74 हजारा छात्रों की फीस के 54 करोड़ रूपये लौटाने होंगे, जिला प्रशसन ने लगाया 22 लाख रूपये का जुर्माना
जबलपुर. प्रायवेट स्कूलों पर एक बार फिर से बड़ी कार्यवाही की गयी है, एमपी के निजी स्कूल (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 के तहत बनी जिला स्तरीय समिति ने 8 प्रायवेट स्कूलों को 54 करोड 26 लाख रूपये परिजनों को लौटाने का आदेश दिया है। सभी स्कूलों पर 2-2 लाख रूपये का जुर्माना लगाकर फीस लौटाने के लिये 30 दिन का समय दिया गया है। यह रूपये स्कूलों को सीधे पेरेंट्स के बैंक खातों में जमा करने होंगे। समिति ने यह आदेश बुधवार की रात 11.30 बजे जारी किया। समिति के सदस्यों ने पाया कि इन स्कूलों ने 14 हजार 369 छात्रों बतौर फीस अतिरिक्त वसूली की है।
इससे पहले जिला प्रशासन ने 27 मई 2024 स्कूलों को 81 करोड़ रूपये छात्रों और अभिभावकों को वापिस करने के आदेश दिये थे। इसके खिलाफ स्कूल प्रबंधनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई जारी है। हालांकि जिला स्तरीय समिति ने जिन 8 स्कूलों के लिये बुधवार को आदेश जारी किये हैं। वह इनसे अलग है।
इन स्कूलों को लौटानी होगी फीस
जिन स्कूलों पर जुर्माना लगाया गया है उनमें माउंट लिटेरा, जी स्कूल, विजडम वैली स्कूल शास्त्रीनगर और कटंगा, स्प्रिंग डे स्कूल आधारताल, अजय सत्य प्रकाश स्कूल पनागर, सत्य प्रकाश स्कूल पोलीपाथर, क्राइस्ट चर्च गर्ल्स स्कूल, सेंट एलॉयसिस स्कूल पनागर सहित सेंट जोसेफ स्कूल टीएफआरआई शामिल है।
दूसरे कई स्कूल भी जांच के घेरे में
स्कूलों को आदेश देने वाली जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना हैं। उन्होंने कहा- जितनी जल्दी हो सके, बढ़ी हुई फीस वापस की जाए। पेरेंट्स से अवैध रूप से फीस वसूलने वाले स्कूलों के खिलाफ जांच की जाएगी। आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई होगी। इन आठों स्कूलों में से सबसे ज्यादा फीस सत्य प्रकाश स्कूल, पोलीपाथर ने 14 करोड़ 25 लाख रुपए वसूली है। जिला स्तरीय समिति ने स्कूल के लिए फीस स्ट्रक्चर भी तय किया है।
कैसे हुआ प्राइवेट स्कूलों की लूट का खुलासा
मध्यप्रदेश सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए साल 2018 में मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनिमियन) अधिनियम 2017 लागू किया था। 27 मई को जबलपुर कलेक्टर ने इसी कानून का सहारा लेकर 11 प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ न केवल कार्रवाई की, बल्कि 11 स्कूल संचालकों समेत 51 लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की।