा यूपी
93 इछावर देवेंद्र सिंह यूपी
94 सीहोर पूनम संखवार यूपी
95 नागदा – खचरोद रतनपाल सिंह यूपी
96 तराना (एससी) राम निरंजन यूपी
97 घटि्टया (एससी) रामचंद्र प्रधान यूपी
98 उज्जैन नॉर्थ गुड़िया कथैरिया यूपी
99 उज्जैन साउथ जितेंद्र सिंह सेंगर यूपी
100 बड़नगर अनिल कुमार सिंह यूपी
101 ब्योहारी (एसटी) गनपतभाई वासवा गुजरात
102 जयसिंहनगर(एसटी) जयंतभाई राठवा गुजरात
103 जैतपुर (एसटी) राजेंद्र सिंह राठवा गुजरात
104 कोतमा रमनलाल पटकर गुजरात
105 बांधवगढ़ (एसटी) अरुण सिंह राणा गुजरात
106 मानपुर (एसटी) कन्हैयालाल किशोरी गुजरात
107 नरसिंहगढ़ कल्पेशभाई परमार गुजरात
108 ब्यावरा फेटसिंह चौहान गुजरात
109 राजगढ़ जयद्रथ सिंहजी परमार गुजरात
110 खिलचीपुर अर्जुन सिंह चौहान गुजरात
111 सारंगपुर (एससी) योगेंद्र सिंह परमार गुजरात
112 सुसनेर चैतन्य सिंह जाला गुजरात
113 सोनकच्छ (एससी) ईश्वर सिंह परमार गुजरात
114 हाटपिपलिया अरविंदभाई राणा गुजरात
115 खातेगांव मोहनभाई ढोडिया गुजरात
116 बागली (एससी) अबेशिंह तडवी गुजरात
117 सेंधवा प्रवीणभाई घघरी गुजरात
118 राजपुर (ST) अमूलभाई भट्ट गुजरात
119 पानसेमल (एसटी) निमिशाबेन सुथर गुजरात
120 बड़वानी (एसटी) नरेशभाई पटेल गुजरात
121 अलीराजपुर (एसटी) शैलेष भाई भबोर गुजरात
122 जोबट (एसटी) रमेशभाई कटारा गुजरात
123 झाबुआ (एसटी) चैतनभाई देसाई गुजरात
124 थांदला (एसटी) अरविंदभाई पटेल गुजरात
125 पेटलावद (एसटी) मनुभाई पटेल गुजरात
126 सरदारपुर (एसटी) महेंद्रभाई भाभोर गुजरात
127 गंधवानी (एसटी) योगेश पटेल गुजरात
128 कुक्षी (एसटी) महेशभाई भुरिया गुजरात
129 मनावर राकेशभाई देसाई गुजरात
130 धरमपुरी (एसटी) विजयभाई पटेल गुजरात
131 देपालपुर रमनभाई सोलंकी गुजरात
132 इंदौर -1 शैलेषभाई मेहता गुजरात
133 इंदौर -2 केयूर रोकाडिया गुजरात
134 इंदौर -3 दिनेश कुशवाहा गुजरात
135 इंदौर -4 कौशिकभाई जैन गुजरात
136 इंदौर -5 हार्दिक पटेल गुजरात
137 डॉ अंबेडकरनगर महू पंकजभाई देसाई गुजरात
138 राऊ केतनभाई इनामार गुजरात
139 सांवेर (एससी) बाबूसिंह जाधव गुजरात
140 महिदपुर दर्शन वागेला गुजरात
141 आलोट अक्षयकुमार ईश्वर पटेल गुजरात
142 मंदसौर विपुल पटेल गुजरात
143 मल्हारगढ़ (एससी) ईश्वर सिंह पटेल गुजरात
144 सुवासरा डी.के. स्वामी गुजरात
145 गरोठ पायल कुकरानी गुजरात
146 मनासा भरतभाई पटेल गुजरात
147 नीमच कमलेशभाई पटेल गुजरात
148 जावद रमेश मिस्त्री गुजरात
149 अनुपपुर (एसटी) देवेश कांट सिंह बिहार
150 पुष्पराजगढ़ डॉ. राजेंद्र गुप्ता बिहार
151 शहपुरा (एसटी) विद्या सागर केशरी बिहार
152 डिंडौरी (एसटी) रेनू देवी बिहार
153 सिवनी मालवा नवल किशोर यादव बिहार
154 होशंगाबाद विनोद नारायण झा बिहार
155 सोहागपुर जिबेश कुमार बिहार
156 पिपरिया (एससी) निवेदिता सिंह बिहार
157 उदयपुरा डॉ. प्रमोद कुमार बिहार
158 भोजपुर पवन कुमार यादव बिहार
159 सांची (एससी) अरुण कुमार सिन्हा बिहार
160 सिलवानी मिश्रिलाल यादव बिहार
161 शमशाबाद कृष्ण कुमार ऋषि बिहार
162 बैरसिया जनक राम बिहार
163 भोपाल उत्तर पवन जायसवाल बिहार
164 नरेला सुनील मणि तिवारी बिहार
165 भोपाल दक्षिण-पश्चिम घनश्याम ठाकुर बिहार
