तबला वादक स्वपन चौधरी को तानसेन अंलकरण से विभूषित सानंद संस्था को राजामान सिंह तोमर से विभूषित किया जायेगा

ग्वालियर. संगीत सम्राट तानसेन का अखिल भारतीय शताब्दी समारोह गमक के साथ 14 दिसम्बर से शुरू होने जा रहा है। वर्ष 2023 का राष्ट्रीय तानसेन अंलकरण सम्मान 18 दिसम्बर की शाम कोलकाता के तबला वादक पंडित स्वपन चौधरी को दिया जायेगा। इसी शाम उनकी प्रस्तुति भी होगी। वहीं 2023 का राजामान सिंह तोमर अलंकरण से इन्दौर की सानंद संस्था को विभूषित किया जायेगा। शताब्दी समारोह होने की वजह से इस अखिल भारतीय समारोह को लेकर संस्कृति विभाग ने विशेष तैयारियां की है। 19 दिसम्बर तक चलने वाले समारोह में 150 भारतीय और 10 विदेशी कलाकारों गायन-वादन किया जायेगा।
संस्कृति विभाग के संचालक एनपी नामदेव ने बताया है कि मुख्य समारोह से पूर्व देश के 4 राज्यों में राष्ट्रीय आगाज श्रृंखला का आयोजन होगा। पहली सभा जयपुर के जवाहर कला केन्द्र में सजेगी। इसमें भोपाल के वायलिन वादक पं. प्रवीण शेवलीकर, चेताली शेवलीकर, तबला वादक डॉ. प्रवीण उद्भव और श्रृतु उद्भव प्रस्तुति देंगे। इनके अलावा मुंबई की गौरी पठारे का गायन होगा।शताब्दी समारोह का शुभारंभ संगीत सम्राट तानसेन की समाधि पर चादर पोशी और हरिकथा मीलाद के साथ सुबह होगा। शाम को 7 बजे मुख्य समारोह का औपचारिक शुभारंभ होगा।
गुरु शिष्य परंपरा, ध्रुपद, खयाल
टप्पा, दादरा और घरानों आदि पर चर्चा एवं संवाद होगा। हजीरा स्थित परिसर में दुर्लभ वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शनी में संगीत प्रेमी लोक एवं शास्त्रीय संगीत के 550 दुर्लभ वाद्य यंत्रों को देख सकेंगे। उनकी आंखों के सामने चित्र की मदद से समारोह का 100 साल का सफर होगा। समारोह में गत 100 वर्षों तक हुई प्रस्तुतियां संगीत रसिक सुन सकेंगे। इसके लिए क्यूआर कोड की व्यवस्था की जाएगी। जिसे स्कैन कर संगीत प्रेमी मोबाइल में यू-ट्यूब के जरिए प्रस्तुतियों का आनंद ले सकेंगे। संस्कृति विभाग की तरफ से पहली बार इस तरह का नवाचार किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगा प्रचार
संस्कृति विभाग की ओर से शताब्दी समारोह का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के लिए प्रोमो, लोगो और वेबसाइट लांच की जाएगी। ध्रुपद की वर्तमान स्थिति, विस्तार और व्यापकता पर आधारित सेमिनार 16 से 18 दिसंबर तक चलेगा। इसमें 100 स्कॉलर शामिल होंगे,इसके अलावा 15 से 17 दिसंबर तक।

