‘‘मन की बात’’ में पीएम नरेन्द्र मोदी ने की मध्यप्रदेश की सराहना, डिंडौरी में महिलाओं ने तालाब बनाकर तैयार किया फिश फार्मिंग, छतरपुर में लगाया फ्रूट फॉरेस्ट

भोपाल. पीएम नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम के 114वें एपिसोड में मध्यप्रदेश के छतरपुर और डिंडौरी जिले में जल संरक्षण के लिये किये गये प्रयासों की सराहना की। पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरूआत में कहा कि ‘‘मन की बात’’ को 3 अक्टूबर को 10 वर्ष पूर्ण हो चुके है। इस बीच प्रधानमंत्री ने डिंडौरी के रायपुरा गांव में बड़े तालाब के निर्माण के ग्राउण्ड का जलस्तर के बढ़ने और छतरपुर के खौंप गांव में बड़े तालाब को महिलाओं के प्रयासों से पुर्नजीवित करने का जिक्र किया।

छतरपुर- बंजर भूमि पर लगाया फ्रूट फॉरेस्ट
पहले बात छतरपुर के स्वसहायता समूह हरी बगिया की महिलाओं की। जिला मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत खौप में महिलाओं ने एकजुट होकर बंजर भूमि पर फ्रूट फॉरेस्ट लगाया। समूह की महिलाओं ने ढाई साल पहले बंजर भूमि पर छायादार और फलदार 2300 पेड़ लगाए थे। आज इनमें फल लग चुके हैं।सरपंच महेश यादव ने बताया कि तत्कालीन कलेक्टर संदीप जीआर ने 3 साल पहले प्राचीन तालाब का गहरीकरण करवाया था। उसी समय समूह की महिलाओं से कलेक्टर ने बात की और पंचायत के सहयोग से कंकरीली बंजर भूमि पर तालाब से खाद डलवाया और बगिया का निर्माण कराया था।
वर्षा के जल संरक्षण कितना आवश्यक है-पीएम
पीएम मोदी ने कहा है कि पिछले कुछ सप्ताह से देश के अलग-अलग हिस्सों में जबरदस्त वर्षा हो रही है। वर्षा का मौसम हमें याद दिलाता है कि जल संरक्षण कितना जरूरी है। वर्षा के दिनों में बचाया गया पानी जल संकट के दिनों में मदद करता है। पानी के संरक्षण को लेकर कई लोग नयी पहल कर रहे हैं।
महिलाओं ने डिडौंरी में तालाब बनाकर बदली जिन्दगी
पीएम मोदी ने कहा है कि कहीं नारी शक्ति जल शक्ति को बढ़ाती है, तो कहीं जल शक्ति नारी शक्ति को मजबूत करती है। मध्यप्रदेश के 2 बड़े प्रेरणादाई प्रयासों की मुझे जानकारी मिली। डिंडौरी के रायपुरा गांव में बड़े तालाब के निर्माण से भूजल स्तर काफी बढ़ गया। इसका लाभ गांव की महिलाओं को मिला। यहां शारदा आजीविका स्वः सहायता समूह की महिलाओं को नया व्यवसाय मिल गया। इन महिलाओं ने गांव में फिश पार्लर शुरू किया है। जहां होने वाली मछलियों की बिक्री से आय बढ़ रही है।