166 भोपाल मध्य दिलीप जायसवाल बिहार
167 गोविंदपुरा राजकुमार सिंह बिहार
168 हुजूर श्याम बाबू यादव बिहार
169 आगर (एससी) नारायण प्रसाद बिहार
170 शाजापुर डॉ. संजय पासवान बिहार
171 शुजालपुर विनय बिहारी बिहार
172 कालापीपल वीरेंद्र सिंह बिहार
173 मंधाता ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू बिहार
174 हरसूद (एससी) सुरेंद्र महतो बिहार
175 खंडवा (एससी) रामप्रवेश राय बिहार
176 पंधाना (एसटी) वीरेंद्र पासवान बिहार
177 भगवानपुरा (एसटी) देवेश कुमार बिहार
178 धार विजय खमका बिहार
179 बदनावर जय प्रकाश यादव बिहार
180 रतलाम ग्रामीण (एसटी) कुंदन सिंह बिहार
181 रतलाम सिटी लाल बाबू गुप्ता बिहार
182 सैलाना (एसटी) अवधेश सिंह बिहार
183 जावरा नीरज कुमार सिंह बिहार
184 पाटन राजेश उदयसिंह महाराष्ट्र
185 बरगी जयकुमार रावल महाराष्ट्र
186 जबलपुर ईस्ट (एससी) काशीराम पावरा महाराष्ट्र
187 जबलपुर नॉर्थ सुरेश महाराष्ट्र
188 जबलपुर कैंट मंगेश रमेश चवन महाराष्ट्र
189 जबलपुर वेस्ट राहुल धिकले महाराष्ट्र
190 पनागर देवयानी फ्रंडे महाराष्ट्र
191 सिहोरा (एसटी) श्वेता विद्याधर महले महाराष्ट्र
192 बिछिया (एसटी) आकाश फुंदकर महाराष्ट्र
193 निवास (एसटी) डॉ. संजय कुट महाराष्ट्र
194 मंडला (एसटी) रणधीर सावरकर महाराष्ट्र
195 बैहर (एसटी) प्रकाश भार्कले महाराष्ट्र
196 लांजी हरीश पिंपल महाराष्ट्र
197 परसवाड़ा प्रतापदा अरुण महाराष्ट्र
198 बालाघाट मोहन मेट महाराष्ट्र
199 वारासिवनी कृष्णा सकुल महाराष्ट्र
200 कटंगी विजय रहंगडेल महाराष्ट्र
201 बरघाट (एससी) विकास शंकरराव कुंभारे महाराष्ट्र
202 सिवनी समीर मेघे महाराष्ट्र
203 केवलारी प्रवीण डेरेकर महाराष्ट्र
204 लखनादौन प्रवीण रामचंद्र पोटे महाराष्ट्र
205 गोटेगांव एससी) डॉ. रामदास अंबतकर महाराष्ट्र
206 नरसिंहपुर प्रसाद लाड महाराष्ट्र
207 तेंदूखेड़ा निरंजन दावखारे महाराष्ट्र
208 गाडरवारा गोपिचंद पडलकर महाराष्ट्र
209 जुन्नारदेव (एसटी) राम शिंदे महाराष्ट्र
210 अमरवाड़ा (एसटी) उमटखापारे महाराष्ट्र
211 चौरई श्रीकांत भारती महाराष्ट्र
212 सौंसर सिद्धार्थ शिरोल महाराष्ट्र
213 छिंदवाड़ा सुनील काम्बले महाराष्ट्र
214 परासिया सुधीर गादीवाल महाराष्ट्र
215 पांर्ढूणा (एसटी) संतोष रावसाब महाराष्ट्र
216 मुलताई संजय सावरकेरे महाराष्ट्र
217 आमला (एससी) दिलीप बोरसे महाराष्ट्र
218 बैतूल डॉ. राहुल अहोर महाराष्ट्र
219 घोड़ाडोंगरी सीमा हीर महाराष्ट्र
220 भैंसदेही (एसटी) मोनिका राजाले महाराष्ट्र
221 टिमरनी (एसटी) महेश चोगुले महाराष्ट्र
222 हरदा गनपत कालू गायकवाड़ महाराष्ट्र
223 देवास संजय केलकर महाराष्ट्र
224 नेपानगर (एसटी) प्रशांत ठाकुर महाराष्ट्र
225 बुरहानपुर नितेश नारायण राणे महाराष्ट्र
226 भीकनगांव (एसटी) माधुरी मिसल महाराष्ट्र
227 बड़वाह राहुल कुल महाराष्ट्र
228 महेश्वर (एससी) महेश किशन महाराष्ट्र
229 कसरावद राम सत्पुते महाराष्ट्र
230 खरगोन जयकुमार गोर महाराष्ट्र
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अयोध्या को चारों तरफ से घेर रही ISI, आसपास के 7 जिलों में UP-ATS को मिले 15 एजेंट और स्लीपर सेल

