बांग्लादेशियों सिंडिकेट का खुलासा -दिल्ली में अवैध रूप से रहने के लिये किस तरह बनाते थे फर्जी कागजात
नई दिल्ली. निजामुद्दीन इलाके में रहने वाले मोहम्मद नौशाद अनवर शाहिद और उनके कुछ साथियों ने पिछले वर्ष 10 दिसम्बर को दिल्ली पुलिस को एक पत्र लिखकर अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी। अनवर शाहिद के पत्र पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने इसे फौरन ही अपनी नोटिंग के साथ दिल्ली पुलिस को फॉरवर्ड कर दिया था। संदेश साफ था कि अवैध बांग्लादेशी जो दिल्ली में रह रहे हैं। उनके खिलाफ तत्काल और कड़ा एक्शन लिया जाये। उन्हें जल्द से जल्द पकड़कर डिपोर्ट किया जाये।
दिल्ली पुलिस ने भी समय नहीं लगाया और सबसे पहले उस बांग्लादेशी सेल को एक्टिव किया जो वर्षो से दिल्ली में काम कर रहा है। इसकेअलावा हर जिले की पुलिस ने एक स्पेशल ड्राइव अपने इलाके में शुरू की। खासतौर से दक्षिण पूर्व दिल्ली, दक्षिण पश्चिम दिल्ली, शाहदरा और उत्तरपूर्व दिल्ली, सेंट्रल और आउटर दिल्ली में शुरू की गयी। पुलिस टीम को संदेश साफ था। जिस पर भी शक हो उसे रोको उसके दस्तावेजों की जांच करो और अगर कुछ संदिग्ध लगे तो कार्यवाही करो।
दिल्ली में घुसपैठ कराने वाले तीन सिंडिकेट का भंडाफोड़
दिल्ली पुलिस का सर्च अभियान लगातार जारी है. हर दिन दिल्ली पुलिस अवैध-बांग्लादेशियों को पकड़ रही है. इस धर पकड़ के दौरान दिल्ली पुलिस ने तीन ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है जो अवैध बांग्लादेशियों को भारत में एंट्री दिलाने और उन्हें यहां सेटल करने में शामिल रहते थे. इसमें एक नेटवर्क ऐसा है जिसके तार सीधा बांग्लादेश से जुड़े थे. पुलिस ने इस गैंग के चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल हैं।
पकड़ गए अवैध बांग्लादेशियों में अनीश शेख नाम का एक आरोपी भी है, वह 15 साल पहले अवैध रूप से घुसपैठ करके भारत में आया था और दिल्ली में बस गया था. वह घुसपैठियों को दिल्ली में बसाने के काम में जुटा हुआ था. पुलिस ने अनीश की पत्नी सपना और इसके साथी अमीनुर इस्लाम को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक ये लोग आशीष मेहरा के साथ इस सिंडिकेट को चला रहा थे. यह सिंडिकेट दो तरीके से काम करता था। इसका एक तार बांग्लादेश में जुड़ा था. सिंडीकेट के बांग्लादेश का मॉड्यूल वहां पर उन लोगों से बात करता जो अवैध तरीके से भारत आना चाहते हैं. फिर उनसे अपना कमीशन लेकर उन्हें बॉर्डर पार कराता।
मॉड्यूल 1
पुलिस के मुताबिक इस सिंडिकेट का पहला मॉड्यूल बांग्लादेश के अंदर काम करता था. जो बांग्लादेश के दुर्गापुर से भारत के बाघमारा बॉर्डर के जरिए जंगल के अंदर डंकी रूट से बांग्लादेशियों को मेघालय में घुसपैठ करवाता था. इस मॉड्यूल का सरगना अनीश शेख था. अगले पड़ाव तक पहुंचाने के लिए ये लोग ऑटो रिक्शा या कोई छोटी गाड़ी, बाइक या फिर कुछ दूर पैदल चलकर बाघमारा पहुंच जाया करते थे।
मॉड्यूल 2
घुसपैठिए बाघमारा बॉर्डर से अंदर आ जाते थे तो उन्हें मिनी बस के जरिए असम के कृष्णाई तक ले जाया जाता था. ये पूरा रास्ता करीब डेढ़ सौ किलोमीटर लंबा है. इस मॉड्यूल की कमान अमीनुर इस्लाम संभालता था।
मॉड्यूल 3
कृष्णाय पहुंचने के बाद इन घुसपैठियों को ट्रेन के जरिए या तो कोलकाता ले जाया जाता था या फिर बस के जरिए बोंगाईगांव ले जाया जाता था. बोंगाईगांव का रास्ता करीब 75 किलोमीटर का था, जबकि कोलकाता का 100 किलोमीटर का. इस मॉड्यूल की कमान भी अमीनुर इस्लाम ही संभालता था।
मॉड्यूल 4
इस मॉड्यूल की कमान अनीश शेख की पत्नी सपना संभालती थी. कोलकाता और बोंगाईगांव पहुंचे बांग्लादेशी घुसपैठियों को सपना ट्रेन के जरिए दिल्ली लेकर आती थी. एक बार जब घुसपैठिये दिल्ली पहुंच जाते तो यहां आशीष मेहरा का काम शुरू हो जाता. वह सबसे पहले घुसपैठियों के अवैध दस्तावेज बनवाता ताकि उन्हें दिल्ली में काम और रहने के लिए कोई जगह दिलाई जा सके।
कैसे बनते थे फर्जी दस्तावेज
अवैध बांग्लादेशियों का फर्जी दस्तावेज बनवाने में अनीश की मदद मनमोहन और आशीष मेहरा करते. पुलिस ने पकड़े गए अवैध बांग्लादेशियों की निशानदेही पर 6 आधार कार्ड और 5 पैन कार्ड बरामद किए हैं. साथ ही उनके बैंक अकाउंट की ट्रांजैक्शन डिटेल भी जांची जा रही है।
कैसे पकड़े गए तीन सिंडिकेट
सबसे पहले दिल्ली की साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने सोनाली शेख नाम की एक महिला को पकड़ा और उसने पूछताछ में जो जानकारियां साझा कीं, उसके आधार पर अवैध बांग्लादेशियों को भारत लाकर बसाने वाले तीन सिंडिकेटका खुलासा हुआ।