अर्थराइटिस के दर्द से बचने के लिये अपने भोजन में शामिल करें यह चीजें
नई दिल्ली. ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें अर्थराइटिस के दर्द से जूझना पड़ता है। अर्थराइटिस यानी गठिया के मरीजों को घुटनों, एडि़यों, पीठ, कलाई और गर्दन के जोड़ों में दर्द होता है। डाइट में बदलाव करने से अर्थराइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है। अर्थराइटिस के मरीजों को ऐसे चीजों का सेवन करना चाहिये जिसमें एंटी इंफ्लेमेअरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती है। कुछ सुपर फूड विशेष रूप से लाभदायक होते है क्योंकि उनमें ऐसे यौगिक होते है जो सूजन को कम कर सकते है। जोड़ों के टिशू की रक्षा कर सकते है और बोन हेल्थ में सुधार कर सकते है। अपनी डाइट में नियमित रूप से इन सुपरफूड को शामिल करके आप गठिया के खतरे को कम कर सकते हैं।
हल्दी
हल्दी भारतीय व्यंजनों में आमतौर पर उपयोग किया जाने वाला एक मसाला है और इसमें कर्क्यूमिन नाम का एक शक्तिशाली यौगिक होता है जो अपने एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिये जाना जाता है। कर्क्यूमिन शरीर में सूजन को कम करने के लिये जाना जाता है। जिससे गठिया के लक्ष्णों, जैसे दर्द और जोड़ों की अकड़न को कम करने में मदद मिलती है।
ऑलिव ऑयल
ऑलिव ऑयल, खासतौर पर एकस्ट्रा वर्जिन ऑलिव-ऑयल ओलियोकैंथल से भरपूर होता है। ओलियोकैंथल सूजन पैदा करने वालेएंजाइम के उत्पादन को रोकता है और जोड़ों में दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
नट्स
सूजन और गठिया के खतरे को कम करने के लिये नट्स फायदेमंद होते हैं। अखरोट, विशेंष रूप् से, अल्फा-लिनोलेनिक एसिड(एएलए) से भरपूर होते हैं। जो ओमेगा-3 फैटी का एक प्रकार है जो शरीर में सूजन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। नट्स मैग्नीशियम, सेलेनियम और विटामिन ई का भी एक अच्छा स्त्रोत है, जो अपने एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के लिये जाने जाते हैं। नियमित रूप सीमित मात्रा में नट्स खाने से बोन हेल्थ में सुधार होता और सूजन कम होती है।
पत्तेदार सब्जियां
पलक, केल और स्विस चार्ड जैसी पत्तेदार सब्जियां एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर होती है जो सूजन से लड़ने और गठिया के खतरे को कम करने में मदद कर सकती है। इन सब्जियों में विशेष रूप से विटामिन सी, ई और के की मात्रा ज्यादा होती है। जो जोड़ों की कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में भूमिका निभाते हैं। विटामिन के, विशेष रूप से, स्वस्थ्य हड्डियों को बनाये रखने में मदद करता है।
फैटी फिश
सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन औरे ट्राउट जैसी फैटी फिश ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती है। जिनमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। फैटी फिश का नियमित सेवन जोड़ों के दर्द और अकड़न को कम कर सकता है। खासकर रूमेटॉइड अर्थराइटिस वाले लोगों में।
बेरीज
ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और ब्लैकबेरी जैसे बेरीज में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। जिनमें एंथोसायनिन और क्वेरसेटिन शामिल हैं जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को बेअसर करके काम करते हैं। जो शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस ओर सूजन पैदा कर सकते ह ै। जिससे अर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है। बेरीज में विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में हेाता है। जो कार्टिलेज में कोलेजन को बनाये रखने में मदद करता है।