अयोध्या. जनवरी, 2024 में अयोध्या के राममंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। PM नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े नेता और VVIP इकठ्ठा होंगे। हालांकि, अयोध्या के आसपास के जिलों से लगातार ISI एजेंट्स, आतंकी और स्लीपर सेल मेंबर्स की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद से अगस्त, 2020 में बलरामपुर से एक आतंकी, फरवरी-जुलाई और सितंबर, 2021 में लखनऊ से कुल 4 आतंकी, सितंबर, 2021 में ही प्रयागराज, रायबरेली, और बहराइच से 3 आतंकी और अप्रैल, 2022 में गोरखपुर से एक आतंकी गिरफ्तार हुआ। ये सिलसिला रुका नहीं है। सबसे नए मामले में UP ATS ने 2 जुलाई को गोंडा से सद्दाम, 1 अगस्त को मुकीम, 16 जुलाई को रईस, 18 जुलाई को सलमान और अरमान नाम के ISI एजेंट और आतंकी गिरफ्तार किए हैं। इसी केस में 6 जुलाई को गोरखपुर से तारिक नाम का शख्स भी गिरफ्तार हुआ है। यूपी ATS को शुरुआती छानबीन में पता चला है कि इन सभी मामलों में आतंकियों को बाबरी मस्जिद के नाम पर भड़काया गया था। सभी स्लीपर सेल की तरह ट्रेंड किए गए थे और मिशन मिलने पर ही एक्टिव होने वाले थे। सवाल यही है कि क्या अयोध्या और राम मंदिर पर आतंकी खतरा मंडरा रहा है।

सद्दाम की पत्नी बोली- मेरे पास पैसे नहीं कि उसके लिए वकील करूं
यूपी ATS ने सद्दाम को 2 जुलाई को लखनऊ से गिरफ्तार किया। इसी दिन उसके साथी रिजवान को जम्मू-कश्मीर से अरेस्ट किया गया। सद्दाम का घर गोंडा से करीब 20 किमी दूर जेल रोड पर पठानपुरवा गांव में है। घर के अंदर घुसे, तो सामने एक बड़ा बरामदा है। मकान का काम बीच में रुक गया है। दीवारों पर प्लास्टर नहीं है, किचन और एक अधबना कमरा है। घर का दरवाजा खटखटाया, तो अंदर से सद्दाम की पत्नी रूबीना आईं। रूबीना के मुताबिक, सद्दाम के गिरफ्तार होने के बाद से कोई कमाने वाला नहीं है। सद्दाम को आतंकी कहकर पकड़ा था इसलिए अब कोई हमारी मदद भी नहीं कर रहा, रिश्तेदार ताने मारते हैं। बच्चों को स्कूल में लोग परेशान करते हैं और सरकारी दुकान से राशन मिलना बंद हो गया है। डीलर कहता है कि मामला सुलझने के बाद राशन देंगे।

रूबीना ने बताया कि सद्दाम पहले हिंदू था। उसका नाम रंजीत सिंह था। बेंगलुरु में NTC कंपनी का ट्रक चलाता था। 14 जून, 2010 को हमारी शादी हुई थी। पहले सब ठीक था, लेकिन जब वो बाहर गया, तो मुझसे भी बात करना बंद कर दिया था। हमने पूछा कि क्या सद्दाम से मिलने लखनऊ जाओगी, उसके लिए वकील करोगी। रूबीना ने जवाब दिया, ‘मेरे पास इतने पैसे नहीं कि बच्चों को ठीक से पाल सकूं, वकील कहां से करूंगी। हम किसी तरह दो वक्त के खाने का इंतजाम करते हैं। मेरे अंदर अब हिम्मत नहीं है। क्या आपको विश्वास है कि सद्दाम आतंकी है। इस सवाल पर रूबीना कहती हैं, अगर सब कह रहे हैं तो कुछ तो किया ही होगा, ऐसे ही कोई क्यों कहेगा।

 

 

 

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दिल्ली में फिर उफान पर आई यमुना, वॉर्निंग लेवल पर पहुंचा पानी

नई दिल्ली. पिछले दो दिन में यमुना के ऊपरी इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई है। इसके बाद दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 205.03 मीटर के चेतावनी के निशान को पार कर गया है। केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट के अनुसार, पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर सोमवार दोपहर तीन बजे 203.48 मीटर से बढ़कर मंगलवार शाम छह बजे 204.94 मीटर हो गया। हरियाणा के यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज पर प्रवाह 30,153 क्यूसेक दर्ज किया गया, जिसे मानसून के मौसम के दौरान मध्यम माना जाता है।

रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था जलस्तर
दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नदी के किनारे निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है, लेकिन स्थिति गंभीर होने के आसार कम हैं। हिमाचल प्रदेश में रविवार से भारी बारिश का दौर चल रहा है। इसके कारण करीब 53 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली को जुलाई के मध्य में अभूतपूर्व जलभराव और बाढ़ से जूझना पड़ा था। इतना ही नहीं, नदी का जल 13 जुलाई को 208.66 मीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था।

पानी-पानी हुई दिल्ली
दिल्ली में बाढ़ के कारण 27,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। बाढ़ के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है। नदी 10 जुलाई से लगातार आठ दिन तक खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बहती रही। दिल्ली में यमुना के पास के निचले इलाके में लगभग 41,000 लोग रहते हैं। इन इलाकों को संवेदनशील माना जाता है। आपको बता दें कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर तक पहुंचता है तो इसे डेंजर लेवल माना जाता है। आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस पर मंगलवार को जगह-जगह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। दिल्ली एनसीआर में इसी बीच दो घंटे बारिश भी हुई। इस जोरदार बारिश से कई इलाके जलमग्न हो गए। अर्थला मेट्रो स्टेशन, लोनी समेत कई इलाकों से जलजमाव की तस्वीरें आई, जिनमें सड़कें तालाब बनी हुई दिखी।

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ग्वालियर में पुरानी तिजोरी से निकला सिंधिया स्टेट टाइम का खजाना, बेशकीमती चीजें देख उड़े होश

ग्वालियर. नगर निगम की पुरानी तिजोरियां खुली तो उसमें मिले बेशकीमती खजाना देखकर अधिकारी और कर्मचारी सभी हैरान रह गए। दरअसल निगम की पुरानी तिजोरियों से सिंधिया स्टेट टाइम का खजाना निकला है। जिसमें रत्न, हार, बांसुरी सहित जेवरात निकले हैं। बता दें कि लॉकर से निकलीं बेशकीमती सामग्री का अब नगर निगम जौहरी से परीक्षण करवाएगा। ग्वालियर में नगर निगम महापौर शोभा सिकरवार, सभापति मनोज तोमर, नेता प्रतिपक्ष हरिपाल और निगम के अपर आयुक्त आर के श्रीवास्तव आदि की मौजूदगी में दोनों लॉकर खोले गए। जिसकी वीडियो और फोटोग्राफी भी करवाई गई है। ये दोनों लॉकर महाराज बाड़ा स्थित नगर निगम के पुराने मुख्यालय में रखे हुए थे।

तिजोरियों से निकला ये सामान
तीन जरी हार
सिंधिया स्टेट के 4 रत्न
4 बांसुरी
इसके अलावा लॉकर में मिला गुमंद के ऊपर का हिस्सा, जिस पर सोने का पत्र चढ़ा है
1 तराजू, 1 पल्ला, बांट ( सेर, सवासेर )
7 सिंधिया स्टेट टाइम की सीलें
माचिस की डिब्बी के अंदर रखे थे 4 अनमोल रत्न
पुराने लॉकर से मिले इतने बेशकीमती सामान की सूची तैयार कर पंचनामा बनाया गया है। सामान को लॉकर में सुरक्षित रख दिया गया है। जल्द ही बेशकीमती सामान का जौहरी से परीक्षण करवाया जाएगा। इसके बाद ही बैंक में सुरक्षित रखवाया जाएगा। गौरतलब है कि बहुमूल्य सामान सिंधिया स्टेट काल का है। जो 200 से 250 साल पुराना बताया जा रहा है।

अभी तक क्यों नहीं खुले लॉकर
दरअसल नगर निगम दफ्तर वर्तमान में सिटी सेंटर स्थित नई बिल्डिंग में संचालित हो रहा है। इससे पहले नगर निगम का संचालन महाराज बाड़ा स्थित पुराने नगर निगम मुख्यालय से किया जाता था। इसी पुराने मुख्यालय में काफी लंबे समय से दो तिजोरियां मौजूद है, लेकिन उसे खोला नहीं गया था।

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बांके बिहारी मंदिर के पास हादसा, जर्जर बिल्डिंग की दीवार गिरने से 5 की मौत

मथुरा. तीर्थनगरी वृंदावन में एक पुरानी इमारत का हिस्सा गिरने से कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जिस वक्त घटना हुई, उस वक्त मकान के पास से दर्जनों श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर के लिए गुजर रहे थे। ये हादसा ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर से करीब डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर हुआ, जहां एक पुराने मकान की छत पर बनी दीवार और छज्जा अचानक गिर गये। इसके मलबे में दबने से 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 गंभीर रुप से घायल हैं। जिलाधिकारी ने कहा है कि घटना की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

मौके पर पहुंचे आला अधिकारी
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के पास ही स्नेहबिहारी मंदिर क्षेत्र में एक जर्जर मकान था। इसमें स्थित दुकानों की छत पर दीवार बनी थी। यहीं शाम साढ़े पांच बजे बंदर झगड़ रहे थे, तभी दीवार गिर गई। इसके मलबे में दबकर बांके बिहारी मंदिर जा रहे देवरिया के करन झा, भगवानपुर निवासी चंदन राय, वृंदावन निवासी अंजु मुरगई, कानपुर के जरौली निवासी रश्मि गुप्ता व गीता कश्यप और कानपुर नगर बंबुराहिया कालोनी के अरविंद कुमार की मृत्यु हो गई। वहीं, वृंदावन की आकांक्षा मुरगई और सारांश मुरगई, कानपुर के जरौली फेस दो निवासी अनामिका, फीरोजाबाद के खुशीपाल औऱ फरीदाबाद के पंकज मारग गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलते ही डीएम पुलकित खरे और एसएसपी शैलेश पांडेय घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली।

क्या थी वजह
घटना स्थल पर पहुंचे डीएम पुलकित खरे ने बताया कि मृतकों के स्वजन को मुआवजा दिलाने की संस्तुति की जाएगी। बता दें कि पिछले साल भी वृंदावन में हादसे में श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई थी।वहीं, सांसद हेमामालिनी ने जागरण को फोन पर बताया कि उन्होंने करीब एक माह पहले बांके बिहारी मंदिर के आसपास गलियों का निरीक्षण किया था और जर्जर बिल्डिंग को लेकर नगर निगम और विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से उन्हें गिराने को कहा था। डीएम ने भी बताया कि नगर निगम ने कई इमारतों के स्वामी को कुछ दिन पूर्व नोटिस दिया था।